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देहरादून_संस्कृत भाषा को उत्तराखंड मे रोजगार से जोड़ने की महत्वपूर्ण पहल – पढ़े बड़ी ख़बर

देहरादून – सचिवालय उत्तराखंड सरकार संस्कृत भाषा को न केवल सांस्कृतिक पहचान के रूप में संरक्षित करना चाहती है, बल्कि इसे युवाओं के लिए रोजगार का जरिया भी बनाना चाहती है। इसी उद्देश्य से उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की महासमिति की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड ऋषि-मुनियों, योग और आयुष की भूमि रही है, जहां संस्कृत भाषा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। उन्होंने इस परंपरा को आगे बढ़ाने और युवाओं को संस्कृत के माध्यम से रोजगार से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत बताई।

प्रमुख घोषणाएं और योजनाएं__

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यज्ञ, कर्मकांड और वेदों में सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था की जाए, ताकि संस्कृत पढ़ने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।

संस्कृत के छात्रों को भारतीय संस्कृति के 16 संस्कारों का व्यवहारिक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। पहले चरण में 100 छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा और हर साल लक्ष्य निर्धारित कर युवाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा।

संस्कृत भाषा के शिक्षण, लेखन और संरक्षण में योगदान देने वालों को हर साल मानदेय देकर सम्मानित किया जाएगा।

स्कूलों और कॉलेजों में गतिविधियां: संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए वाद-विवाद, निबंध लेखन, श्लोक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। सभी सरकारी कार्यालयों में संस्कृत भाषा में नेमप्लेट भी अनिवार्य की जाएंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाव दिया कि जिन राज्यों में संस्कृत को लेकर बेहतर काम हुआ है, वहां की ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ का उत्तराखंड में अध्ययन कर उसे लागू किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत संस्कृत को शिक्षा व्यवस्था में प्रभावी रूप से शामिल किया जाए।

संस्कृत ग्राम और छात्रवृत्ति योजना

संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में एक गांव को संस्कृत ग्राम घोषित किया जा रहा है, कुल 13 गांवों में यह योजना शुरू की गई है और इसे ब्लॉक स्तर तक विस्तारित किया जाएगा। इसके साथ ही संस्कृत के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना और पुजारियों के लिए प्रोत्साहन योजना लागू करने का सुझाव दिया गया।

संस्कृत संभाषण प्रशिक्षण और वेद अध्ययन केंद्र_

राज्य सरकार की योजना संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाने की है। इसके लिए 1 लाख लोगों को ऑनलाइन और ऑफलाइन सरल संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, वेदों के गहन अध्ययन के लिए वेद अध्ययन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

अन्य पहल_

उत्कृष्ट कार्य के लिए संस्कृत विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा।

समसामयिक विषयों पर संस्कृत में लघु फिल्में बनाने के लिए प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

देश-विदेश की संस्कृत संस्थाओं के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

श्रद्धांजलि अर्पित_

बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

इस बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, सचिव श्री वी. षणमुगम, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री, अपर सचिव श्री ललित महान रयाल सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। सचिव संस्कृत शिक्षा श्री दीपक कुमार ने राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने की योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

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HR:विनोद गर्ग जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्य नियुक्त

श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत के कार्यकारिणी सदस्य व कुरुक्षेत्र-कैथल पोस्टल डिविजन पोस्ट फोरम के सदस्य समाजसेवी विनोद गर्ग को हरियाणा सरकार ने जिला कष्ट निवारण समिति का सदस्य मनोनीत किया है। उनकी नियुक्ति पर शहर की विभिन्न संस्थाओं व अग्रवाल सभा ने खुशी जाहिर करते हुए हरियाणा सरकार का आभार जताया। विनोद गर्ग ने मुख्यमंत्री नायब सैनी, कुरुक्षेत्र लोकसभा सांसद नवीन जिंदल का आभार जताया।

HR:एमरजेंसी का काला दिवस मनाने के लिये गुरु घर की गोलक का एक भी पैसा नहीं हुआ खर्च : झींडा

जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर (एसजीपीसी) के साथ मिलकर काम करना चाहती है। एसएसजीपीसी ने एक प्रस्ताव पास करके एसजीपीसी को सिखों की सबसे बड़ी पार्लियामेंट संस्था बताते हुए कहा कि वे सभी सिख एसजीपीसी का आदर सत्कार करते हैं। हरियाणा कमेटी एक स्टेट बॉडी है, इसलिए एसजीपीसी के प्रधान व सदस्यों से अपील है कि वे एसजीपीसी के साथ बैठक कर दोनों राज्यों के मसलों पर बातचीत करके उनका समाधान करने का मंथन करें। प्रस्ताव में कहा गया कि चाहे वह मसले गुरुद्वारा साहिबान की जमीन-जायदाद, ट्रस्ट, स्कूल-कॉलेज एवं चल-अचल संपत्ति से हों या फिर अन्य कोई मसला। प्रस्ताव में दोहराया कि सभी मसलों का समाधान बातचीत के जरिए किया जाए। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि यदि एसजीपीसी हरियाणा कमेटी का इस मामले में सहयोग करती है तो हरियाणा कमेटी उनकी आभारी रहेगी। एचएसजीपीसी के प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने एमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित किए काला दिवस कार्यक्रम पर कहा कि एचएसजीपीसी के बारे में यह कहना गलत है कि कार्यक्रम पर गुरु घर की गोलक से खर्चा किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि काला दिवस कार्यक्रम पर गुरु घर की गोलक का एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। बता दें कि विरोधियों ने झींडा पर आरोप लगाते हुए यह मांग की थी कि काला दिवस मनाने पर गुरु घर की गोलक का एक भी पैसा खर्च न किया जाए। झींडा ने कहा कि कि कार्यक्रम पर कुल 7 लाख 66 हजार 220 रुपये खर्च हुए। पंजाब से आए कुछ नेताओं ने कार्यक्रम की भरपूर सराहना की। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में प्रेम सिंह चन्दूमाजरा तथा कईं अन्य पंजाब से आए नेताओं ने भाग लिया। प्रेम सिंह चन्दूमाजरा और हरियाणा के एमरजेंसी का दंश झेलने वाले अखिल भारतीय क्षतीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहेन्द्र सिंह तंवर ने तो काला दिवस कार्यक्रम में एमरजेंसी में यातनाएं सहन करने और जेल जाने के बारे में भी विस्तार से उपस्थित लोगों को बताया। कार्यक्रम में इंदिरा गांधी और कांग्रेस पर जहां परिवारवाद को बढ़ाया देने, लोकतंत्र का हनन करने, संविधान की अवहेलना करने और तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने तथा सत्ता में रहने के लिए किसी भी हद तक जाने का आरोप लगाया गया तो वहीं शिरोमणी अकाली दल पर भी परिवारवाद फैलाने का आरोप लगाया गया। अब दोनों ही दलों की हालत राजनीतिक तौर पर खराब हो रही है।

HR:डायरेक्ट सेलिंग के क्षेत्र में हरियाणा ने जमाई धाक, देश में सातवें स्थान पर : नागर

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर के कहा कि महिला शक्ति की महिमा को हमारी सरकार ने हमेशा से प्रोत्साहित किया है। हमने लाडली और ड्रोन दीदी जैसी कई योजनाएं लागू की और पंचायत में महिला आरक्षण को साकार रूप दिया है। नागर शक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के हरियाणा, पंजाब, जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के क्षेत्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने सम्मेलन में महिलाओं की भागीदारी को सराहते हुए कहा कि यहा मौजूद एक-एक महिला देश प्रदेश के विकास की एक मजबूत कड़ी है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में डायरेक्ट सेलिंग का बाजार अब 22 हज़ार करोड़ रुपये पार कर चुका है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से डिग्री लेकर निकलने वाला युवा वर्ग भी इस कारोबार से जुड़ रहा है। इस अवसर पर आईडीएसए के चेयरमैन विवेक कटोच ने कहा कि हरियाणा ने वर्ष 2023- 24 मेेें डायरेक्ट सेलिंग क्षेत्र में 1041 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार कर पश्चिमीयतर राज्यों में लगातार प्रथम, उत्तरी क्षेत्र में दूसरा और देश में सातवां स्थान बरकरार रखा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के प्रधान सचिव डी सुरेश ने कहा कि इस क्षेत्र में बहुत सी सुनहरी संभावनाएं हैं बस थोड़ी मेहनत की ज़रूरत है। इस अवसर पर नागर ने 50 से अधिक महिला उद्यमियों को डायरेक्ट सेलिंग क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया। उन्होंने डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। एक शार्ट फिल्म से डायरेक्ट सेलिंग के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को दर्शाया गया। कार्यक्रम में शिवालिक विकास बोर्ड के कार्यकारी उपाध्यक्ष ओम प्रकाश देवीनगर भी उपस्थित थे।  

