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लोन नहीं भरने के मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, लोन नहीं चुका पाने वालों को बड़ी राहत EMI बाउंस – अधिवकता आंचल चौहान

EMI bounce:-(एम सलीम खान संवाददाता) बैंक से लोन लेने के बाद भुगतान न कर पाने वालों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। इस महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लोन डिफॉल्ट के मामले में लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने का अधिकार नहीं है।

यह फैसला ऐसे समय आया है जब कई लोग आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपने लोन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं और बैंकों की कार्रवाई से परेशान हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के इस निर्णय से लोन न चुका पाने वाले लोगों को कानूनी संरक्षण मिला है और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हुई है।

बॉम्बे हाईकोर्ट का निर्णय

बॉम्बे हाईकोर्ट की डिविजनल बेंच ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लोन न चुकाने वालों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने का कानूनी अधिकार नहीं है।

अदालत ने केंद्र सरकार के उस कार्यालय ज्ञापन की धारा को भी अवैध घोषित किया है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्षों को लोन डिफॉल्ट के मामलों में एलओसी जारी करने का अधिकार दिया गया था।

हाईकोर्ट के इस फैसले से लोन न चुका पाने वाले लोगों के विदेश यात्रा करने के अधिकार की रक्षा होगी, जिसे अब तक बैंक लुकआउट सर्कुलर जारी करके प्रतिबंधित कर सकते थे।

मौलिक अधिकारों का संरक्षण

अदालत ने अपने फैसले में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि लोन डिफॉल्ट के मामले में बैंक द्वारा लुकआउट सर्कुलर जारी करना, खासकर जब इससे किसी व्यक्ति को विदेश यात्रा करने से रोका जाता है, तो यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

नागरिकों के यात्रा संबंधी अधिकार संविधान द्वारा संरक्षित हैं, और केवल कानून की उचित प्रक्रिया के माध्यम से ही इन्हें सीमित किया जा सकता है। हाईकोर्ट के अनुसार, सिर्फ लोन न चुका पाना ऐसा कारण नहीं है जिसके आधार पर किसी के आवागमन के अधिकारों को प्रतिबंधित किया जा सके।

केंद्र सरकार के ज्ञापन पर टिप्पणी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के 2018 में जारी कार्यालय ज्ञापन के संशोधन की भी आलोचना की है। इस संशोधन के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भारत के आर्थिक हित में एलओसी जारी करने का अधिकार दिया गया था।

अदालत ने माना कि यह प्रावधान कानूनी रूप से अमान्य है क्योंकि इसके अंतर्गत बैंकों को ऐसे अधिकार दिए गए थे, जो केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पास होने चाहिए। बैंकों को ऐसे अधिकार देना न्यायिक प्रक्रिया के सिद्धांतों के विपरीत है और इससे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन हो सकता है।

केंद्र सरकार की दलील

इस मामले में केंद्र सरकार के वकील ने अदालत में तर्क दिया था कि सरकार के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का विदेश जाना देश के लिए आर्थिक रूप से हानिकारक प्रतीत होता है, तो उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया जा सकता है।

सरकार का मानना था कि बड़े लोन डिफॉल्टरों के विदेश भागने की संभावना को रोकने के लिए यह प्रावधान आवश्यक है। हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि ऐसे प्रतिबंध केवल उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद ही लगाए जा सकते हैं।

बैंकों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला

इस फैसले का बैंकों के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। अब बैंक लोन डिफॉल्ट के सामान्य मामलों में लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं कर सकेंगे और उन्हें वसूली के लिए अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार करना होगा। बैंकों के पास अभी भी सरफेसी एक्ट (SARFAESI Act) और ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) जैसे कानूनी उपाय मौजूद हैं।

हाईकोर्ट के फैसले का अर्थ यह नहीं है कि लोन डिफॉल्टरों की जिम्मेदारी समाप्त हो गई है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि उनके अधिकारों का हनन न हो और केवल उचित कानूनी प्रक्रिया का ही पालन किया जाए।

लोन धारकों के लिए राहत

इस फैसले से लोन लेने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है, विशेष रूप से उन लोगों को जो विभिन्न कारणों से अपने लोन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।

अब उन्हें यह भय नहीं रहेगा कि सिर्फ लोन डिफॉल्ट के कारण उन पर लुकआउट सर्कुलर जारी हो जाएगा और उन्हें विदेश यात्रा करने से रोका जाएगा।

यह फैसला यह भी स्पष्ट करता है कि लोन न चुकाना अपराध नहीं है, बल्कि एक नागरिक देनदारी है, जिसके लिए उपयुक्त कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।

