Thelokjan

MP- उद्योग मंदिर की तरह हैं जिससे लाखों लोगों को मिलता है रोजगार के रूप में आशीर्वाद : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं। श्रम शक्ति से लाखों व्यक्तियों को रोजी-रोटी मिलती है। आज के तकनीकी दौर में छोटे देश भी प्रगति कर रहे हैं। युद्धों से विकास में पिछड़ने वाले देश भी उद्यमशीलता से विकसित हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आज बदलते दौर का भारत देख रहे हैं, जहां कई क्षेत्रों में तीव्र प्रगति हो रही है। इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है। इंदौर में श्री अतुल पंचशील जैसे उद्योगपति विशिष्ट कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में इण्डस्ट्री पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमि-पूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाईल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बैरसिया में महत्वपूर्ण निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। ड्रोन तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आयेगा। परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गयी 18 उद्योग हितैषी नीतियों का लोकार्पण किया था। ये नीतियाँ उद्योगों के विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में अद्भूत कार्य किया है। उनके विकसित भारत@2047 के संकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। जीआईएस-भोपाल से उद्योग स्थापना के सभी रिकार्ड टूटे हैं। उद्योगपति स्वयं यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में एक माह में उद्योग लगाने का कार्य संभव हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश तेज गति से कृषि विकास दर प्राप्त कर रहा है। आगामी 3 मई को कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार से बढ़कर एक लाख 52 हजार रुपये तक पहुंच गयी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में आज हुई कॉन्क्लेव में एमओयू करने वाले सभी औद्योगिक संस्थान बधाई के पात्र हैं। कॉन्क्लेव के दौरान चार नई औद्योगिक नीतियों की गाइड लाईन जारी की गयी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब मात्र वादों का नहीं, जनता से किये गये वादों को पूरा कर विकास के पथ पर अग्रसर होने वाला राज्य है। “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” मध्यप्रदेश की तकनीकी-परक औद्योगिक यात्रा का स्वर्णिम पड़ाव है। आज का दिन मध्यप्रदेश के टेक्नो-इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इन्दौर में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हुआ है। यह सिर्फ एक कॉन्क्लेव नहीं है, बल्कि प्रदेश की तकनीकी-परक अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ऐतिहासिक कदम है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में हमने दुनिया को मध्यप्रदेश की प्रौद्योगिकी क्षमता से रूबरू करवाया था। यह कॉन्क्लेव उसी संकल्प का जीवंत उदाहरण है, जहां हम “इरादों को निवेश में” और ‘नीतियों को क्रियान्वयन’ में बदल रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को हुए अभी 60 दिन ही हुए हैं और इस अल्प समय में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हमारी ‘प्रॉमिस्ड डिलीवरी’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के निवेश इरादों को ठोस निवेश में बदलना, राज्य में तकनीकी विकास के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना, नए आईटी पार्क, सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस, इनक्यूबेटर्स की स्थापना करना, प्रमुख बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए भूमि-पूजन कर आधारशिला रखना एवं पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का लोकार्पण करना, जीसीसी, आईटी, आईटीईएस सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन, और एवीजीसी-एक्सआर पर चर्चा करके इन नीतियों का सफल क्रियान्वयन कराना, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उद्योगपतियों के बीच विशेष बैठकें आयोजित कर निवेश स्वीकृतियों और परियोजना-स्तरीय चिंताओं पर चर्चा करना और रीयल-टाइम अपडेट और एंड-टू-एंड सुविधा प्रदान करने के साथ प्रदेश को नवाचार और निवेश के लिए एक वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव में 19 निवेशकों से वन-टू-वन मीटिंगभी की गई।

कॉन्क्लेव में की गईं प्रमुख घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्पेस टेक नीति बनाई जायेगी, जिससे राज्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में सायबर सुरक्षा सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 परियोजना के तहत इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जायेगा। इसमें 1,500 करोड़ रूपये के निवेश से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जायेगा, जो डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करेगा। एग्रीटेक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस – आईआईटी इन्दौर में स्थापित किया जायेगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्लाउड एवं अन्य तकनीकों पर आधारित कृषि नवाचारों को बढ़ावा देगा। इवेंट में निवेश प्रोत्साहन को सुविधाजनक बनाने के लिये एमपी डिजिटल इकोनॉमी मिशन का गठन किया जायेगा। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के प्रमुख आईटी पार्कों में 4 नए सुविधा केंद्रों का गठन किया जायेगा। आईटी स्टार्टअप्स को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत शामिल किया जायेगा। आईटी पार्क टॉवर भोपाल बनाया जायेगा, जिसमें 125 करोड़ रूपये की लागत से 3 लाख वर्ग फिट लीज़बल स्पेस बनाई जायेगी। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर में प्लग एंड प्ले सुविधा विकसित की जाएगी, जिससे टेक स्टार्टअप्स और कंपनियों को तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश का स्वच्छतम शहर इन्दौर शहर अब टू टीयर शहर से आगे बढ़ चुका है। यह शहर क्लीन और ग्रीन सिटी है। आने वाले समय में पर्यावरण क्षेत्र में सुधार होगा और शहर में तापमान 5 डिग्री तक कम करने में सफलता प्राप्त होगी।

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने उद्योगों के विकास संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस संकल्प के अनुसार निरंतर महत्वपूर्ण निर्णय लेकर उनका क्रियान्वयन करवाया है।

मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में प्राप्त निवेश प्रस्ताव महत्वपूर्ण रहे। प्रत्येक एमओयू की मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रतिमाह समीक्षा की जाती है। जीआईएस-भोपाल में हुये एमओयू पर तेज गति से कार्य हो रहा है। दो माह में यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। समिट में 18 उद्योग नीतियों की घोषणा के बाद उन पर अमल भी किया जा रहा है। प्रदेश में कृषि दर के बाद अब कुल ग्रोथ रेट भी बढ़ रही है। स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ अधोसंरचनात्मक विकास हो रहा है। आई.टी. क्षेत्र में 4 नीतियाँ लागू की गयी हैं। उद्योगों को सहायता देने में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। किसी उद्योग की स्थापना के लिये आवश्यक स्वीकृतियाँ समय पर प्रदान की जा रही हैं। मुख्य सचिव श्री जैन ने मध्यप्रदेश की अनुकूलताओं और विशेषताओं की भी जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे ने कहा कि फरवरी में हुई जीआईएस-भोपाल में तीन प्रमुख क्षेत्रों टेक्सटाईल, पर्यटन, टेक्नोलॉजी पर जोर दिया गया था। देश भर में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतारने में सफलता मिली है। निवेशकों को समय सीमा में जरूरी स्वीकृतियां प्राप्त हो रही है। एसीएस श्री दुबे ने कहा कि प्लग एंड प्ले की अनुकूलता उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित कर रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का लाभ निवेशकों को मिल रहा है। श्रमिकों की उपलब्धता प्राप्ति और आवश्यक अधोसंरचना में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। किसी उद्योग की स्थापना के लिए आवश्यक स्वीकृति समय पर प्रदान की जा रही हैं। कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा निर्मित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम् से किया गया।

भूमि-पूजन और शिलान्यास

कंट्रोल-एस (CtrlS) डेटा सेंटर के लियेसीसीआईपीके तहत 5 एकड़ भूमि आवंटित हुई हैं। इनके द्वारा भोपाल के बड़वई आईटी पार्क में 12 मेगाबाइट का डाटा सेंटरका निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 500करोड़रूपये हैं, जिससे प्रत्यक्ष 200 से अधिक लोगों को रोजगारप्राप्त होगा।

पंचशील इंफ्रा डेवलपर्स : इन्हें सीसीआईपी के तहत 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इन के द्वारा इंदौर के सुपर कॉरिडोर में आईटी बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा, जिसका निर्मित क्षेत्रफल लगभग 20 लाख वर्ग फुट होगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 1000 करोड़ रुपये है, जिस से प्रत्यक्ष रूप से 15000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

दृष्टि आईआईटीआई इनक्यूबेशन सेंटर: इनके द्वारा सिन्हासा आईटी पार्क, इंदौर में 10,248 वर्ग फुट में 120 सीटर स्टार्ट-अप स्पेस का निर्माण किया जाएगा, जो प्रदेश के स्टार्ट-अप्स को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाने का कार्य करेगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 7 करोड़ रुपये है जो लगभग 120 स्टार्ट-अप्स कंपनियों के लिए पर्याप्त होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए और भी गर्व हो रहा है कि आज के कॉन्क्लेव में ही कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी हुआ है जो विश्वास दिलाता है कि मध्यप्रदेश भारत का टेक हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। आज जिन संस्थाओं की परियोजनाओं की शुरूआत हुई है उनमें – बीईएल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और सॉफ्ट वेयर डेवलपमेंट सेंटर: जो कि इंदौर के सिन्हासा आईटी पार्कमें एमपीएसईडीसी के साथ स्थापित है। यह सेंटर एआई तकनीकों पर केंद्रित है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 3 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 50 लोगोंको रोजगार प्राप्त हुआ है। जबलपुर आईटी पार्क ब्लॉक बी: आईटी/आईटीईएस इकाइयों के लिए रेडी टू टेक बिल्डिंग को 25 करोड़ रूपये के निवेश से एमपीएसईडीसी द्वारा निर्मित किया गया है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कास्ट एनएक्स (देवास स्थित ईएसडीएम स्टार्टअप): पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स और एआई-आईओटी समाधानों में विशेषज्ञता लिए यह संस्थान देवास में स्थित है जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है जो सीधे तौर पर लगभग 150 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। वर्कि-टेक पार्क : यह एक आईटी/आईटीईएस इकाई है जिसकी सौगात इंदौर को मिली है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 7000 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

इसके अलावा अन्य औद्योगिक ​सेक्टर में कुल 452.95 करोड़ रूपये के निवेश वाली एक सशक्त परियोजना-श्रृंखला की घोषणा हुई है। इससे हेवी इंजीनियरिंग, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स, फर्नीचर, फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल डिवाइसेज और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 2,049 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। इनमें से छहपरियोजनाओंकाभूमि-पूजनहुआ हैजिसमें 195.5 करोड़रूपये कानिवेशसंभावित है औरइन परियोजनाओं से 1,200नवीन रोजगार का सृजन होगा। पांच नई औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन हुआ हैजिसमें32.4करोड़रूपये कानिवेशऔर 214नए रोजगार सृजन हुए है। इसके साथ ही पांच उभरते उद्यमों के लिए 225.05 करोड़ रूपये के निवेश के साथ 635नए रोजगार सृजन हेतु आवंटन पत्र जारी किए गए हैं। इसमें पीपीपी मोड पर इंदौर के आईटी पार्क (परदेशीपुरा) में आईटी टॉवर, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु ऑप्टिकल फायबर, भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में स्थापित होने वाली 8 कंपनियों को कुल 12 आवंटन पत्र जारी किए गए हैं।

नीति दिशा-निर्देश और प्रोत्साहन पोर्टल

निवेशकों को एकीकृत सुविधा देने हेतु प्रोत्साहन पोर्टल लॉन्च किया गया। इसके अंतर्गत एमपी जीसीसी नीति-2025, एमपी सेमीकंडक्टर नीति-2025, एमपी एवीजीसी-एक्सआर नीति-2025 और एमपी ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति-2025 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं।

