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Yogi distributes tablets to newly selected researchers under Chief Minister’s Fellowship Program

Lucknow | Chief Minister Yogi Adityanath on Friday announced that weightage will be given to the researchers of CM Fellowship programme in administrative services, adding that the ‘talented youth’ will help Uttar Pradesh become the number one economy.

Handing over tablets to newly selected 100 research scholars under the CM’s Fellowship programme, the Chief Minister said, “The selection of research scholars for development of aspirational blocks will be an innovation in itself, as they will gain valuable expertise by then. The 100 CM Fellowship researchers will be given preference in administrative services.”

The CM urged all the researchers to work in the block for the next two to three years and give better results. “Because the majority of people hold PhDs, MTechs, and MPhils, research books on rural development can also be created. You will have the opportunity to do this. All the research scholars should be given accommodation facilities in their development block so that the work can be done better,” he added.

It is noteworthy that out of the total 100 research scholars selected for the CM’s Fellowship programme, as many as 27 are females and the rest 73 are males. The researchers will join in November.

Speaking on the occasion, the Chief Minister said, “It is a significant day today when the scheme is being realised on the ground under the guidance of Prime Minister Modi.CM Fellowship researchers are getting their appointment letter. They will visit 100 aspirational development blocks in the state and aid in their growth.”

The CM continued that it is also a significant day for UP in terms of rural development. With 1 lakh revenue villages, over 58,000 Gram Panchayats, and 826 dev blocks, UP is the most populous state. More than 75 percent of the state’s population resides in villages. These scholars will aid in developing the 100 aspirational development blocks that have been chosen to develop the rural area.

The Chief minister said that eight of Uttar Pradesh’s aspirational districts had got ranking in the top 20 list among the 112 aspirational districts of India while the state’s five districts figured among the top 10 aspirational districts.

“I was unable to understand anything in the beginning. As time went on, we began to work on it and made a few decisions with the ministries and administration. We ensured that there was no shortage of resources and manpower in any field. No extra money was spent for the development of aspirational districts,” said CM.

Maintaining that on the lines of aspirational districts, 100 aspirational blocks have been selected in the state of the total 826 blocks, the CM said, “A dashboard has been created in the Planning department. More than 26,000 people applied for the CM’s Fellowship programme of which 100 selected ones are getting their appointment letter today. They will have to work as a team. The government will give a fixed honorarium to the research scholars, but they will have to upload their daily progress report.”

Additionally, he said that “our inability to do the documentation of our work is the biggest weakness. The 100 researchers will have to work in their development blocks and along with data collection, they will have to do the processing of documentation.

Highlighting the importance of documentation work, the CM said, “We have constituted our Group of Ministers who visit different districts and submit their report. The results are satisfactory.” The CM praised Deputy Chief Minister Brajesh Pathak’s efforts and said that he produced a thesis of 25 districts, which is a documentation in and of itself.

The Chief Minister informed that he has asked the Department of Infrastructure and Industrial Development to keep some research fellows who are associated with IIMs, IITs and other universities for the investment. “They will help the investors in setting up their industries in Uttar Pradesh,” he said.

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टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025: कीट भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनिया में 92वां स्थान अर्जित किया

भुवनेश्वर। कीट-डीयू ने शुरुआती टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025 में भारत में प्रभावशाली चौथा स्थान हासिल किया है जो इंटरडिसिप्लिनरी वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को मान्यता देता है। विशेष रूप से, केवल चार भारतीय विश्वविद्यालय – निजी और सार्वजनिक दोनों – विश्व स्तर पर शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हैं, और कीट उनमें से एक है, जो दुनिया भर में 92 वें स्थान पर है। हाल ही में जारी रैंकिंग में भारत का मजबूत प्रतिनिधित्व है जिसमें 65 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें से सात शीर्ष 100 में शामिल हैं। विशेष रूप से, अन्ना विश्वविद्यालय भारतीय संस्थानों में अग्रणी है और विश्व स्तर पर 41 वां स्थान हासिल किया है। यह मान्यता इंटरडिसिप्लिनरी अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। भारतीय संस्थानों में, कीट शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक है जो वैश्विक इंटरडिसिप्लिनरी विज्ञान परिदृश्य में देश की उपस्थिति में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। कीट और कीस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की और कहा, “अंतर्विषयक वैज्ञानिक अनुसंधान विश्वविद्यालयों के बीच कीट की स्थिति दशकों से इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के प्रति इसके सर्वश्रेष्ठ योगदान को दर्शाती है”। कीट के गुणवत्तापूर्ण शोधकर्ताओं और कर्मचारियों ने अपने गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, नवाचार और प्रकाशनों के माध्यम से इसे संभव बनाया है। उन्होंने इस अनूठी उपलब्धि के लिए कीट-डीयू के संकाय समुदाय, स्टाफ सदस्यों और छात्रों को बधाई दी। बुद्धिजीवियों ने कहा कि ओडिशा में स्थापित कीट विश्वविद्यालय ने अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में दुनिया भर में अपना प्रभाव फैलाया है।