लोन डिफॉल्ट से जुड़े अन्य कानूनी प्रावधान

हालांकि, यह फैसला लोन न चुकाने वालों को पूरी छूट नहीं देता है। बैंक अभी भी अन्य कानूनी प्रावधानों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे उधारकर्ता की संपत्ति की कुर्की, आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार विलफुल डिफॉल्टर घोषित करना, और सिविल मुकदमे दायर करना।

इसके अलावा, धोखाधड़ी या जानबूझकर लोन न चुकाने के मामलों में आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला केवल लुकआउट सर्कुलर के प्रावधान को अवैध घोषित करता है, न कि लोन वसूली के अन्य कानूनी उपायों को।

बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला भारतीय बैंकिंग प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो नागरिकों के अधिकारों और कानूनी प्रक्रिया के महत्व को रेखांकित करता है। यह फैसला यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक देनदारियों के कारण किसी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो।

हालांकि, इससे लोन धारकों की लोन चुकाने की जिम्मेदारी कम नहीं होती है। लोन का भुगतान समय पर करना अभी भी प्रत्येक उधारकर्ता का कर्तव्य है। यह फैसला केवल यह सुनिश्चित करता है कि वसूली की प्रक्रिया में नागरिक अधिकारों का सम्मान किया जाए और केवल उचित कानूनी प्रक्रिया का ही पालन हो।

इस लेख में दी गई जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी लोन या बैंकिंग संबंधी मामले में व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार योग्य कानूनी सलाहकार से परामर्श करना उचित होगा।

फैसले की व्याख्या और उसके प्रभाव समय के साथ बदल सकते हैं, और अन्य न्यायालयों के निर्णय भी इसे प्रभावित कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी, लेकिन किसी भी कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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HR:दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के 75 प्रतिशत तक कम हुए बिल

हरियाणा में बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने मोर्चा संभाल लिया है। उनका कहना है कि विपक्ष लोगों का गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने कभी भी बिजली दरों में इजाफा नहीं किया। इस अवधि में बिजली उत्पादन की लागत लगातार बढ़ी है। ऐसे में हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग ने दरों में मामूली इजाफा किया है। सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में विज ने कहा कि भाजपा ने कभी भी मुफ्त बिजली देने का वादा नहीं किया। विपक्ष इस मामले में लोगों को भ्रमित कर रहा है। विपक्ष द्वारा किए जा रहे आंदोलन व प्रदर्शनों पर कटाक्ष करते हुए विज ने कहा – विपक्ष भाड़े के लोगों को लेकर प्रदर्शन करे। इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि 2 किलोवाट तक लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में 2014-15 के मुकाबले 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसी तरह से कैटेगरी-।। के उपभोक्ताओं के बिलों में भी कमी दर्ज की है। विज ने साफतौर पर कहा कि प्रदेश में 94 लाभ उपभोक्ता कैटेगरी-। और कैटेगरी-।। में आते हैं। हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) 0 रुपये से 75 रुपये प्रति किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बनाए रखा है। पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये प्रति किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये प्रति यूनिट तक है। विज ने कहा कि संशोधित बिजली टैरिफ में सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) को समाप्त किया है। किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली आपूर्ति विज ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति हो रही है। यह टैरिफ मीटर्ड वाले उपभोक्ताओं के लिए है और 15 रुपये प्रति हॉर्स पावर के हिसाब से मासिक फ्लेट रेट तय किया हुआ है। किसानों को दी जा रही सस्ती बिजली की एवज में सरकार की ओर से बिजली कंपनियों को सब्सिडी (अनुदान) दिया जाता है। मीटर वाले कनेक्शन के लिए एमएमसी को घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) कर दिया है।