डीएवी इंदौर – प्लग एंड प्ले सुविधा

डीएवी इंदौर परिसर में प्लग एंड प्ले स्पेस की व्यवस्था की जा रही है, जो टेक स्टार्टअप्स और कंपनियों को तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ प्रदान करेगा। तकनीकी दक्षता और सुशासन के लिए एमपीएसईडीसी द्वारा विकसित नए डिजिटल पोर्टल्स लॉन्च किए गए, जिसमें निवेश पोर्टल, अनुकंपा नियुक्ति पोर्टल, मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग पोर्टल और एचआरएमएस मोबाइल ऐप शामिल हैं।

निवेश पोर्टल – MPSEDC का “IT Investment Portal” मध्यप्रदेश के निवेशकों के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है। पोर्टल डिजिटल इंडिया पहल अंतर्गत लॉन्च किया गया था। यह 2023 की आईटी निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत प्रोत्साहन प्रदान करता है।

अनुकंपा नियुक्ति पोर्टल – पोर्टल के माध्यम से शासकीय विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की मृत्यु के बाद परिवार सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है जो पोर्टल से अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग पोर्टल – पोर्टल से प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद / विकास खण्ड प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के संबंध में अनुशंसाएँ करने सहित अन्य कार्य हो सकेंगे।

एचआरएमएस मोबाईल ऐप – मोबाइल ऐप से मध्यप्रदेश के शासकीय विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति तक की गतिविधियों को देखा जा सकेगा।

मध्यप्रदेश टेक्नोलॉजी एडवाइजरी कमेटी का गठन

राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञों की सहभागिता के साथ “मध्यप्रदेश टेक्नोलॉजी एडवाइजरी कमेटी” का गठन किया गया है ताकि राज्य में प्रौद्योगिकी विकास और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके। यह कमेटी, नीति निर्माण और क्रियान्वयन के लिए नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करेगी। इससे प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी साझेदारियों को मजबूत किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य मध्यप्रदेश को एक वैश्विक प्रौद्योगिकी हब के रूप में स्थापित करना और स्थानीय प्रतिभाओं का उपयोग करके क्षेत्रीय क्षमता को सशक्त बनाना है। इस पहल से राज्य की प्रौद्योगिकी-संबंधी नीतियाँ अधिक प्रभावी और प्रतिस्पर्धी बनेंगी। समिति में शामिल प्रमुख विशेषज्ञों में श्री मोहन दास पई, पद्मश्री, पूर्व CFO एवं निदेशक मंडल सदस्य, इंफोसिस, श्री अजय चौधरी, पद्म भूषण, सह-संस्थापक, EPIC फाउंडेशन, श्री के. विश्वनाथन, वरिष्ठ सलाहकार, Fractal Analytics, श्री रूचिर दीक्षित, उपाध्यक्ष, Siemens EDA, श्री नरेंद्र सेन, निदेशक, Rack Bank, श्री प्रवीण काकरिया, संस्थापक, Impetus, श्री ललित केशरे, सीईओ, GROWW, श्री हिमांशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर, डॉ. सत्य गुप्ता, अध्यक्ष VLSI, श्री आशीष कुलकर्णी अध्यक्ष FICCI, श्री कीर्ति बाहेती, प्रबंध निदेशक, Yash Technologies और श्री संजीव कुमार गुप्ता सीईओ KDEM हैं।

“एमपी टेक ग्रोथ कॉनक्लेव-2025” में निवेशकों ने की मध्यप्रदेश की सराहना

इंपेटस टेक्नोलॉजी के श्री प्रवीण काकड़िया ने कहा कि इंपेटस एक डीपटेक ग्रुप ऑफ कंपनी है। इंदौर में इंपेटस एक ब्रांड है। राज्य सरकार हमें बिजनेस बढ़ाने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान कर रही है। यहां के सभी मंत्री और अधिकारी सपोर्टिव हैं, 5 दिन में हमारे सभी दस्तावेज तैयार हो गए थे। इस तेज गति से कार्य करने की क्षमता का मैं कायल हूं।

मध्यप्रदेश से उठी यह वेव देश की इकोनॉमी को बढ़ाएगी

कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन के सीईओ श्री संजय गुप्ता ने कहा कि कर्नाटक देश का अग्रणी राज्य है। आज इंडस्ट्री आधारित ग्रोथ की एक नई वेव नजर आ रही है। मैं मध्यप्रदेश को अपने इंडस्ट्री क्लाइंट के रूप में देखता हूं। मेरा विचार है कि एक प्रोफेशनल बॉडी बने, जो इंडस्ट्री और सरकार के बीच काम करे। डिजिटल इकोनॉमी में स्टार्ट-अप्स की मुख्य भूमिका है। भविष्य में बड़ी संख्या में युवा इस सेक्टर में आएंगे। मध्यप्रदेश से उठी यह वेव देश की इकोनॉमी को बढ़ाएगी।

विकसित भारत में मध्यप्रदेश की बड़ी भूमिका होगी

ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर (जीसीसी) एक्सपर्ट श्री विश्वनाथन केएस ने कहा कि देश में आज 1700 जीसीसी हैं और अगले 5 साल में नए 3000 जीसीसी आएंगे। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने जीसीसी पॉलिसी को अपनाते हुए लैंड रिकॉर्ड, इलेक्ट्रिसिटी बिल जैसी सुविधाओं में कार्य किया है। विकसित भारत में मध्यप्रदेश की बड़ी भूमिका होगी। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में आगे बढ़ने की कैपिबिलिटी है। मध्यप्रदेश में टूरिज्म और कनेक्टिविटी बेहतर है। बैंगलुरू में 7 से 8 प्रतिशत आईटी प्रोफेशनल्स मध्यप्रदेश से हैं, जो अपने प्रदेश लौटना चाहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को इतनी शानदार टीम बनाने के लिए बधाई।

