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MP- उद्योग मंदिर की तरह हैं जिससे लाखों लोगों को मिलता है रोजगार के रूप में आशीर्वाद : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं। श्रम शक्ति से लाखों व्यक्तियों को रोजी-रोटी मिलती है। आज के तकनीकी दौर में छोटे देश भी प्रगति कर रहे हैं। युद्धों से विकास में पिछड़ने वाले देश भी उद्यमशीलता से विकसित हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आज बदलते दौर का भारत देख रहे हैं, जहां कई क्षेत्रों में तीव्र प्रगति हो रही है। इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है। इंदौर में श्री अतुल पंचशील जैसे उद्योगपति विशिष्ट कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में इण्डस्ट्री पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमि-पूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाईल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बैरसिया में महत्वपूर्ण निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। ड्रोन तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आयेगा। परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गयी 18 उद्योग हितैषी नीतियों का लोकार्पण किया था। ये नीतियाँ उद्योगों के विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में अद्भूत कार्य किया है। उनके विकसित भारत@2047 के संकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। जीआईएस-भोपाल से उद्योग स्थापना के सभी रिकार्ड टूटे हैं। उद्योगपति स्वयं यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में एक माह में उद्योग लगाने का कार्य संभव हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश तेज गति से कृषि विकास दर प्राप्त कर रहा है। आगामी 3 मई को कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार से बढ़कर एक लाख 52 हजार रुपये तक पहुंच गयी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में आज हुई कॉन्क्लेव में एमओयू करने वाले सभी औद्योगिक संस्थान बधाई के पात्र हैं। कॉन्क्लेव के दौरान चार नई औद्योगिक नीतियों की गाइड लाईन जारी की गयी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब मात्र वादों का नहीं, जनता से किये गये वादों को पूरा कर विकास के पथ पर अग्रसर होने वाला राज्य है। “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” मध्यप्रदेश की तकनीकी-परक औद्योगिक यात्रा का स्वर्णिम पड़ाव है। आज का दिन मध्यप्रदेश के टेक्नो-इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इन्दौर में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हुआ है। यह सिर्फ एक कॉन्क्लेव नहीं है, बल्कि प्रदेश की तकनीकी-परक अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ऐतिहासिक कदम है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में हमने दुनिया को मध्यप्रदेश की प्रौद्योगिकी क्षमता से रूबरू करवाया था। यह कॉन्क्लेव उसी संकल्प का जीवंत उदाहरण है, जहां हम “इरादों को निवेश में” और ‘नीतियों को क्रियान्वयन’ में बदल रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को हुए अभी 60 दिन ही हुए हैं और इस अल्प समय में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हमारी ‘प्रॉमिस्ड डिलीवरी’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के निवेश इरादों को ठोस निवेश में बदलना, राज्य में तकनीकी विकास के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना, नए आईटी पार्क, सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस, इनक्यूबेटर्स की स्थापना करना, प्रमुख बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए भूमि-पूजन कर आधारशिला रखना एवं पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का लोकार्पण करना, जीसीसी, आईटी, आईटीईएस सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन, और एवीजीसी-एक्सआर पर चर्चा करके इन नीतियों का सफल क्रियान्वयन कराना, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उद्योगपतियों के बीच विशेष बैठकें आयोजित कर निवेश स्वीकृतियों और परियोजना-स्तरीय चिंताओं पर चर्चा करना और रीयल-टाइम अपडेट और एंड-टू-एंड सुविधा प्रदान करने के साथ प्रदेश को नवाचार और निवेश के लिए एक वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव में 19 निवेशकों से वन-टू-वन मीटिंगभी की गई।