HR:13 साल बाद होंगे स्टेट गेम्स, एचओए ने बनाई सर्च कमेटी

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। लगभग 13 वर्षों के बाद प्रदेश में ‘स्टेट गेम्स’ होंगे। हरियाणा ओलंपिक संघ ने ये खेल करवाने का निर्णय लिया है। स्टेट गेम्स इसी साल होंगे। इससे पहले 2012 में आखिरी बार स्टेट गेम्स हुए थे। हालांकि समय और जगह अभी तय नहीं की है। इसके लिए संघ ने सर्च कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। वहीं फुटबाल खिलाड़ियों के लिए ट्रायल 2 व 3 जुलाई को पंचकूला स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में होंगे। ट्रायल के लिए फुटबाल की एडहॉक कमेटी का गठन किया है। सोमवार को पंचकूला स्थित हरियाणा ओलंपिक संघ कार्यालय में हुई सालाना जनरल बॉडी और मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में ये निर्णय लिए गए। ओलंपिक संघ के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संघ के महासचिव व हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी मौजूद रहे। बैठक में खिलाड़ियों की समस्याओं, खेल परिसरों में सुधार सहित कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही, यह तय किया गया कि मैनेजमेंट कमेटी (प्रबंधन समिति) की बैठक अब हर माह के पहले मंगलवार को होगी। बैठक में संघ कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह, उपाध्यक्ष – मुकेश शर्मा विधायक, नीरज तंवर, सुनील मलिक, अनिल खत्री, जितेंद्र सिंह व राकेश सिंह तथा कार्यकारी सदस्य रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया मौजूद रहे। वहीं एजीएम में सभी 22 जिलों के ओलंपिक संघ सचिव, खेल विश्विविद्यालय, पुलिस खेल टीम, एचएसआईआईडीसी तथा बिजली निगमों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। फुटबाल के लिए बनाई गई एडहॉक कमेटी का अध्यक्ष नीरज तंवर को बनाया है। कमेटी में अनिल खत्री, रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया को बतौर सदस्य शामिल किया है। बैठक में संघ अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) ने कहा कि सभी फेडरेशन को खिलाड़ियों को तैयार करने पर विशेष फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओलंपिक संघ 2036 के ओलंपिक खेलों की तैयारियों के हिसाब से काम कर रहा है। कैबिनेट मंत्री व महासचिव कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने सभी सांसदों को भी निर्देश दिए हुए हैं कि वे खेलों के साथ जुड़ें ताकि अच्छे खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी खेल फेडरेशन का फर्ज बनता है कि वे अच्छे खिलाड़ी तैयार करें ताकि देश व प्रदेश का नाम रोशन हो।

HR:बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी अनटैप्ड सीवरेज या औद्योगिक अपशिष्ट जल ड्रेन में प्रवाहित न हो, इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा ऐसे सभी स्थानों की पहचान कर प्रभावी उपाय किए जाएं, ताकि गंदे पानी को ड्रेनों में गिरने से पूरी तरह रोका जा सके। प्रारंभिक चरण में अंबाला, कुरुक्षेत्र एवं यमुनानगर जिलों में इस दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए आगामी तीन माह के भीतर इन जिलों में उल्लेखनीय सुधार किया जाए। मुख्यमंत्री यहां बजट घोषणाओं की प्रगति के बारे में बुलाई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बजट घोषणाओं में किए गए सभी वादों को समय पर पूरा किया जाए ताकि प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द इनका लाभ मिल सके। अरावली क्षेत्र में बनने वाली जंगल सफारी की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां ऐसे जानवर रखें जाएं जो मानवता के लिए हानिकारक न हों। पर्यटन एवं विरासत विभाग की घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तीज-त्योहार, मेले और उत्सवों पर जनभागीदारी बढ़ाने के लिए इस वर्ष बजट में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिंजौर के यादवेंद्र गार्डन की विरासत को संजोते हुए इसे और अधिक सुंदर बनाया जाए ताकि देशभर के पर्यटक यहां आकर आनंद ले सकें। बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने यादवेंद्र गार्डन और टिक्करताल, मोरनी के पुनर्विकास के लिए 90 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की है। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।  

Haryana STF की सर्जिकल स्ट्राइक : 6 माह में 58 इनामी अपराधी, 101 गैंगस्टर और 178 जघन्य आरोपी गिरफ्तार