राज्य सरकार ने बनाया उद्योगपतियों के लिए पॉजिटिव वातावरण

इंफोबीन टेक्नोलॉजी के सीईओ श्री सिद्धार्थन सेठी ने कहा कि सपनों को पूरा करने के लिए सकारात्मक माहौल चाहिए। राज्य सरकार ने उद्योगपतियों के लिए एक पॉजिटिव वातावरण बनाया है। हमारे यहां 1500 इंजीनियर कार्यरत हैं। इंफोबीन की जड़ें, इंदौर में हैं और यहीं रहेंगी। कंपनी की उपलब्धियों में मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा योगदान रहा है। आज क्रिस्टल आईटी पार्क इंदौर ही पूरे प्रदेश का गौरव है। हमारे नए निवेश से 6000 लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। करीब 20 हजार लोगों को डायरेक्ट रोजगार और फायदा मिलेगा। मैं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं।

हम राज्य में आईटी सेक्टर को नई ऊँचाई प्रदान करने के लिए संकल्पित

एचएलबीएस प्राइवेट लिमिटेड के श्री मितेश लोकवानी ने कहा कि हमने 2004 में कंपनी की शुरुआत की थी। अभी भोपाल में नई यूनिट स्थापित की है, जो डेस्क टॉप निर्माण में कार्य कर रही है। हमारी कंपनी ने देश-दुनिया में कंप्यूटर और आईटी उपकरण निर्यात किए हैं। एचएलबीएस आज मेक इन इंडिया के विजन पर कार्य करते हुए देश की 7वीं ऐसी कंपनी है, जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। हम मध्यप्रदेश सरकार के साथ कार्य करते हुए राज्य में आईटी सेक्टर को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए संकल्पित हैं।

मुख्यमंत्री के विजन से कंपनी को विस्तार करने के लिए मिली जमीन

पंचशील प्राइवेट लिमिटेड के श्री अतुल चौरड़िया ने कहा कि हम इंदौर में फ्यूचर रेडी पंचशील आईटी पार्क की स्थापना करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विजन से कंपनी के विस्तार के लिए जमीन मिली है। कंपनी डाटा सेंटर तैयार करने की दिशा में भी कार्य कर रही है।

मध्यप्रदेश की नीतियां हैं अत्यंत प्रगतिशील

मीडिया एवं मनोरंजन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव श्री अंकुर भसीन ने कहा मध्यप्रदेश की नीतियां अत्यंत प्रगतिशील हैं, जो राज्य में निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। निवेशकों के प्रति राज्य सरकार का रुख बेहद सहयोगात्मक है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव और मध्यप्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करता हूँ।

मध्यप्रदेश आकर हुआ सकारात्मक अनुभव

क्रेजी कब एनिमेशन स्टूडियो प्रायवेट लिमिटेड के फाउंडर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री कमल पाहूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश आकर राउंड टेबल मीटिंग में भाग लेना सकारात्मक अनुभव रहा। राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां लागू की हैं। मैं मध्यप्रदेश सरकार को धन्यवाद देता हूं।

नीतियों के लिए मुख्यमंत्री का आभार

मोशन जिलेटी प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर श्री हिमांशु चतुर्वेदी ने कहा मध्यप्रदेश सरकार ने निवेशकों के हित में जो नीतियां बनाई हैं, उन्हें प्रभावी रूप से धरातल पर लागू करने का कार्य किया जा रहा है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त करता हूँ।

राज्य में टेक्नोलॉजी के विस्तार में मिलेगी मदद

पिकसेलजी एम्पायर्स प्रायवेट लिमिटेड के फाउंडर श्री प्रशांत श्रीवास ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने जो नीतियां लॉन्च की हैं, उनके लिए मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त करता हूं। इन नीतियों से राज्य में टेक्नोलॉजी के विस्तार में मदद मिलेगी।”

मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत

कॉन्क्लेव में शामिल हुईं निवेशक रुचि सिंह ने कहा कि जिस तरह से सरकार नई नीतियां ला रही है और निवेशकों को सुविधाएं दे रही है, वह वाकई सराहनीय है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में इस क्रांतिकारी पहल की सराहना करती हूं।

हम मध्यप्रदेश सरकार के बहुत आभारी हैं।

ग्रीन गोल्ड एनीमेशन के सीईओ श्री राजीव चिल्का ने कहा कि यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि प्रदेश सरकार इंदौर में एवीजीसी केंद्र स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उम्मीद है कि निकट भविष्य में बहुत सारे स्टूडियो इसका हिस्सा बनेंगे। हम मध्यप्रदेश सरकार के बहुत आभारी हैं।

केंद्रित दृष्टिकोण और कार्यान्वयन के लिए धन्यवाद

कायरा एनीमेशन प्रायवेट लिमिटेड के सीईओ श्री अर्पित दुबे ने कहा कि हम मुख्यमंत्री डॉ. यादव और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को मध्यप्रदेश में एवीजीसी-एक्सआर नीति के प्रति उनके केंद्रित दृष्टिकोण और कार्यान्वयन के लिए धन्यवाद देते हैं।