कॉन्क्लेव में की गईं प्रमुख घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्पेस टेक नीति बनाई जायेगी, जिससे राज्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में सायबर सुरक्षा सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 परियोजना के तहत इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जायेगा। इसमें 1,500 करोड़ रूपये के निवेश से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जायेगा, जो डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करेगा। एग्रीटेक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस – आईआईटी इन्दौर में स्थापित किया जायेगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्लाउड एवं अन्य तकनीकों पर आधारित कृषि नवाचारों को बढ़ावा देगा। इवेंट में निवेश प्रोत्साहन को सुविधाजनक बनाने के लिये एमपी डिजिटल इकोनॉमी मिशन का गठन किया जायेगा। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के प्रमुख आईटी पार्कों में 4 नए सुविधा केंद्रों का गठन किया जायेगा। आईटी स्टार्टअप्स को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत शामिल किया जायेगा। आईटी पार्क टॉवर भोपाल बनाया जायेगा, जिसमें 125 करोड़ रूपये की लागत से 3 लाख वर्ग फिट लीज़बल स्पेस बनाई जायेगी। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर में प्लग एंड प्ले सुविधा विकसित की जाएगी, जिससे टेक स्टार्टअप्स और कंपनियों को तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश का स्वच्छतम शहर इन्दौर शहर अब टू टीयर शहर से आगे बढ़ चुका है। यह शहर क्लीन और ग्रीन सिटी है। आने वाले समय में पर्यावरण क्षेत्र में सुधार होगा और शहर में तापमान 5 डिग्री तक कम करने में सफलता प्राप्त होगी।

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने उद्योगों के विकास संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस संकल्प के अनुसार निरंतर महत्वपूर्ण निर्णय लेकर उनका क्रियान्वयन करवाया है।

मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में प्राप्त निवेश प्रस्ताव महत्वपूर्ण रहे। प्रत्येक एमओयू की मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रतिमाह समीक्षा की जाती है। जीआईएस-भोपाल में हुये एमओयू पर तेज गति से कार्य हो रहा है। दो माह में यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। समिट में 18 उद्योग नीतियों की घोषणा के बाद उन पर अमल भी किया जा रहा है। प्रदेश में कृषि दर के बाद अब कुल ग्रोथ रेट भी बढ़ रही है। स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ अधोसंरचनात्मक विकास हो रहा है। आई.टी. क्षेत्र में 4 नीतियाँ लागू की गयी हैं। उद्योगों को सहायता देने में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। किसी उद्योग की स्थापना के लिये आवश्यक स्वीकृतियाँ समय पर प्रदान की जा रही हैं। मुख्य सचिव श्री जैन ने मध्यप्रदेश की अनुकूलताओं और विशेषताओं की भी जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे ने कहा कि फरवरी में हुई जीआईएस-भोपाल में तीन प्रमुख क्षेत्रों टेक्सटाईल, पर्यटन, टेक्नोलॉजी पर जोर दिया गया था। देश भर में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतारने में सफलता मिली है। निवेशकों को समय सीमा में जरूरी स्वीकृतियां प्राप्त हो रही है। एसीएस श्री दुबे ने कहा कि प्लग एंड प्ले की अनुकूलता उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित कर रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का लाभ निवेशकों को मिल रहा है। श्रमिकों की उपलब्धता प्राप्ति और आवश्यक अधोसंरचना में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। किसी उद्योग की स्थापना के लिए आवश्यक स्वीकृति समय पर प्रदान की जा रही हैं। कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा निर्मित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम् से किया गया।

भूमि-पूजन और शिलान्यास

कंट्रोल-एस (CtrlS) डेटा सेंटर के लियेसीसीआईपीके तहत 5 एकड़ भूमि आवंटित हुई हैं। इनके द्वारा भोपाल के बड़वई आईटी पार्क में 12 मेगाबाइट का डाटा सेंटरका निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 500करोड़रूपये हैं, जिससे प्रत्यक्ष 200 से अधिक लोगों को रोजगारप्राप्त होगा।

पंचशील इंफ्रा डेवलपर्स : इन्हें सीसीआईपी के तहत 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इन के द्वारा इंदौर के सुपर कॉरिडोर में आईटी बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा, जिसका निर्मित क्षेत्रफल लगभग 20 लाख वर्ग फुट होगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 1000 करोड़ रुपये है, जिस से प्रत्यक्ष रूप से 15000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