CG-बलौदाबाजार में खुलेगा बीएड महाविद्यालय और ट्रांसपोर्ट नगर की होगी स्थापना : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में विभिन्न विकास कार्यों का  भूमि पूजन और लोकार्पण करते हुए बलौदाबाजार में बीएड महाविद्यालय खोलने और ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के लिए 60 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत के अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इन कार्यों में से 32 करोड़ 32 लाख रूपए की लागत के 16 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 27 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत के 32 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े और विधायक गुरू श्री खुशवंत साहेब भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत मकानों में से 2100 हितग्राहियों को आवास के स्वीकृति पत्र एवं 51 हितग्राहियों को घर की चाबी सौंपी। उन्होंने इस जिले में संचालित ’’हम होंगे कामयाब अभियान’’ के अंतर्गत 51 युवाओं को सम्मान पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में किसानों ने 3100 रूपए प्रति क्विंटल तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी के लिए मुख्यमंत्री श्री साय को धान से भरे टुकनी एवं पर्रा भेंट कर उनके प्रति आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्रति आवास के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये के साथ ही मननरेगा से 90 दिनो की मजदूरी 21,870 रूपये एवं स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय  हेतु 12 हजार रूपये खर्च किए जा रहे है। इस तरह प्रति आवास 1 लाख 53 ’हजार 870 रूपये दिया जा रहा है। आज इस तरह कुल 2100 आवास के लिए कुल 32 करोड़ 31 लाख रूपये का भूमिपूजन किया गया है।

MP : मुख्यमंत्री डॉ. यादव उत्तरप्रदेश में प्रतापगढ़ जिले में भागवत कथा में शामिल हुए

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के ग्राम करमाही पहुँचकर श्रीमदभागवत कथा में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्राम करमाही में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में परम श्रद्धेय स्वामी श्री राघवाचार्य जी भागवत कथा का श्रवण किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के संगठन प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह जी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का डॉ. महेंद्र सिंह के पैतृक ग्राम करमाही में पुष्पहारों से आत्मीय स्वागत किया गया। भागवत कथा में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश की पंचायत संस्थाओं के पदाधिकारी और श्रद्धालु जन नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से प्रयागराज में भी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों ने भेंट की।

UP – टेक्नोलॉजी के दास न बनें, पुस्तकों की ओर लौटें : मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट पार्क में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन किया। यह महोत्सव नेशनल बुक ट्रस्ट और लखनऊ विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया जा रहा है, जो 9 से 17 नवंबर तक चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बच्चों से पाठ्यक्रम के साथ-साथ रचनात्मक और ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि सिर्फ पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि अच्छी किताबें पढ़ें और उनसे अच्छी बातें सीखें। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों से मेले में एक-एक पुस्तक खरीदने का अनुरोध किया, ताकि उनमें पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित हो सके। मुख्यमंत्री ने डिजिटल युग के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवा अपने 24 घंटों में से लगभग 6 घंटे स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल डिवाइस पर व्यतीत कर रहे हैं। अगर इस समय का उपयोग किसी सार्थक कार्य में किया जाए तो यह समाज और युवा दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें तकनीक का उपयोग करना चाहिए, न कि उसके गुलाम बनना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भारत की श्रुति परंपरा का महत्व बहुत गहरा है। नैमिषारण्य जैसे पवित्र स्थानों पर ऋषियों ने ज्ञान को लिपिबद्ध किया, जिससे यह एक तीर्थस्थल बन गया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सुनना, मनन करना और उसे आचरण में उतारना एक परंपरा रही है। आज हमें फिर से इस परंपरा को जीवंत करना होगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सौभाग्यशाली है कि यहां महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे महान कवि हुए। उन्होंने महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे घर-घर में गाया जाता है। उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि युद्धभूमि में भी ज्ञान की सर्वश्रेष्ठ कृति रची गई थी। हमें अपनी इस महान परंपरा पर गर्व करना चाहिए और इसे संजोए रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट की इस पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में ऐसे पुस्तक मेलों का आयोजन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचेगा और लोगों में पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें डिजिटल डिवाइस पर बिताए जाने वाले समय को कम करके पुस्तकों के अध्ययन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी सोच को विस्तार देती हैं और हमें समाज के प्रति जागरूक बनाती हैं। हमें अपनी नई पीढ़ी को इस दिशा में प्रेरित करना होगा। गोमती पुस्तक महोत्सव के इस तृतीय संस्करण में विभिन्न लेखकगण, समाज के सुधिजन और पुस्तक प्रेमी उपस्थित रहे। इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलन मराठी, डायरेक्टर कर्नल युवराज मलिक, प्रदेश सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी, मंडलायुक्त रौशन जैकब सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। मेले में बुक स्टॉलों पर मुख्यमंत्री ने स्वयं जाकर पुस्तकों का अवलोकन किया और आयोजकों को इस अभिनव प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं।