Must Read

Latest News

MP- उद्योग मंदिर की तरह हैं जिससे लाखों लोगों को मिलता है रोजगार के रूप में आशीर्वाद : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं। श्रम शक्ति से लाखों व्यक्तियों को रोजी-रोटी मिलती है। आज के तकनीकी दौर में छोटे देश भी प्रगति कर रहे हैं। युद्धों से विकास में पिछड़ने वाले देश भी उद्यमशीलता से विकसित हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आज बदलते दौर का भारत देख रहे हैं, जहां कई क्षेत्रों में तीव्र प्रगति हो रही है। इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है। इंदौर में श्री अतुल पंचशील जैसे उद्योगपति विशिष्ट कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में इण्डस्ट्री पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमि-पूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाईल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बैरसिया में महत्वपूर्ण निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। ड्रोन तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आयेगा। परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गयी 18 उद्योग हितैषी नीतियों का लोकार्पण किया था। ये नीतियाँ उद्योगों के विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में अद्भूत कार्य किया है। उनके विकसित भारत@2047 के संकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। जीआईएस-भोपाल से उद्योग स्थापना के सभी रिकार्ड टूटे हैं। उद्योगपति स्वयं यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में एक माह में उद्योग लगाने का कार्य संभव हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश तेज गति से कृषि विकास दर प्राप्त कर रहा है। आगामी 3 मई को कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार से बढ़कर एक लाख 52 हजार रुपये तक पहुंच गयी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में आज हुई कॉन्क्लेव में एमओयू करने वाले सभी औद्योगिक संस्थान बधाई के पात्र हैं। कॉन्क्लेव के दौरान चार नई औद्योगिक नीतियों की गाइड लाईन जारी की गयी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब मात्र वादों का नहीं, जनता से किये गये वादों को पूरा कर विकास के पथ पर अग्रसर होने वाला राज्य है। “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” मध्यप्रदेश की तकनीकी-परक औद्योगिक यात्रा का स्वर्णिम पड़ाव है। आज का दिन मध्यप्रदेश के टेक्नो-इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इन्दौर में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हुआ है। यह सिर्फ एक कॉन्क्लेव नहीं है, बल्कि प्रदेश की तकनीकी-परक अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में हमने दुनिया को मध्यप्रदेश की प्रौद्योगिकी क्षमता से रूबरू करवाया था। यह कॉन्क्लेव उसी संकल्प का जीवंत उदाहरण है, जहां हम “इरादों को निवेश में” और ‘नीतियों को क्रियान्वयन’ में बदल रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को हुए अभी 60 दिन ही हुए हैं और इस अल्प समय में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हमारी ‘प्रॉमिस्ड डिलीवरी’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के निवेश इरादों को ठोस निवेश में बदलना, राज्य में तकनीकी विकास के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना, नए आईटी पार्क, सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस, इनक्यूबेटर्स की स्थापना करना, प्रमुख बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए भूमि-पूजन कर आधारशिला रखना एवं पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का लोकार्पण करना, जीसीसी, आईटी, आईटीईएस सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन, और एवीजीसी-एक्सआर पर चर्चा करके इन नीतियों का सफल क्रियान्वयन कराना, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उद्योगपतियों के बीच विशेष बैठकें आयोजित कर निवेश स्वीकृतियों और परियोजना-स्तरीय चिंताओं पर चर्चा करना और रीयल-टाइम अपडेट और एंड-टू-एंड सुविधा प्रदान करने के साथ प्रदेश को नवाचार और निवेश के लिए एक वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव में 19 निवेशकों से वन-टू-वन मीटिंगभी की गई। कॉन्क्लेव में की गईं प्रमुख घोषणाएं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्पेस टेक नीति बनाई जायेगी, जिससे राज्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में सायबर सुरक्षा सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 परियोजना के तहत इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जायेगा। इसमें 1,500 करोड़ रूपये के निवेश से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जायेगा, जो डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करेगा। एग्रीटेक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस – आईआईटी इन्दौर में स्थापित किया जायेगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्लाउड एवं अन्य तकनीकों पर आधारित कृषि नवाचारों को बढ़ावा देगा। इवेंट में निवेश प्रोत्साहन को सुविधाजनक बनाने के लिये एमपी डिजिटल इकोनॉमी

UK: नियमित फॉगिंग करो और अस्पतालों में बिजली रोस्टिंग नहीं होगी-सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी जाए। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत विशेष सतर्कता बरती जाए और जिलाधिकारी इसकी नियमित निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने फेक न्यूज फैलाने वालों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करने और सही जानकारी नियमित रूप से विभिन्न माध्यमों से साझा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किरायेदारों का सत्यापन न कराने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। ठेली, फड़ और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों का भी सत्यापन किया जाए। अपात्र व्यक्तियों को राशन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड आदि दस्तावेज जारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सत्यापन कार्य में सभी विभागों के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए।   मुख्यमंत्री ने वनाग्नि प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने और आगजनी की घटनाओं में संलिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। डेंगू नियंत्रण के लिए नियमित फॉगिंग और जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया। अस्पतालों में बिजली की रोस्टिंग न करने तथा ग्रीष्मकाल में बिजली और पेयजल आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने आगामी कैंचीधाम वार्षिकोत्सव के दृष्टिगत सड़कों की बेहतर स्थिति और पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी समय-समय पर विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें ताकि व्यवस्थाएं दुरुस्त बनी रहें और जन समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट मीटर लगाने की प्रगति की नियमित निगरानी, विद्युत बिल शिकायतों का गंभीरता से समाधान करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर त्वरित कार्रवाई करने तथा 10 करोड़ रुपये तक के टेंडर स्थानीय ठेकेदारों को ही दिए जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही, सौर स्वरोजगार योजना के लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए सभी जिलों को निर्देशित किया गया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन, सड़कों की स्थिति, घोड़ा-खच्चर संचालकों को प्राथमिकता देने, यात्रा मार्गों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण और उचित दर सूची का पालन सुनिश्चित करने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, मीनाक्षी सुंदरम, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत व सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।