दृष्टि आईआईटीआई इनक्यूबेशन सेंटर: इनके द्वारा सिन्हासा आईटी पार्क, इंदौर में 10,248 वर्ग फुट में 120 सीटर स्टार्ट-अप स्पेस का निर्माण किया जाएगा, जो प्रदेश के स्टार्ट-अप्स को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाने का कार्य करेगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 7 करोड़ रुपये है जो लगभग 120 स्टार्ट-अप्स कंपनियों के लिए पर्याप्त होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए और भी गर्व हो रहा है कि आज के कॉन्क्लेव में ही कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी हुआ है जो विश्वास दिलाता है कि मध्यप्रदेश भारत का टेक हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। आज जिन संस्थाओं की परियोजनाओं की शुरूआत हुई है उनमें – बीईएल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और सॉफ्ट वेयर डेवलपमेंट सेंटर: जो कि इंदौर के सिन्हासा आईटी पार्कमें एमपीएसईडीसी के साथ स्थापित है। यह सेंटर एआई तकनीकों पर केंद्रित है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 3 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 50 लोगोंको रोजगार प्राप्त हुआ है। जबलपुर आईटी पार्क ब्लॉक बी: आईटी/आईटीईएस इकाइयों के लिए रेडी टू टेक बिल्डिंग को 25 करोड़ रूपये के निवेश से एमपीएसईडीसी द्वारा निर्मित किया गया है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कास्ट एनएक्स (देवास स्थित ईएसडीएम स्टार्टअप): पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स और एआई-आईओटी समाधानों में विशेषज्ञता लिए यह संस्थान देवास में स्थित है जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है जो सीधे तौर पर लगभग 150 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। वर्कि-टेक पार्क : यह एक आईटी/आईटीईएस इकाई है जिसकी सौगात इंदौर को मिली है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 7000 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

इसके अलावा अन्य औद्योगिक ​सेक्टर में कुल 452.95 करोड़ रूपये के निवेश वाली एक सशक्त परियोजना-श्रृंखला की घोषणा हुई है। इससे हेवी इंजीनियरिंग, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स, फर्नीचर, फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल डिवाइसेज और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 2,049 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। इनमें से छहपरियोजनाओंकाभूमि-पूजनहुआ हैजिसमें 195.5 करोड़रूपये कानिवेशसंभावित है औरइन परियोजनाओं से 1,200नवीन रोजगार का सृजन होगा। पांच नई औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन हुआ हैजिसमें32.4करोड़रूपये कानिवेशऔर 214नए रोजगार सृजन हुए है। इसके साथ ही पांच उभरते उद्यमों के लिए 225.05 करोड़ रूपये के निवेश के साथ 635नए रोजगार सृजन हेतु आवंटन पत्र जारी किए गए हैं। इसमें पीपीपी मोड पर इंदौर के आईटी पार्क (परदेशीपुरा) में आईटी टॉवर, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु ऑप्टिकल फायबर, भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में स्थापित होने वाली 8 कंपनियों को कुल 12 आवंटन पत्र जारी किए गए हैं।

नीति दिशा-निर्देश और प्रोत्साहन पोर्टल

निवेशकों को एकीकृत सुविधा देने हेतु प्रोत्साहन पोर्टल लॉन्च किया गया। इसके अंतर्गत एमपी जीसीसी नीति-2025, एमपी सेमीकंडक्टर नीति-2025, एमपी एवीजीसी-एक्सआर नीति-2025 और एमपी ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति-2025 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं।

डीएवी इंदौर – प्लग एंड प्ले सुविधा

डीएवी इंदौर परिसर में प्लग एंड प्ले स्पेस की व्यवस्था की जा रही है, जो टेक स्टार्टअप्स और कंपनियों को तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ प्रदान करेगा। तकनीकी दक्षता और सुशासन के लिए एमपीएसईडीसी द्वारा विकसित नए डिजिटल पोर्टल्स लॉन्च किए गए, जिसमें निवेश पोर्टल, अनुकंपा नियुक्ति पोर्टल, मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग पोर्टल और एचआरएमएस मोबाइल ऐप शामिल हैं।

निवेश पोर्टल – MPSEDC का “IT Investment Portal” मध्यप्रदेश के निवेशकों के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है। पोर्टल डिजिटल इंडिया पहल अंतर्गत लॉन्च किया गया था। यह 2023 की आईटी निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत प्रोत्साहन प्रदान करता है।

अनुकंपा नियुक्ति पोर्टल – पोर्टल के माध्यम से शासकीय विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की मृत्यु के बाद परिवार सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है जो पोर्टल से अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग पोर्टल – पोर्टल से प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद / विकास खण्ड प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के संबंध में अनुशंसाएँ करने सहित अन्य कार्य हो सकेंगे।

एचआरएमएस मोबाईल ऐप – मोबाइल ऐप से मध्यप्रदेश के शासकीय विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति तक की गतिविधियों को देखा जा सकेगा।