HR:718 करोड़ रुपये से ज्यादा के कॉन्ट्रेक्ट और खरीद को मंजूरी, विकास कार्यों में 26 कराेड़ की बचत

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी) और उच्चस्तरीय कार्य क्रय समिति (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक में करीब 718 करोड़ रुपये से अधिक के कॉन्ट्रेक्ट और विभिन्न वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी गई। बैठक में विभिन्न बोलीदाताओं से नेगोसिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 26 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की गई है। बैठक में कैबिनेट मंत्री महीपाल ढांडा, विपुल गोयल, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा और श्रुति चौधरी उपस्थित रहे। बैठक में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ट्रांसमिशन लाइन टावरों और सब-स्टेशन संरचनाओं के विनिर्माण एवं आपूर्ति, एचटी भूमिगत लाइनों इत्यादि के लिए भी लगभग 132 करोड़ रुपये के रेट कॉन्ट्रेक्ट को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, नारायणगढ़ डिवीजन में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस (एटी एंड सी) को कम करने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी मंजूरी प्रदान की गई। इस पर लगभग 53.86 करोड़ रुपये की लागत आएगी। गलघोटू और मुंह खुर बीमारी से बचाव के लिए एफएमडी पल्स एचएस दोहरी वैक्सीन की करीब 220 लाख खुराक की खरीद को भी मंजूरी दी गई। इन पर लगभग 73.45 करोड़ रुपए की लागत आएगी। बैठक में फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई। इन परियोजना पर लगभग 13.85 करोड़ रुपये की लागत आएगी। साथ ही, मास्टर सीवरेज और ड्रेन लाइनों की सफाई व रखरखाव के लिए 21.35 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक बसों के लिए सेक्टर-61 में बस डिपो करने, चार्जिंग स्टेशन के लिए 18.48 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। बैठक में प्रिंसिपल एडवाइजर अर्बन डेवलपमेंट डीएस ढेसी, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, वित्त विभाग के आयुक्त एवं सचिव-I मोहम्मद शाइन, आपूर्ति एवं निपटान विभाग के महानिदेशक पंकज के अलावा संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव उपस्थित रहे। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, नए एमसीएच ब्लॉक को मंजूरी बैठक में पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक में 23.64 करोड़ रुपये की लागत से गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण को मंजूरी दी गई। सोनीपत में नागरिक अस्पताल परिसर में 49 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु अस्पताल ब्लॉक (एमसीएच) के निर्माण तथा नूंह जिले के नल्हड़ में एसएचकेएम सरकारी मेडिकल कॉलेज के परिसर में 27.95 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तरों वाले एमसीएच के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। आरओबी और आरयूबी निर्माण को मंजूरी बैठक में पानीपत जिले में जींद-पानीपत रेलवे सेक्शन पर तथा दिल्ली-अंबाला सेक्शन पर आरओबी के निर्माण, बल्लभगढ़ में बल्लभगढ़-पाली-धौज-सोहना सड़क पर मुंबई-दिल्ली रेलवे लाइन के एल.सी.-575बी पर दो लेन आर.ओ.बी. को चार लेन करने तथा फरीदाबाद जिले में दिल्ली – मथुरा रोड क्रॉसिंग से मुजेसर तक दिल्ली- मथुरा रेलवे लाइन पर एल.सी. संख्या 576 पर आर.यू.बी. के निर्माण कार्य को भी मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं पर लगभग 109 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जीएमडीए की 127 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृति nबैठक में बेहरामपुर में मौजूदा 120 एमएलडी एसटीपी का अपग्रेडेशन करके शुद्ध किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता को ओर अधिक बढ़ाने की परियोजना को भी स्वीकृति दी गई। इसके लिए लगभग 33.88 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा, गुरुग्राम शहर में मौजूदा 100 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने तथा 75 एमएलडी क्षमता वाले टर्शरी उपचार संयंत्र की स्थापना इत्यादि के कार्यों को भी मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 51.34 करोड़ रुपये की लागत आएगी। nबैठक में श्रीशीतला माता देवी मेडिकल कॉलेज, सेक्टर-102ए, खेड़की माजरा, गुरुग्राम के लिए लगभग 26.95 करोड़ रुपये की गैर – मेडिकल उपकरणों की खरीद और रखरखाव को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर रीसाइकिल पाइप लाइन के स्थानांतरण कार्य को भी मंजूरी प्रदान की गई, जिस पर 14.90 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