CG-आतंकवादियों की कायराना हरकत से प्रदेश ने अपना बेटा खोया: मुख्यमंत्री साय

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दिवंगत प्रदेश के कारोबारी श्री दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार में शामिल होकर पार्थिव शरीर को कंधा दिया। उन्होंने स्वर्गीय श्री दिनेश मिरानिया के पार्थिव देह पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और ईश्वर से मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। श्री साय ने शोकाकुल परिवारजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री मिरानिया के पावन स्मृतियों को सहेजने और चिर स्थायी बनाने लिए सरकार किसी सड़क या चौक को उनके नाम पर करने की बात कही। श्री साय ने कहा कि आतंकवादियों की इस कायराना हरकत ने देश की आत्मा पर चोट किया है। पूरे प्रदेश के लिए भी यह दुख और पीड़ा का क्षण है। घिनौनी आतंकवादी घटना में प्रदेश ने अपना एक बेटा खो दिया है। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित हुई, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिला और घाटी के विकास को गति मिली थी। आतंकवादियों ने पर्यटकों के जरिए कश्मीर और देश को अस्थिर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पूरा देश एकजुटता के साथ इस अमानवीय कृत्य का बदला लेगा। श्री साय ने कहा कि पाकिस्तान के शह पर हुई इस हमले का अंजाम उसे भुगताना पड़ेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी, केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू, विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री राजेश मूणत और नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में आम नागरिक मौजूद रहे।

MP-आपातकालीन चिकित्सा उपलब्ध कराने में प्रभावी पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हर जीवन अमूल्य है, आपातकालीन चिकित्सकीय परिस्थितियों में व्यक्ति को उन्नत स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सुविधा प्रदेश में आरंभ की गई है। इस सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार और जिला स्तर पर बेहतर विभागीय समन्वय से क्रियान्वयन आवश्यक है। ऐसे क्षेत्रों में जहां उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां पीपीपी मोड पर चिकित्सालय बनाने के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा योजना की वृहद समीक्षा की। उन्होंने योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग और विमानन विभाग की समन्वय पूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि सेवाओं का बेहतर उपयोग सुनिश्चित कर अमूल्य जीवन का संरक्षण किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों में जैसे सड़क दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा में, ट्रॉमा यूनिट और प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम को घटना स्थल तक एयर एम्बुलेंस द्वारा पहुंचाया जाना चाहिए। इसके साथ ही एयर एम्बुलेंस सेवा के बेहतर उपयोग के लिए सेंसिटिव क्षेत्रों में प्राथमिकता से आवश्यक लैंडिंग अधोसंरचना का विकास करने पर उन्होंने जोर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ऐसे क्षेत्र जहाँ सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं उन्हें चिन्हित करने और इन क्षेत्रों से ट्रॉमा सेंटर तक जल्दी पहुंचाने के लिए सुनियोजित योजना पर कार्य करने के निर्देश दिये, ताकि शीघ्रता से पीड़ित को चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कलेक्टर, और पुलिस प्रशासन को सतत संपर्क में रहने और आवश्यकता पड़ने पर एयर एम्बुलेंस सेवा का उपयोग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जिला स्तर पर योजना के प्रावधानों और सेवाओं के प्रति विभागीय अधिकारियों को जागरूक करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं में गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए भारत सरकार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आवश्यक सेवाओं के प्रावधान किए जा रहे हैं। मंत्रालय से संपर्क कर सेवाओं के बेहतर उपयोग और प्रबंधन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना, अपर मुख्य सचिव गृह श्री जे. एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संदीप यादव, आयुक्त विमानन श्री चंद्रमौली शुक्ला सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अब तक 61 रोगियों को मिली पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ बैठक में बताया गया कि अब तक 61 मरीजों को पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ प्राप्त हुआ है। इनमें से 52 मामलों में निःशुल्क सेवा प्रदान की गई है, जबकि 9 मामलों में सशुल्क सेवा दी गई। इन 61 मामलों में, रीवा जिले से 19 रोगियों का एयर एम्बुलेंस से परिवहन किया गया, जिनमें से 17 को निःशुल्क सेवा मिली। इसके अलावा जबलपुर से 11, भोपाल से 8, छतरपुर से 6, ग्वालियर और दिल्ली से 3-3 मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा प्राप्त हुई। बालाघाट, इंदौर, और पन्ना से 2-2 रोगियों को और बैतूल, कटनी, नरसिंहपुर, सतना और उज्जैन से 1-1 मरीजों को यह सेवा प्राप्त हुई। इन 61 मामलों में सबसे अधिक 14 प्रकरण हृदय रोग से संबंधित थे। इसके अतिरिक्त श्वसन रोग के 10, सड़क दुर्घटनाओं के 7, और हेड इंजरी एवं स्पाइनल इंजरी के 6 मामले रहे। इसके अलावा, लिवर रोग और अंग दान से जुड़े 3-3, किडनी रोग और बर्न के 2-2 मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा से उच्च स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुँचाया गया। अन्य 14 गंभीर प्रकरणों में त्वरित रेफरल की आवश्यकता थी। पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से प्रदेश में कहीं भी चिकित्सा आपात स्थिति उत्पन्न होने पर, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक पहुंचकर, उन्नत आपातकालीन चिकित्सा सेवा द्वारा मरीजों को स्थिर कर उच्च चिकित्सा केंद्रों तक एयर लिफ्ट किया जाता है। सेवा के तहत 1 हेली एम्बुलेंस और 1 फिक्स्ड विंग कन्वर्टेड फ्लाइंग एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है। इसमें उच्च स्तरीय प्रशिक्षित चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टाफ की टीम हमेशा तैनात रहती है। एयर एम्बुलेंस सेवा पात्रता सड़क एवं औद्योगिक दुर्घटना अथवा प्राकृतिक आपदा में पीड़ित व्यक्तियों को राज्य में एवं बाहर शासकीय या निजी चिकित्सालय में निःशुल्क एयर एम्बुलेंस सेवा प्रदाय कर पहुँचाया जाता है। आयुष्मान कार्डधारी को राज्य में और बाहर शासकीय एवं आयुष्मान संबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराई जाती है। अन्य हितग्राही जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उनके लिए राज्य में शासकीय अस्पताल में निःशुल्क और राज्य के बाहर अनुबंधित दर पर सशुल्क परिवहन की व्यवस्था है। एयर एम्बुलेंस सेवा की स्वीकृति दुर्घटना/आपदा के मामलों में संभाग में निःशुल्क परिवहन के लिए जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अनुशंसा पर स्वीकृति दे सकते हैं, जबकि संभाग के बाहर जाने के लिए स्वास्थ्य आयुक्त स्वीकृति देंगे। गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज से बाहर एयर एम्बुलेंस की स्वीकृति, अधिष्ठाता की अनुशंसा पर संभाग आयुक्त द्वारा और राज्य के बाहर के लिए संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा दी जाती है। अन्य सशुल्क परिवहन मामलों में स्वीकृति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय स्तर पर दी जाती है।

