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Jharkhand NEWS- वनपट्टा आवेदनों को जानबूझकर रद्द न करें: चम्पाई सोरेन

रांची: मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन आज श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के सभागार में आयोजित अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड के वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग समुदाय के लोगों को वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें उनका हक-अधिकार प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अबुआ वीर, अबुआ दिशोम अभियान के प्रत्येक बिंदुओं पर आज के इस कार्यशाला में विस्तृत चर्चा हुई है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह कार्यशाला झारखंड के लिए ऐतिहासिक और मिल का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन अधिकार अधिनियम को सरल और पारदर्शी बनाकर झारखंड के वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग-समुदाय के लोगों को ग्राम सभा के निर्णय अनुसार सम्मान के साथ वनपट्टा प्रदान करें। ग्राम सभा के अनुशंसा के अनुरूप वनपट्टा हेतु मिले आवेदन में भूमि की मांग हेक्टेयर में हो या एकड़ में हम उतनी भूमि उन्हें प्राथमिकता के तौर पर उपलब्ध कराएंगे, इस लक्ष्य के साथ कार्य करने की जरूरत है।

मजबूत इच्छाशक्ति जागृत कर अपने दायित्वों का निर्वहन करें अधिकारी

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इस कार्यशाला के बाद अबुआ वीर अबुआ दिशोम अभियान में तेजी आएगी। वनपट्टा वितरण में जो कमी रही है उसे इस अभियान के तहत पूरा करना ही मुख्य उद्देश्य है। मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि लक्ष्य के अनुरूप अब वनपट्टा वितरण कार्य में राज्य सरकार अवश्य आगे बढ़ते हुए सफलता हासिल करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों के बीच सिर्फ वनपट्टा वितरण करना ही नहीं बल्कि उन्हें विकास के हर पहलुओं में जोड़ने की आवश्यकता है। सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से उन्हें मजबूत करना हमसभी की नैतिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी लोग मिलकर झारखंड में एक ऐसी व्यवस्था बनाएं, जहां ग्रामीण और शहरी लोगों के विकास में कोई भेदभाव नहीं हो, सबका एक समान विकास हो, देश में झारखंड विकास के मॉडल का एक बेहतर उदाहरण पेश कर सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों से आप सभी लोग वाकिफ हैं, बस जरूरत है अपने भीतर एक मजबूत इच्छाशक्ति जागृत करने की और अपने दायित्वों को निर्वहन करने की।

वनपट्टा हेतु प्राप्त आवेदनों को जानबूझकर रद्द न करें

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम वर्ष 2006 में लागू हुआ है। इस अधिनियम के लागू हुए 18 साल हो चुके हैं फिर भी हमसभी लोग वन क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को वन भूमि का अधिकार उन्हें अभी तक देने में काफी पीछे हैं। झारखंड के विभिन्न कार्यालयों में वनपट्टा के हजारों आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। यह आवेदन क्यों रद्द हुए हैं, इसका जवाब जनता को देना पड़ेगा। जो अधिकारी वनपट्टा हेतु प्राप्त आवेदनों को जानबूझकर रद्द करने का प्रयास करेंगे उन पर राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आज हमसभी लोग इस कार्यशाला में 2 डिसमिल और 3 डिसमिल भूमि का वनपट्टा आवेदकों को देने हेतु चर्चा करने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं, बल्कि वनवासियों को उन्हें उनका पूरा अधिकार देने के संकल्प के लिए एकत्रित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन भूमि पर जिनका जितना अधिकार है उन्हें सम्मान पूर्वक उपलब्ध कराएंगे। वन क्षेत्र में रहने वाले परिवार उक्त भूमि पर कृषि कार्य कर चाहे धान की खेती हो, रवि फसल हो या वन उत्पाद हो, अपना जीवन यापन सम्मान के साथ कर सकें।