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 2025 के पहले छह महीनों के दौरान संगठित अपराध के विरुद्ध कई महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जनवरी से जून तक की अवधि में एसटीएफ ने 58 इनामी बदमाशों, 101 गैंगस्टरों या उनके सहयोगियों और 178 जघन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आंकड़े एसटीएफ की योजनाबद्ध कार्रवाई और खुफिया समन्वय को दर्शाते हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर के अनुसार, एसटीएफ ने इस दौरान राज्य और अंतरराज्यीय गैंग नेटवर्क को निशाना बनाकर कार्रवाई की है। उनका कहना है कि तकनीक, विश्लेषण और त्वरित एक्शन के समन्वय से अपराधियों के खिलाफ प्रभावी परिणाम सामने आए हैं। 2024 की तुलना में रणनीतिक पकड़ में सुधार 2024 की इसी अवधि की तुलना में 2025 में गैंगस्टरों की गिरफ्तारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में जहां 29 गैंगस्टर पकड़े गए थे, वहीं 2025 में यह संख्या 101 रही। हालांकि, जघन्य अपराधों में गिरफ्तारियों की संख्या घटकर इस वर्ष 178 रही, जो पिछले वर्ष 227 थी। इनामी बदमाशों की संख्या भी 2024 में 100 थी, जबकि इस वर्ष 58 दर्ज की गई। अंतरराष्ट्रीय अपराधियों पर निगरानी एसटीएफ मुख्यालय में गठित RCN-LOC सेल ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से 10 अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों का प्रत्यर्पण या निर्वासन सुनिश्चित किया है। यह कार्रवाई इंटरपोल नोटिस, लुकआउट सर्कुलर, पासपोर्ट निरस्तीकरण और अस्थायी गिरफ्तारी अनुरोधों के माध्यम से की गई। साइबर अपराध के मोर्चे पर सक्रियता एसटीएफ ने तकनीक-आधारित अपराधों से निपटने के लिए अपने अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसमें डार्क वेब विश्लेषण, सर्विलांस तकनीक और साइबर संकेतकों की पहचान जैसे विषय शामिल हैं। डीआरडीओ की संस्था CAIR से प्राप्त उपकरणों और प्रशिक्षण की मदद से टीम की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संरचना और संसाधनों को मिली मजबूती पिछले दो वर्षों में एसटीएफ की संरचना को सुदृढ़ किया गया है। बल की संख्या में वृद्धि की गई है। दो नई इकाइयों की स्थापना हुई है। एक विश्लेषणात्मक विंग और एक वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) भी जोड़ी गई है। इसके अतिरिक्त, फील्ड यूनिटों को अत्याधुनिक हथियार, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष वाहनों से लैस किया गया है। साथ ही, ईगल (EAGLE) और DMS जैसे डेटा विश्लेषण सॉफ्टवेयर की सहायता से अपराधियों की निगरानी और ट्रैकिंग अब और अधिक सटीक हो गई है। एसटीएफ देश के लिए मॉडल बनेगी : डीजीपी डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि एसटीएफ हरियाणा में संगठित अपराध के खिलाफ राज्य की प्रतिबद्धता का मजबूत उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने न केवल अपराधियों की गिरफ्तारी की है, बल्कि गैंग नेटवर्क को रणनीतिक रूप से कमजोर किया है। तकनीक, विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई के संयोजन ने एसटीएफ को बेहद असरदार बनाया है। उन्होंने बताया कि टीम को आधुनिक संसाधनों और साइबर प्रशिक्षण से लैस किया जा रहा है ताकि भविष्य में और बेहतर परिणाम सामने आएं। डीजीपी के अनुसार, “एसटीएफ अब केवल एक ऑपरेशन यूनिट नहीं, बल्कि एक विश्लेषण आधारित रणनीतिक बल के रूप में काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि इसे देशभर में संगठित अपराध से निपटने के लिए मॉडल यूनिट के रूप में स्थापित किया जाए।”  

HR:विधायक और रेसलर विनेश फोगाट बनीं मां, दिल्ली में बेटे को दिया जन्म

ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने वाली अंतरराष्ट्रीय पहलवान और जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट मां बन गई हैं। मंगलवार सुबह 9 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने बेटे को जन्म दिया। ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी हुई और जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। विनेश को सोमवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके ससुर राजपाल राठी ने बताया कि डॉक्टर्स ने बच्चा सही से ग्रोथ न कर पाने और बॉडी टाइट होने के चलते ऑपरेशन का निर्णय लिया। विनेश ने 6 मार्च 2025 को अपने मां बनने की खुशी सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने पति सोमबीर राठी के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था — ‘ऑवर लव स्टोरी कंटिन्यूज़ विद न्यू चैप्टर…’ साथ में एक नन्हे बेबी के फुटप्रिंट और लव इमोजी भी जोड़े गए थे।

PB:विधायक का महिलाओं ने किया विरोध

संगरूर के बालद कोठी में पहुंची हलका विधायक नरिंदर कौर भराज को आज वहां मौजूद महिलाओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा और महिलाओं ने विधायक से सवाल पूछने शुरू कर दिए। वहां मौजूद महिलाएं भड़क उठीं और उन्होंने वहां फैली गंदगी के बारे में बीबा भराज से सवाल किए। इसी दौरान जब विधायक बिना जवाब दिए जाने लगीं तो उक्त महिलाओं ने उन्हें रोककर सवाल पूछे। विधायक ने उन्हें चुप कराने का प्रयास किया, लेकिन वह बालद कोठी के हालातों से अवगत कराते हुए विधायक के सामने ही बड़े गुस्से के साथ ऊंची आवाज में बोलने लगीं। इस दौरान वहां मौजूद नेताओं ने महिलाओं को शांत करने का प्रयास किया। यहां उल्लेखनीय है कि इस कोठी के हालात पिछले काफी समय से बद से बदतर होते जा रहे थे और यहां रहने वाले लोग गंदगी में रहने को मजबूर थे। अपने बचाव के लिए विधायक ने कहा कि बालद कैंचियां में गंदे पानी की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि नगर कौंसिल भवानीगढ़ ने इन कैंचियों के नजदीक घरों के इस्तेमाल किए गए पानी को शहर के सीवरेज से जोड़ने के लिए करीब 65 लाख रुपए का एस्टीमेट पास किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस एस्टीमेट को मंजूरी मिलते ही अगली कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इस रिहायशी इलाके का सीवरेज सड़कों पर आ जाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।