MP- पहलगाम की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, आतंकवादियों को जवाब मिलेगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय सेना को परमात्मा का भी आशीर्वाद प्राप्त है जो हर तरह की अव्यवस्था को सुव्यवस्था में बदल सकती है। हाल ही में पहलगाम में हुई घटना से सभी का मन विचलित और व्यथित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव  आज भोपाल के एयर पोर्ट रोड पर द्रोणांचल परिसर स्थित योद्धा स्थल में लाइट एण्ड साउंड शो के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह शो प्रत्येक शुक्रवार, शनिवार और रविवार की शाम को होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मानवता के दुश्मनों द्वारा पहलगाम में किए गए कायराना हमले में दिवंगत सभी पर्यटकों को श्रद्धांजलि दीं। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर अधर्म करने वालों को निश्चित रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और हमारी सरकार जहां उनका मुकाम है वहां पहुंचाकर छोड़ेगी। इस घटना के बाद पूरा देश एकजुटता के साथ इस नृशंस हत्या कांड के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है। पूरे देश को शुरू से सेना के प्रति आशा और उम्मीद की किरण दिखाई देती है। यह हम सबका सौभाग्य है कि हमारी सेना हमेशा असंभव को संभव करके दिखाती है। हमारे जवान किसी भी स्थिति में स्वर्ग रचने का काम करते हैं, वे दुश्मनों के लिए काल, विकराल और महाकाल बनकर वीरता के झंडे गाड़ते हैं। अद्भुत है लाइट एंड साउंड शो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाइट एंड साउंड शो की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें पाषाण युग से लेकर अब तक के अतीत को और समस्त घटनाओं को श्रेष्ठ ढंग से संयोजित किया गया है। यह स्थान श्रद्धा के भाव से हमें भर देता है। भोपाल का इतिहास भी शो का हिस्सा बना है। यह लाइट एंड साउंड शो सेना के शौर्य से परिचित करवाकर युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैसे तो पर्यटन विभाग लाइट एंड साउंड शो करता है लेकिन सेना का यह प्रयास सराहनीय है। यह गौरव का क्षण है। योद्धा स्थल सहित विभिन्न स्मारक राजधानी का गौरव बढ़ा रहे हैं।यह सिलसिला निरंतर चल रहा है। प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में सेना के प्रयास सराहनीय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में सेना के प्रयासों की भी सराहना की। राज्य सरकार सेना के ऐसे प्रयासों में पूर्ण सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वेलनेस सेंटर ” निरामया” में शिरोधारा, पंचक्रम, हाइड्रो थैरेपी और ओजोन थैरेपी उपलब्ध रहेगी। कार्यक्रम में आयुष, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार,संगठन पदाधिकारी श्री महेंद्र सिंह, श्री रविंद्र यति सहित अन्य जनप्रतिनिधि और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रगति, राष्ट्रीय सुरक्षा और सैनिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं: लेफ्टिनेंट जनरल श्री प्रीतपाल सिंह 21वीं कोर हेड क्वार्टर के लेफ्टिनेंट जनरल श्री प्रीतपाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव अनेक क्षेत्रों में प्रगति के लिए कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता दिखाई देती है। सैनिक कल्याण और पूर्व सैनिकों के हित में प्रदेश में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल में अनेक सड़कों के निर्माण की स्वीकृति भी दी है जिसमें सेना के कार्यालयों और रहवास क्षेत्र को भी लाभ मिल रहा है, जो कार्य अनेक वर्ष से लंबित थे वे पूर्ण हो रहे हैं। लालघाटी क्षेत्र से सड़क द्वारा अन्य इलाके जुड़े हैं। मैराथन हो या लाइट एंड साउंड शो प्रारंभ करने के प्रयास हों, मुख्यमंत्री डॉ. यादव के रूझान से यह गतिविधियां हो रही हैं। श्री प्रीतपाल सिंह ने कहा कि प्रगति से सेना सशक्त होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा में सेना, पुलिस और नागरिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नरवाई जलाई तो नहीं मिलेगा सीएम किसान कल्याण योजना का लाभ, एमएसपी पर फसल उपार्जन भी नहीं करेंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश कृषि आधारित राज्य है। फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने के मामलों में वृद्धि होने से वायु प्रदूषण सहित कई प्रकार से पर्यावरण को बेहद नुकसान हो रहा है। खेत में आग लगाने से जमीन में उपलब्ध पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरक क्षमता में भी गिरावट आती है। इसके निदान के लिये राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने को प्रतिबंधित कर चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई किसान अपने खेत में नरवाई जलाता है तो उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा नरवाई जलाने पर संबंधित किसान से अगले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल उपार्जन भी नहीं किया जाएगा। वे समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में राजस्व विभाग की समीक्षा में निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, मृदा संरक्षण एवं भूमि की उत्पादकता बनाए रखने के मद्देनजर राज्य सरकार का यह निर्णय एक मई से लागू होगा। शासकीय भूमि, कुएं, बावड़ियों एवं गांवों में सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण हटाने के लिए चलाएं