MP:विकसित मध्यप्रदेश के लिए टीम भावना के साथ कार्य करें : मुख्य सचिव श्री जैन

नवागत मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने पदभार ग्रहण करने के साथ गुरूवार को मंत्रालय में विकसित मध्यप्रदेश के रोडमैप को लेकर अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव एवं सचिवों के साथ पहली बैठक की। मुख्य सचिव श्री जैन ने बैठक में सभी अधिकारियों से टीम भावना के साथ कार्य करने की अपेक्षा की। मुख्य सचिव श्री जैन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य की आय बढ़ाने के लिए अन्य साधन एवं स्त्रोत भी तलाशें। श्री जैन ने अधिकारियों को अद्यतन तकनीकी एवं अपने सेक्टर में हो रहे नवाचारों से निरंतर अवगत रहने की जरूरत बतायी। बैठक में उन्होंने अधिकारियों से प्रदेश में केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और समाधान के उपायों को लेकर भी चर्चा की। श्री जैन ने कहा कि प्रदेश में योजना बनाने के पूर्व विस्तृत विचार-विमर्श किया जाये तथा शासन से निर्णय हो जाने पर उसका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाये जिससे अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकें। मुख्य सचिव श्री जैन ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के विकास के लिए भारत सरकार के विभागीय अधिकारियों से सतत् संपर्क एवं समन्वय कर योजनाओं को आगे बढ़ाएं। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपने-अपने विभागों का डाटा-बेस बनाने को कहा जिससे इसका मास्टर डाटाबेस बनाया जा सके। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मोहम्मद सुलेमान ने उद्यानिकी फसलों में प्र-संस्करण की पॉलिसी बनाने के संबंध में सुझाव दिये। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग की योजनाओं एवं क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास अंतर्गत गौशाला, ग्राम रोजगार सहायक की राशि, अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा ने गृह, जेल, परिवहन विभाग अंतर्गत डायल 100, पुलिस बैंड, लाउडस्पीकर नियंत्रण, जघन्य अपराधों की फोरेंसिक जांच, मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह अधिनियम, अपर मुख्य सचिव श्री अशोक बर्णवाल ने दो टाइगर रिजर्व एवं नए सेंचुरी पार्क, टाइगर मेनेजमेंट, अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने विज्ञान प्रौद्योगिकी अंतर्गत डाटा सेंटर बनाने, सिंहस्थ 2028 की तैयारी, विभागीय कार्य आंवटन नियमों में परिवर्तन, प्रमुख सचिव श्री नीरज मण्डलोई ने पीएम आवास, स्वच्छ भारत मिशन, भोपाल-इंदौर मैट्रो, आत्मनिर्भर निकाय बनाने, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग एवं उद्यानिकी श्री अनुपम राजन ने पीएम उषा, प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने पर्यटन विभाग अंतर्गत राम वन गमन पथ,  श्री कृष्ण पाथेय, प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र सिंह ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला ने जिला विकास पुस्तिका, डॉ. संजय गोयल ने शिक्षा विभाग अंतर्गत स्कूल यूनिफार्म, साइकिल, लैपटॉप, स्कूटी वितरण के बारे में जानकारी दी। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री के.सी.गुप्ता, श्रीमती स्मिता भारद्वाज, श्रीमती रश्मी अरूण शमी, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, श्री अमित राठौर, श्री गुलशन बामरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ के कृष्णा घाट सम्पर्कता एवं गायघाट में अप रैंम्प सम्पर्कता का किया लोकार्पण

  पटना, डेस्क। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज आशोक राजपथ के पास कार्यक्रम स्थल से जे०पी० गंगा पथ के कृष्णा घाट सम्पर्कता का फीता काटकर लोकार्पण किया तथा गायघाट में आयोजित कार्यक्रम स्थल से जे०पी० गंगा पथ के गायघाट अप रैम्प सम्पर्कता का फीता काटकर लोकार्पण किया। इससे अशोक राजपथ पर लगनेवाले जाम में कमी आयेगी। गाड़ियां अब कृष्णा घाट लिंक पथ से जे०पी० गंगा पथ का उपयोग कर सकेंगी साथ ही गायघाट में भी अप रैंप बनने से लोगों को जे०पी० गंगा पथ पर आवागमन में सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री ने जे०पी० गंगा पथ से लौटने के क्रम में गांधी घाट पर रूककर गंगा नदी के घटते जलस्तर का जायजा लिया।   इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पटना सिटी में नवनिर्मित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने सात निश्चय-2 के अन्तर्गत कुल 87 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के अन्तर्गत भवन निर्माण हेतु 408.75 करोड़ रूपये की योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन का उद्घाटन करने के पश्चात् प्रशासनिक भवन, मेकेनिकल वर्कशॉप, टेक्निकल वर्कशॉप में जाकर वहां की कार्य पद्धतियों एवं व्यवस्थाओं की शिक्षकों एवं छात्रों से जानकारी ली। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष श्री नन्द किशोर यादव, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री श्री जयंत राज, विधान पार्षद श्री रविन्द्र प्रसाद सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, भवन निर्माण विभाग के सचिव सह मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, श्रम संसाधन विभाग के सचिव श्री दीपक आनंद, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी डॉ० चन्द्रशेखर सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।