अबुआ वीर अबुआ दिशोम एक महत्वपूर्ण अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि अबुआ वीर अबुआ दिशोम अभियान को हल्के में नही लेना है। यह एक महत्वपूर्ण और प्रभावी अभियान है। इस अभियान के तहत वन पट्टा दावों के निपटारे के लिए जो रोडमैप राज्य सरकार ने तैयार किया है उसे हर हाल में धरातल पर उतरना पड़ेगा। आज इस कार्यशाला में हम सभी जिम्मेदार लोग एकत्रित हुए हैं और हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन तत्परता और पूरी ईमानदारी के साथ करना पड़ेगा, तभी वन अधिकार अधिनियम कानून का लाभ यहां के आदिवासी और मूलवासी परिवारों को मिल सकेगा।

हमारे पूर्वजों ने कोल्हान की धरती से हक अधिकार के लिए आंदोलन की शुरुआत की थी

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि झारखंड के आदिवासी-मूलवासियों ने जल, जंगल, जमीन सहित अपने हक अधिकारों की लड़ाई आज से तीन-चार सौ वर्ष पहले लड़ी थी। हमारे पूर्वजों ने कोल्हान की धरती से जल, जंगल, जमीन को संरक्षित करने के लिए एक बड़ा आंदोलन किया था। इस आंदोलन में न जाने कितने वीरों ने सीने पर गोली खाई थी। हमारे पूर्वजों के बलिदान और त्याग का ही प्रतिफल रहा है कि देश में वन अधिकार अधिनियम कानून लागू हुआ है। बरसों से की गई संघर्ष के बाद अंततः वर्ष 2006 में एएफआरए लागू किया जा सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सभी लोग जो घने जंगल देख रहे हैं इन जंगलों के संरक्षक भी हमारे आदिवासी-मूलवासी परिवार के लोग ही हैं। वन क्षेत्र में बने ग्राम समितियों के बदौलत ही जंगल को बचाया जा सका है। यहां के आदिवासी-मूलवासी बहुत ही सरल और साधारण स्वभाव के लोग हैं, लेकिन ये लोग कभी भी अपनी परंपरा, संस्कृति और अस्तित्व की सुरक्षा के लिए पीछे नहीं हटते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वर्गों का सर्वांगीण विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता में है।

कार्यशैली में बदलाव और सकारात्मक मानसिकता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत

इस अवसर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री श्री दीपक बिरुआ ने कहा कि आज के इस कार्यशाला में एक गंभीर विषय पर हमसभी लोग चिंतन कर रहे हैं। वन अधिकार अधिनियम कानून वन क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को संरक्षित करने हेतु एक महत्वपूर्ण कड़ी है। वर्तमान समय में वन अधिकार अधिनियम कानून के उद्देश्य और भावनाओं को गहराई से समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम कानून वर्ष 2006 में बना, बावजूद उसके 18 साल बीत जाने के बाद भी आज हमसभी लोग इस कानून का पूरा लाभ यहां के आदिवासी तथा मूलवासियों को नहीं प्रदान कर सके हैं यह एक सोचनीय विषय है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कार्यशैली में बदलाव लाकर तथा सकारात्मक मानसिकता के साथ वन अधिकार अधिनियम कानून के प्रावधानों को लागू करने की अपील की।

इनकी रही उपस्थिति..

“अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान” विषय पर आयोजित कार्यशाला में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ, मुख्य सचिव एल०खियांग्ते, पीसीसीएफ संजय श्रीवास्तव, प्रधान सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग वंदना दादेल, विभागीय सचिव कृपानंद झा, सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता संजय उपाध्याय, आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा, सभी ज़िलों के उपायुक्त एवं ज़िला वन प्रमंडल पदाधिकारी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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PB:विधायक का महिलाओं ने किया विरोध