मध्यप्रदेश टेक्नोलॉजी एडवाइजरी कमेटी का गठन

राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञों की सहभागिता के साथ “मध्यप्रदेश टेक्नोलॉजी एडवाइजरी कमेटी” का गठन किया गया है ताकि राज्य में प्रौद्योगिकी विकास और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके। यह कमेटी, नीति निर्माण और क्रियान्वयन के लिए नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करेगी। इससे प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी साझेदारियों को मजबूत किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य मध्यप्रदेश को एक वैश्विक प्रौद्योगिकी हब के रूप में स्थापित करना और स्थानीय प्रतिभाओं का उपयोग करके क्षेत्रीय क्षमता को सशक्त बनाना है। इस पहल से राज्य की प्रौद्योगिकी-संबंधी नीतियाँ अधिक प्रभावी और प्रतिस्पर्धी बनेंगी। समिति में शामिल प्रमुख विशेषज्ञों में श्री मोहन दास पई, पद्मश्री, पूर्व CFO एवं निदेशक मंडल सदस्य, इंफोसिस, श्री अजय चौधरी, पद्म भूषण, सह-संस्थापक, EPIC फाउंडेशन, श्री के. विश्वनाथन, वरिष्ठ सलाहकार, Fractal Analytics, श्री रूचिर दीक्षित, उपाध्यक्ष, Siemens EDA, श्री नरेंद्र सेन, निदेशक, Rack Bank, श्री प्रवीण काकरिया, संस्थापक, Impetus, श्री ललित केशरे, सीईओ, GROWW, श्री हिमांशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर, डॉ. सत्य गुप्ता, अध्यक्ष VLSI, श्री आशीष कुलकर्णी अध्यक्ष FICCI, श्री कीर्ति बाहेती, प्रबंध निदेशक, Yash Technologies और श्री संजीव कुमार गुप्ता सीईओ KDEM हैं।

“एमपी टेक ग्रोथ कॉनक्लेव-2025” में निवेशकों ने की मध्यप्रदेश की सराहना

इंपेटस टेक्नोलॉजी के श्री प्रवीण काकड़िया ने कहा कि इंपेटस एक डीपटेक ग्रुप ऑफ कंपनी है। इंदौर में इंपेटस एक ब्रांड है। राज्य सरकार हमें बिजनेस बढ़ाने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान कर रही है। यहां के सभी मंत्री और अधिकारी सपोर्टिव हैं, 5 दिन में हमारे सभी दस्तावेज तैयार हो गए थे। इस तेज गति से कार्य करने की क्षमता का मैं कायल हूं।

मध्यप्रदेश से उठी यह वेव देश की इकोनॉमी को बढ़ाएगी

कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन के सीईओ श्री संजय गुप्ता ने कहा कि कर्नाटक देश का अग्रणी राज्य है। आज इंडस्ट्री आधारित ग्रोथ की एक नई वेव नजर आ रही है। मैं मध्यप्रदेश को अपने इंडस्ट्री क्लाइंट के रूप में देखता हूं। मेरा विचार है कि एक प्रोफेशनल बॉडी बने, जो इंडस्ट्री और सरकार के बीच काम करे। डिजिटल इकोनॉमी में स्टार्ट-अप्स की मुख्य भूमिका है। भविष्य में बड़ी संख्या में युवा इस सेक्टर में आएंगे। मध्यप्रदेश से उठी यह वेव देश की इकोनॉमी को बढ़ाएगी।

विकसित भारत में मध्यप्रदेश की बड़ी भूमिका होगी

ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर (जीसीसी) एक्सपर्ट श्री विश्वनाथन केएस ने कहा कि देश में आज 1700 जीसीसी हैं और अगले 5 साल में नए 3000 जीसीसी आएंगे। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने जीसीसी पॉलिसी को अपनाते हुए लैंड रिकॉर्ड, इलेक्ट्रिसिटी बिल जैसी सुविधाओं में कार्य किया है। विकसित भारत में मध्यप्रदेश की बड़ी भूमिका होगी। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में आगे बढ़ने की कैपिबिलिटी है। मध्यप्रदेश में टूरिज्म और कनेक्टिविटी बेहतर है। बैंगलुरू में 7 से 8 प्रतिशत आईटी प्रोफेशनल्स मध्यप्रदेश से हैं, जो अपने प्रदेश लौटना चाहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को इतनी शानदार टीम बनाने के लिए बधाई।