अभियान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासकीय भूमि, कुएं, बावड़ियों, तालाबों एवं गांवों में सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण हटाने के लिए सख्ती से विशेष अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में सभी जल संग्रहण स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राजस्व अधिकारी अपनी महती भूमिका निभाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सभी अमृत सरोवर, तालाब, बांध, नहर एवं अन्य जल संरचनाओं को राजस्व अभिलेखों में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए और अभियान में नहर, कुए और बावड़ियों जैसी जल संरचनाओं को पूर्णत: अतिक्रमण मुक्त किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को नामांतरण और बंटवारा जैसे राजस्व से जुड़े कार्यों का तय समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निराकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों का नियमित निरीक्षण करें। नामांतरण, बँटवारा आदि मामलों का निराकरण समय सीमा में निरंतर होता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाए। साइबर तहसील परियोजना से मिल रहा बड़ा लाभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजस्व सहित सभी विभाग डिजिटाइजेशन की दिशा में अग्रसर है। इसका सीधा लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है, उन्हें अब जरूरी कार्यों के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है। मध्यप्रदेश की साइबर तहसील परियोजना इसी दिशा में किया गया एक नवाचार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने “प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार” देकर इसकी सराहना की है। उन्होंने बताया कि साइबर तहसील के सकारात्मक परिणाम मिले हैं और किसानों सहित सभी नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। साइबर तहसील 1.0 में अब तक 1 लाख 56 हजार 700 से अधिक और साइबर तहसील 2.0 में अब तक 1 लाख 19 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत किए जा चुके हैं। साइबर तहसील 3.0 में भी 26 जनवरी 2025 तक नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा, तरमीम और सीमांकन के 7 लाख प्रकऱण दर्ज हुए हैं। पहले 2 चरणों में 80 लाख से अधिक लंबित प्रकरणों का निपटारा किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा संशोधन जैसे राजस्वगत कार्यों की पेंडेंसी जल्द से जल्द खत्म की जाए। राजस्व महा अभियान को मिला बेहतर रिस्पांस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में चलाए गए तीन राजस्व महा अभियानों को बेहतर रिस्पांस मिला है। उन्होंने बताया कि गत 15 नवम्बर से 26 जनवरी 25 तक चले राजस्व महाअभियान 3.0 में 29 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण दर्ज किया गया है। इसके बेहतर परिणामों को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय अधिकारियों को राजस्व महा अभियान वर्ष में दो बार संचालित किए जाने पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में राजस्व महाअभियान की सफलता को देखते हुए छत्तीसगढ़ जैसे अन्य राज्यों ने भी इसे लागू किया है। यह हमारे लिये गौरव की बात है। स्वामित्व योजना के अंतर्गत 88 प्रतिशत संपत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरण कार्य पूरा बैठक में बताया गया कि राजस्व विभाग के नवाचारी प्रयासों के तहत तैयार की गई स्वामित्व योजना एवं फार्मर रजिस्ट्री के मामले में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। बताया गया कि स्वामित्व योजना में प्रदेश में ग्रामीण आबादी में निजी लक्षित सम्पत्तियों की संख्या लगभग 45.60 लाख है। इनमें से लगभग 39.63 लाख निजी सम्पत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरित कर दिया गया है, योजना का 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जून 2025 तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। साथ ही फार्मर रजिस्ट्री के लिए विशेष कैंप एवं स्थानीय युवाओं का सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 80 लाख फार्मर आईडी बनाई जा चुकी हैं, यह कार्य भी जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। 85 लाख किसानों को मिल रहा है सम्मान निधि का लाभ राज्य सरकार ने फरवरी 2019 के बाद नए भू-धारकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। इस योजना में केंद्र सरकार हर वर्ष पात्र किसानों को 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करती है। मार्च 2025 तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 28 हजार 800 करोड़ रुपए राशि वितरित की जा चुकी है। साथ ही राज्य सरकार की ओर से भी पात्र मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों को 6 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। वर्ष 2020 से लागू इस योजना में अब तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 17 हजार 500 करोड़ रूपये राशि अंतरित की गई है। वर्ष 2024 से प्रदेशभर में हो रहा फसलों का डिजिटल सर्वे राजस्व विभाग ने गिरदावरी के लिए वर्ष 2024 से फसलों का डिजिटल सर्वे कार्य शुरू किया है। इसमें 60 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं द्वारा खेत और फसलों का सर्वे कार्य पूर्ण किया जा रहा है। प्रदेश में 190 तरह की फसलों की खेती हो रही है। शासकीय भूमि विवाद के न्यायालीन प्रकरणों में मजबूती से