संगरूर के बालद कोठी में पहुंची हलका विधायक नरिंदर कौर भराज को आज वहां मौजूद महिलाओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा और महिलाओं ने विधायक से सवाल पूछने शुरू कर दिए। वहां मौजूद महिलाएं भड़क उठीं और उन्होंने वहां फैली गंदगी के बारे में बीबा भराज से सवाल किए। इसी दौरान जब विधायक बिना जवाब दिए जाने लगीं तो उक्त महिलाओं ने उन्हें रोककर सवाल पूछे। विधायक ने उन्हें चुप कराने का प्रयास किया, लेकिन वह बालद कोठी के हालातों से अवगत कराते हुए विधायक के सामने ही बड़े गुस्से के साथ ऊंची आवाज में बोलने लगीं। इस दौरान वहां मौजूद नेताओं ने महिलाओं को शांत करने का प्रयास किया। यहां उल्लेखनीय है कि इस कोठी के हालात पिछले काफी समय से बद से बदतर होते जा रहे थे और यहां रहने वाले लोग गंदगी में रहने को मजबूर थे। अपने बचाव के लिए विधायक ने कहा कि बालद कैंचियां में गंदे पानी की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि नगर कौंसिल भवानीगढ़ ने इन कैंचियों के नजदीक घरों के इस्तेमाल किए गए पानी को शहर के सीवरेज से जोड़ने के लिए करीब 65 लाख रुपए का एस्टीमेट पास किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस एस्टीमेट को मंजूरी मिलते ही अगली कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इस रिहायशी इलाके का सीवरेज सड़कों पर आ जाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

PB:घरेलू झगड़े में बेटे ने बरसाई ईंटें, बुजुर्ग मां की मौत, भाई घायल

गांव पावटी में हुए घरेलू झगड़े में एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे ने सिर पर ईंट मारकर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस शिकायत में मृतका के पति रामबीर ने बताया कि वह मूल रूप से उतर प्रदेश के थाना कांधला के गांव असदपुर का रहने वाला है। वर्मान में पावटी में परिवार समेत रह रहा है। उसके 5 बेटे व 2 बेटियां है। बृहस्पतिवार शाम उसका बेटा कपिल अपनी पत्नी रविता के साथ झगड़ा कर रहा था। वह पत्नी बिरमला व छोटे बेटे विकास के साथ बीच-बचाव करने लगा तो कपिल अपनी मां बिरमला व भाई विकास के साथ झगड़ने शुरू कर दिया। इसी बीच कपिल ने मकान की छत पर चढ़कर मां व भाई पर ईंटें बरसानी शुरू कर दी। एक ईंट बिरमला के सिर पर लगी। उसे नागरिक अस्पताल ले गए, जहां से रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई।

PB:आमरण अनशन पर बैठी असिस्टेंट प्रोफेसर की बिगड़ी हालत

पंजाबी यूनिवर्सिटी‌ पटियाला में वाइस चांसलर दफ्तर के सामने आमरण अनशन पर बैठी दो असिस्टेंट प्रोफेसरों में से एक बेहोश हो गई, जिसे इलाज के लिए कैंपस डिस्पेंसरी में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि अध्यापक की हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें पटियाला के वर्धमान अस्पताल में रेफर कर दिया गया। पुक्टा यूनियन की अध्यक्ष डॉ. तरनजीत कौर अभी भी आमरण अनशन पर हैं। करीब दो महीने से संघर्ष कर रहे कॉन्ट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों का कहना है कि अपनी मांगें पूरी न होते देख पंजाबी यूनिवर्सिटी कॉन्ट्रेक्ट टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. तरनजीत कौर और डॉ. राजमोहिंदर कौर ने बुधवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया था। सुबह डॉ. राजमोहिंदर कौर की हालत बिगड़ने लगी और दोपहर को वह वीसी दफ्तर के सामने बेहोश हो कर गिर पड़ी। जिसे संघर्ष कर रहे अन्य साथियों ने यूनिवर्सिटी डिस्पेंसरी में भर्ती कराया है। जानकारी के अनुसार पंजाबी यूनिवर्सिटी के विभिन्न घटक कॉलेजों, नेबरहुड कैंपस, क्षेत्रीय केंद्रों और मुख्य कैंपस में ठेके पर काम कर रहे ये अध्यापक यूजीसी द्वारा 2018 में मंजूर किए गए सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले 2 महीनों से चल रहे संघर्ष को आज संबंधित अध्यापकों ने आमरण अनशन में तब्दील कर दिया। यूनियन नेताओं ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन का रवैया उनकी मांगों के प्रति बेहद नकारात्मक रहा है। इस मौके पर डॉ. रणजीत सिंह, डॉ. हरप्रीत रूबी, डॉ. रविंदर रवि, प्रो. हरजीत सिंह व अन्य पुक्टा नेता मौजूद थे।