राज्य सरकार ने बनाया उद्योगपतियों के लिए पॉजिटिव वातावरण

इंफोबीन टेक्नोलॉजी के सीईओ श्री सिद्धार्थन सेठी ने कहा कि सपनों को पूरा करने के लिए सकारात्मक माहौल चाहिए। राज्य सरकार ने उद्योगपतियों के लिए एक पॉजिटिव वातावरण बनाया है। हमारे यहां 1500 इंजीनियर कार्यरत हैं। इंफोबीन की जड़ें, इंदौर में हैं और यहीं रहेंगी। कंपनी की उपलब्धियों में मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा योगदान रहा है। आज क्रिस्टल आईटी पार्क इंदौर ही पूरे प्रदेश का गौरव है। हमारे नए निवेश से 6000 लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। करीब 20 हजार लोगों को डायरेक्ट रोजगार और फायदा मिलेगा। मैं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं।

हम राज्य में आईटी सेक्टर को नई ऊँचाई प्रदान करने के लिए संकल्पित

एचएलबीएस प्राइवेट लिमिटेड के श्री मितेश लोकवानी ने कहा कि हमने 2004 में कंपनी की शुरुआत की थी। अभी भोपाल में नई यूनिट स्थापित की है, जो डेस्क टॉप निर्माण में कार्य कर रही है। हमारी कंपनी ने देश-दुनिया में कंप्यूटर और आईटी उपकरण निर्यात किए हैं। एचएलबीएस आज मेक इन इंडिया के विजन पर कार्य करते हुए देश की 7वीं ऐसी कंपनी है, जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। हम मध्यप्रदेश सरकार के साथ कार्य करते हुए राज्य में आईटी सेक्टर को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए संकल्पित हैं।

मुख्यमंत्री के विजन से कंपनी को विस्तार करने के लिए मिली जमीन

पंचशील प्राइवेट लिमिटेड के श्री अतुल चौरड़िया ने कहा कि हम इंदौर में फ्यूचर रेडी पंचशील आईटी पार्क की स्थापना करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विजन से कंपनी के विस्तार के लिए जमीन मिली है। कंपनी डाटा सेंटर तैयार करने की दिशा में भी कार्य कर रही है।

मध्यप्रदेश की नीतियां हैं अत्यंत प्रगतिशील

मीडिया एवं मनोरंजन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव श्री अंकुर भसीन ने कहा मध्यप्रदेश की नीतियां अत्यंत प्रगतिशील हैं, जो राज्य में निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। निवेशकों के प्रति राज्य सरकार का रुख बेहद सहयोगात्मक है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव और मध्यप्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करता हूँ।

मध्यप्रदेश आकर हुआ सकारात्मक अनुभव

क्रेजी कब एनिमेशन स्टूडियो प्रायवेट लिमिटेड के फाउंडर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री कमल पाहूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश आकर राउंड टेबल मीटिंग में भाग लेना सकारात्मक अनुभव रहा। राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां लागू की हैं। मैं मध्यप्रदेश सरकार को धन्यवाद देता हूं।

नीतियों के लिए मुख्यमंत्री का आभार

मोशन जिलेटी प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर श्री हिमांशु चतुर्वेदी ने कहा मध्यप्रदेश सरकार ने निवेशकों के हित में जो नीतियां बनाई हैं, उन्हें प्रभावी रूप से धरातल पर लागू करने का कार्य किया जा रहा है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त करता हूँ।

राज्य में टेक्नोलॉजी के विस्तार में मिलेगी मदद

पिकसेलजी एम्पायर्स प्रायवेट लिमिटेड के फाउंडर श्री प्रशांत श्रीवास ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने जो नीतियां लॉन्च की हैं, उनके लिए मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त करता हूं। इन नीतियों से राज्य में टेक्नोलॉजी के विस्तार में मदद मिलेगी।”

मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत

कॉन्क्लेव में शामिल हुईं निवेशक रुचि सिंह ने कहा कि जिस तरह से सरकार नई नीतियां ला रही है और निवेशकों को सुविधाएं दे रही है, वह वाकई सराहनीय है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में इस क्रांतिकारी पहल की सराहना करती हूं।

हम मध्यप्रदेश सरकार के बहुत आभारी हैं।

ग्रीन गोल्ड एनीमेशन के सीईओ श्री राजीव चिल्का ने कहा कि यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि प्रदेश सरकार इंदौर में एवीजीसी केंद्र स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उम्मीद है कि निकट भविष्य में बहुत सारे स्टूडियो इसका हिस्सा बनेंगे। हम मध्यप्रदेश सरकार के बहुत आभारी हैं।