HR:श्रेष्ठ प्रथाएं साझी करने का बेहतर मंच होगा देश का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन : हरविन्द्र

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा है कि 3 और 4 जुलाई को गुरुग्राम जिले के मानेसर स्थित आइकैट परिसर में होने वाला शहरी स्थानीय निकायों का राष्ट्रीय सम्मेलन शहरी स्थानीय शासन के विकास में एक नया अध्याय साबित होगा। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में स्थापित श्रेष्ठ प्रथाएं साझी होगी तथा यह विधायी निर्माण की बारीकियां और वित्त प्रबंधन के गुर सीखने का बड़ा अवसर है। कल्याण शुक्रवार को विधानसभा सचिवालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर मुख्य मंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल विशिष्ट अतिथि होंगे। राज्य सभा के उप-सभापति हरिवंश नारायण सिंह, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सम्मेलन के समापन सत्र में मुख्य अतिथि होंगे। 4 जुलाई को सम्मेलन के समापन पर प्रतिभागियों को लोक सभा भ्रमण भी करवाया जाएगा। विस अध्यक्ष कल्याण ने कहा कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है इस पहले सम्मेलन की मेजबानी हरियाणा विधानसभा को मिली है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस सम्मेलन की कामयाबी न सिर्फ स्थानीय शहरी निकायों को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि विधायिका की कार्य प्रणाली तथा हरियाणा के आतिथ्य भाव की मिसाल भी पेश की जाएगी। विस अध्यक्ष ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन को कामयाब बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। वे लगातार सचिवालय और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से भी आह्वान किया है कि वे लोगों में इस सम्मेलन के प्रति जागरूकता बढ़ाए।

PB:जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के सेवा नियमों को लेकर कमेटी गठित

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के सेवा नियमों को लेकर 34 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कार्यालय द्वारा जारी बयान में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि इस समिति में सचखंड श्री हरमंदिर साहिब श्री अमृतसर के एक प्रतिनिधि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल के एक प्रतिनिधि, बाबा हरनाम सिंह खालसा प्रधान दमदमी टकसाल और अध्यक्ष संत समाज, बाबा निहाल सिंह हरियां वेलां प्रधान तरना दल हरियां वेलां, बाबा बलबीर सिंह 96वें करोड़ी प्रधान शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल, बाबा अवतार सिंह सुरसिंह प्रधान दल शामिल हैं। पंथ बाबा बिधि चंद जी, प्रदमश्री बाबा सेवा सिंह कार सेवा खडूर साहिब, बाबा कश्मीर सिंह प्रधान संप्रदा कार सेवा भूरीवाले, बाबा तेजा सिंह खुदा कुराला निर्मले संप्रदा, महंत रमिंदर दास उदासीन संप्रदा, महंत प्रीतपाल सिंह मिठा टिवाणा सेवापंथी, बाबा सेवा सिंह रामपुर खेड़ा, अध्यक्ष मुख्य खालसा दीवान श्री अमृतसर, केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा चंडीगढ़ के सदस्य। प्रतिनिधि, प्रसिद्ध कथावाचक भाई साहिब ज्ञानी पिंदरपाल सिंह, गुरबानी व्याकरण विशेषज्ञ ज्ञानी साहिब सिंह शाहाबाद मारकंडा, भाई महिंदर सिंह गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था यूके, महंत मंजीत सिंह जम्मू-कश्मीर, बीबी इंद्रजीत कौर प्रधान भगत पूरन सिंह पिंगलवाड़ा सोसाइटी, डॉ. करमजीत सिंह उपकुलपति गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर, डॉ. प्रितपाल सिंह उपकुलपति श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व विश्वविद्यालय श्री फतेहगढ़ साहिब, सिख विद्वान डॉ. बलकार सिंह पंजाबी, डॉ. परमवीर सिंह पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, डॉ. अमरजीत सिंह गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, डॉ. इंद्रजीत सिंह गोगोआनी प्रिंसिपल खालसा कॉलेज सी साई स्कूल अमृतसर, सिख विद्वान डॉ. केहर सिंह, सिख विद्वान डॉ. हरभजन सिंह देहरादून, जी: बलजीत सिंह प्रिंसिपल साहिबजादा जुझार सिंह सिख मिशनरी कॉलेज चौंटा व अन्य शामिल हैं।