PB:मजीठिया की गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश: चुघ

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर भगवंत मान और केजरीवाल पर तीखा हमला बोला गया। चुघ ने कहा कि जब वह हिरासत में थे तो आप सरकार ने उनकी जमानत करवाने में मदद की। अब अचानक से उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजे जा रहे थे । आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेता ने कहा कि अकाली नेता के घर पर रेड मारी गई और उनकी पत्नी तक से विजिलेंस विभाग अधिकारियों नें बदसलूकी की । उनके अनुसार ये लोकतंत्र की हत्या है। चुघ ने इस गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई बताया है और कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत उन पर केस लगाए जा रहे हैं। वही चुघ ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर इसे देश के लोकतांत्रिक इतिहास का ‘सबसे काला अध्याय’और ‘संविधान हत्या दिवस’ बताया और आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को सलाम किया। इस मौके पर भाजपा लुधियाना के आपातकाल के दौरान जेल भुगतने वाले भाजपा नेताओं को सम्मानित किया। इस मौके पर जिला भाजपा अध्यक्ष रजनीश धीमान, उपाध्यक्ष जतिंदर मित्तल,महामंत्री अनिल सरीन,सचिव रेनू थापर, कोषाध्यक्ष गुरुदेव शर्मा देबी, प्रदेश कोर ग्रुप के सदस्य जीवन गुप्ता,पूर्व विधायक प्रेम मित्तल, विपन सूद काका,महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष राशि अग्रवाल व मंडलों के प्रधान इत्यादि उपस्थित थे ।

PB:आरटीओ कार्यालयों की सेवाएं अब ऑनलाइन होंगी : भुल्लर

पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज मोहाली के आरटीओ कार्यालय और सेक्टर-82 स्थित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का अचानक दौरा कर वहां चल रहे कामकाज का निरीक्षण किया। मंत्री ने बताया कि लोगों की सहूलियत के लिए जल्द ही आरटीओ कार्यालयों की सभी सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया जाएगा, जिससे नागरिक घर बैठे ही काम करा सकेंगे और बार-बार दफ्तर नहीं आना पड़ेगा। मंत्री ने पब्लिक काउंटरों पर जाकर कर्मचारियों और आम लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। लोगों ने दफ्तर के कामकाज और स्टाफ के सहयोग की सराहना की। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों की शिकायतों का मौके पर ही तुरंत समाधान किया जाए। भुल्लर ने टैक्स वसूली प्रक्रिया की भी जांच की और स्पष्ट किया कि जिनके दस्तावेज अधूरे हैं या जिन्होंने कर नहीं भरा, उनके चालान तुरंत किए जाएं। उन्होंने कहा कि हर आने वाले व्यक्ति को पूरी जानकारी दी जाए ताकि किसी को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। सेक्टर-82 में बने अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का निरीक्षण करते हुए मंत्री ने बताया कि यहां ‘हेम्स’ तकनीक अपनाई गई है, जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जगह कोई टेस्ट नहीं दे सकता। ट्रैक में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और दोपहिया-चारपहिया वाहनों के टेस्ट पारदर्शी ढंग से हो रहे हैं। चारपहिया वाहनों की पास दर 40 प्रतिशत और दोपहिया की 82 प्रतिशत बताई गई। मंत्री ने कहा कि इस तकनीक से सड़क हादसों में भी कमी आएगी और इसे पंजाब के अन्य ड्राइविंग टेस्ट ट्रैकों पर भी लागू किया जाएगा। इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, आरटीओ राजपाल सिंह सेखों, जिला योजना बोर्ड की चेयरपर्सन प्रभजोत कौर समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

HR:विनोद गर्ग जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्य नियुक्त

श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत के कार्यकारिणी सदस्य व कुरुक्षेत्र-कैथल पोस्टल डिविजन पोस्ट फोरम के सदस्य समाजसेवी विनोद गर्ग को हरियाणा सरकार ने जिला कष्ट निवारण समिति का सदस्य मनोनीत किया है। उनकी नियुक्ति पर शहर की विभिन्न संस्थाओं व अग्रवाल सभा ने खुशी जाहिर करते हुए हरियाणा सरकार का आभार जताया। विनोद गर्ग ने मुख्यमंत्री नायब सैनी, कुरुक्षेत्र लोकसभा सांसद नवीन जिंदल का आभार जताया।