केंद्रित दृष्टिकोण और कार्यान्वयन के लिए धन्यवाद

कायरा एनीमेशन प्रायवेट लिमिटेड के सीईओ श्री अर्पित दुबे ने कहा कि हम मुख्यमंत्री डॉ. यादव और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को मध्यप्रदेश में एवीजीसी-एक्सआर नीति के प्रति उनके केंद्रित दृष्टिकोण और कार्यान्वयन के लिए धन्यवाद देते हैं।

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HR:दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के 75 प्रतिशत तक कम हुए बिल

हरियाणा में बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने मोर्चा संभाल लिया है। उनका कहना है कि विपक्ष लोगों का गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने कभी भी बिजली दरों में इजाफा नहीं किया। इस अवधि में बिजली उत्पादन की लागत लगातार बढ़ी है। ऐसे में हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग ने दरों में मामूली इजाफा किया है। सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में विज ने कहा कि भाजपा ने कभी भी मुफ्त बिजली देने का वादा नहीं किया। विपक्ष इस मामले में लोगों को भ्रमित कर रहा है। विपक्ष द्वारा किए जा रहे आंदोलन व प्रदर्शनों पर कटाक्ष करते हुए विज ने कहा – विपक्ष भाड़े के लोगों को लेकर प्रदर्शन करे। इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि 2 किलोवाट तक लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में 2014-15 के मुकाबले 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसी तरह से कैटेगरी-।। के उपभोक्ताओं के बिलों में भी कमी दर्ज की है। विज ने साफतौर पर कहा कि प्रदेश में 94 लाभ उपभोक्ता कैटेगरी-। और कैटेगरी-।। में आते हैं। हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) 0 रुपये से 75 रुपये प्रति किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बनाए रखा है। पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये प्रति किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये प्रति यूनिट तक है। विज ने कहा कि संशोधित बिजली टैरिफ में सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) को समाप्त किया है। किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली आपूर्ति विज ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति हो रही है। यह टैरिफ मीटर्ड वाले उपभोक्ताओं के लिए है और 15 रुपये प्रति हॉर्स पावर के हिसाब से मासिक फ्लेट रेट तय किया हुआ है। किसानों को दी जा रही सस्ती बिजली की एवज में सरकार की ओर से बिजली कंपनियों को सब्सिडी (अनुदान) दिया जाता है। मीटर वाले कनेक्शन के लिए एमएमसी को घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) कर दिया है।

HR:13 साल बाद होंगे स्टेट गेम्स, एचओए ने बनाई सर्च कमेटी

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। लगभग 13 वर्षों के बाद प्रदेश में ‘स्टेट गेम्स’ होंगे। हरियाणा ओलंपिक संघ ने ये खेल करवाने का निर्णय लिया है। स्टेट गेम्स इसी साल होंगे। इससे पहले 2012 में आखिरी बार स्टेट गेम्स हुए थे। हालांकि समय और जगह अभी तय नहीं की है। इसके लिए संघ ने सर्च कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। वहीं फुटबाल खिलाड़ियों के लिए ट्रायल 2 व 3 जुलाई को पंचकूला स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में होंगे। ट्रायल के लिए फुटबाल की एडहॉक कमेटी का गठन किया है। सोमवार को पंचकूला स्थित हरियाणा ओलंपिक संघ कार्यालय में हुई सालाना जनरल बॉडी और मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में ये निर्णय लिए गए। ओलंपिक संघ के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संघ के महासचिव व हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी मौजूद रहे। बैठक में खिलाड़ियों की समस्याओं, खेल परिसरों में सुधार सहित कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही, यह तय किया गया कि मैनेजमेंट कमेटी (प्रबंधन समिति) की बैठक अब हर माह के पहले मंगलवार को होगी। बैठक में संघ कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह, उपाध्यक्ष – मुकेश शर्मा विधायक, नीरज तंवर, सुनील मलिक, अनिल खत्री, जितेंद्र सिंह व राकेश सिंह तथा कार्यकारी सदस्य रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया मौजूद रहे। वहीं एजीएम में सभी 22 जिलों के ओलंपिक संघ सचिव, खेल विश्विविद्यालय, पुलिस खेल टीम, एचएसआईआईडीसी तथा बिजली निगमों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। फुटबाल के लिए बनाई गई एडहॉक कमेटी का अध्यक्ष नीरज तंवर को बनाया है। कमेटी में अनिल खत्री, रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया को बतौर सदस्य शामिल किया है। बैठक में संघ अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) ने कहा कि सभी फेडरेशन को खिलाड़ियों को तैयार करने पर विशेष फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओलंपिक संघ 2036 के ओलंपिक खेलों की तैयारियों के हिसाब से काम कर रहा है। कैबिनेट मंत्री व महासचिव कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने सभी सांसदों को भी निर्देश दिए हुए हैं कि वे खेलों के साथ जुड़ें ताकि अच्छे खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी खेल फेडरेशन का फर्ज बनता है कि वे अच्छे खिलाड़ी तैयार करें ताकि देश व प्रदेश का नाम रोशन हो।

HR:बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी अनटैप्ड सीवरेज या औद्योगिक अपशिष्ट जल ड्रेन में प्रवाहित न हो, इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा ऐसे सभी स्थानों की पहचान कर प्रभावी उपाय किए जाएं, ताकि गंदे पानी को ड्रेनों में गिरने से पूरी तरह रोका जा सके। प्रारंभिक चरण में अंबाला, कुरुक्षेत्र एवं यमुनानगर जिलों में इस दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए आगामी तीन माह के भीतर इन जिलों में उल्लेखनीय सुधार किया जाए। मुख्यमंत्री यहां बजट घोषणाओं की प्रगति के बारे में बुलाई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बजट घोषणाओं में किए गए सभी वादों को समय पर पूरा किया जाए ताकि प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द इनका लाभ मिल सके। अरावली क्षेत्र में बनने वाली जंगल सफारी की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां ऐसे जानवर रखें जाएं जो मानवता के लिए हानिकारक न हों। पर्यटन एवं विरासत विभाग की घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तीज-त्योहार, मेले और उत्सवों पर जनभागीदारी बढ़ाने के लिए इस वर्ष बजट में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिंजौर के यादवेंद्र गार्डन की विरासत को संजोते हुए इसे और अधिक सुंदर बनाया जाए ताकि देशभर के पर्यटक यहां आकर आनंद ले सकें। बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने यादवेंद्र गार्डन और टिक्करताल, मोरनी के पुनर्विकास के लिए 90 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की है। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।  

Haryana STF की सर्जिकल स्ट्राइक : 6 माह में 58 इनामी अपराधी, 101 गैंगस्टर और 178 जघन्य आरोपी गिरफ्तार

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 2025 के पहले छह महीनों के दौरान संगठित अपराध के विरुद्ध कई महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जनवरी से जून तक की अवधि में एसटीएफ ने 58 इनामी बदमाशों, 101 गैंगस्टरों या उनके सहयोगियों और 178 जघन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आंकड़े एसटीएफ की योजनाबद्ध कार्रवाई और खुफिया समन्वय को दर्शाते हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर के अनुसार, एसटीएफ ने इस दौरान राज्य और अंतरराज्यीय गैंग नेटवर्क को निशाना बनाकर कार्रवाई की है। उनका कहना है कि तकनीक, विश्लेषण और त्वरित एक्शन के समन्वय से अपराधियों के खिलाफ प्रभावी परिणाम सामने आए हैं। 2024 की तुलना में रणनीतिक पकड़ में सुधार 2024 की इसी अवधि की तुलना में 2025 में गैंगस्टरों की गिरफ्तारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में जहां 29 गैंगस्टर पकड़े गए थे, वहीं 2025 में यह संख्या 101 रही। हालांकि, जघन्य अपराधों में गिरफ्तारियों की संख्या घटकर इस वर्ष 178 रही, जो पिछले वर्ष 227 थी। इनामी बदमाशों की संख्या भी 2024 में 100 थी, जबकि इस वर्ष 58 दर्ज की गई। अंतरराष्ट्रीय अपराधियों पर निगरानी एसटीएफ मुख्यालय में गठित RCN-LOC सेल ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से 10 अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों का प्रत्यर्पण या निर्वासन सुनिश्चित किया है। यह कार्रवाई इंटरपोल नोटिस, लुकआउट सर्कुलर, पासपोर्ट निरस्तीकरण और अस्थायी गिरफ्तारी अनुरोधों के माध्यम से की गई। साइबर अपराध के मोर्चे पर सक्रियता एसटीएफ ने तकनीक-आधारित अपराधों से निपटने के लिए अपने अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसमें डार्क वेब विश्लेषण, सर्विलांस तकनीक और साइबर संकेतकों की पहचान जैसे विषय शामिल हैं। डीआरडीओ की संस्था CAIR से प्राप्त उपकरणों और प्रशिक्षण की मदद से टीम की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संरचना और संसाधनों को मिली मजबूती पिछले दो वर्षों में एसटीएफ की संरचना को सुदृढ़ किया गया है। बल की संख्या में वृद्धि की गई है। दो नई इकाइयों की स्थापना हुई है। एक विश्लेषणात्मक विंग और एक वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) भी जोड़ी गई है। इसके अतिरिक्त, फील्ड यूनिटों को अत्याधुनिक हथियार, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष वाहनों से लैस किया गया है। साथ ही, ईगल (EAGLE) और DMS जैसे डेटा विश्लेषण सॉफ्टवेयर की सहायता से अपराधियों की निगरानी और ट्रैकिंग अब और अधिक सटीक हो गई है। एसटीएफ देश के लिए मॉडल बनेगी : डीजीपी डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि एसटीएफ हरियाणा में संगठित अपराध के खिलाफ राज्य की प्रतिबद्धता का मजबूत उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने न केवल अपराधियों की गिरफ्तारी की है, बल्कि गैंग नेटवर्क को रणनीतिक रूप से कमजोर किया है। तकनीक, विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई के संयोजन ने एसटीएफ को बेहद असरदार बनाया है। उन्होंने बताया कि टीम को आधुनिक संसाधनों और साइबर प्रशिक्षण से लैस किया जा रहा है ताकि भविष्य में और बेहतर परिणाम सामने आएं। डीजीपी के अनुसार, “एसटीएफ अब केवल एक ऑपरेशन यूनिट नहीं, बल्कि एक विश्लेषण आधारित रणनीतिक बल के रूप में काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि इसे देशभर में संगठित अपराध से निपटने के लिए मॉडल यूनिट के रूप में स्थापित किया जाए।”  

HR:विधायक और रेसलर विनेश फोगाट बनीं मां, दिल्ली में बेटे को दिया जन्म

ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने वाली अंतरराष्ट्रीय पहलवान और जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट मां बन गई हैं। मंगलवार सुबह 9 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने बेटे को जन्म दिया। ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी हुई और जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। विनेश को सोमवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके ससुर राजपाल राठी ने बताया कि डॉक्टर्स ने बच्चा सही से ग्रोथ न कर पाने और बॉडी टाइट होने के चलते ऑपरेशन का निर्णय लिया। विनेश ने 6 मार्च 2025 को अपने मां बनने की खुशी सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने पति सोमबीर राठी के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था — ‘ऑवर लव स्टोरी कंटिन्यूज़ विद न्यू चैप्टर…’ साथ में एक नन्हे बेबी के फुटप्रिंट और लव इमोजी भी जोड़े गए थे।

PB:विधायक का महिलाओं ने किया विरोध

संगरूर के बालद कोठी में पहुंची हलका विधायक नरिंदर कौर भराज को आज वहां मौजूद महिलाओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा और महिलाओं ने विधायक से सवाल पूछने शुरू कर दिए। वहां मौजूद महिलाएं भड़क उठीं और उन्होंने वहां फैली गंदगी के बारे में बीबा भराज से सवाल किए। इसी दौरान जब विधायक बिना जवाब दिए जाने लगीं तो उक्त महिलाओं ने उन्हें रोककर सवाल पूछे। विधायक ने उन्हें चुप कराने का प्रयास किया, लेकिन वह बालद कोठी के हालातों से अवगत कराते हुए विधायक के सामने ही बड़े गुस्से के साथ ऊंची आवाज में बोलने लगीं। इस दौरान वहां मौजूद नेताओं ने महिलाओं को शांत करने का प्रयास किया। यहां उल्लेखनीय है कि इस कोठी के हालात पिछले काफी समय से बद से बदतर होते जा रहे थे और यहां रहने वाले लोग गंदगी में रहने को मजबूर थे। अपने बचाव के लिए विधायक ने कहा कि बालद कैंचियां में गंदे पानी की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि नगर कौंसिल भवानीगढ़ ने इन कैंचियों के नजदीक घरों के इस्तेमाल किए गए पानी को शहर के सीवरेज से जोड़ने के लिए करीब 65 लाख रुपए का एस्टीमेट पास किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस एस्टीमेट को मंजूरी मिलते ही अगली कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इस रिहायशी इलाके का सीवरेज सड़कों पर आ जाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।