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बाजरे की खेती को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार के पास मुकम्मल कार्ययोजना

लखनऊ, 17 मार्च।
बाजरे की खेती करने वाले किसानों की अब बल्ले-बल्ले होने वाली है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय 2026 से 2027 के दौरान बाजरे पर आधारित उत्पादों के प्रोत्साहन पर 800 करोड़ रुपये खर्च करेगा। ये उत्पाद रेडी टू ईट और रेडी टू सर्व दोनों रूपों में होंगे।

सर्वाधिक बाजरा उत्पादक राज्य उप्र को होगा सर्वाधिक लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का सर्वाधिक लाभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली योगी सरकार को मिलेगा। खासकर बाजरा को लेकर। इसकी कई वजहें हैं। मुख्यमंत्री योगी निजी तौर पर खेतीबाड़ी एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में रुचि रखते हैं। इसीलिए उनकी पहल पर इंटरनेशनल मिलेट ईयर को सफल बनाने की कार्ययोजना, इसकी शुरुआत के करीब छह महीने पहले ही बन चुकी थी। इसके अलावा मोटे अनाजों, खासकर बाजरे की खेती इस राज्य की परंपरा रही है। उत्तर प्रदेश में देश का सर्वाधिक बाजरा पैदा होता है। बेहतर प्रजाति के बीज, फसल संरक्षा के सामयिक उपायों के जरिये इसे और बढ़ाना संभव है। इन संभावनाओं के नाते ही बाजरे की खेती भी संभावनाओं की खेती हो सकती है।

विदेशी मुद्रा भी लाएगा अपना बाजरा
बाजरा सहित अन्य मोटे अनाजों के निर्यात पर भी सरकार का फोकस है। खाद्यान्न उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने उन 30 देशों को चिन्हित किया है, जिनमें निर्यात की अच्छी संभावनाएं हैं। इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 21 राज्यों को चिन्हित किया गया है। उल्लेखनीय है कि देश के उत्पादन का करीब 20 फीसदी बाजरा उत्तर प्रदेश में होता है। प्रति हेक्टेयर प्रति किग्रा उत्पादन देश के औसत से अधिक होने के कारण इसकी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। तब तो और भी जब अच्छी-खासी पैदावार के बावजूद सिर्फ 1 फीसदी बाजरे का निर्यात होता है। निर्यात होने वाले में अधिकांश साबुत बाजरे होते हैं। लिहाजा प्रसंस्करण के जरिये इसके निर्यात और इससे मिलने वाली विदेशी मुद्रा की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में सर्वाधिक, करीब 29 फीसदी रकबे में बाजरे की खेती होती है। इसके बाद महाराष्ट्र करीब 21 फीसदी रकबे के साथ दूसरे नंबर पर है। कर्नाटक 13.46 फीसदी, उत्तर प्रदेश 8.06 फीसदी, मध्य प्रदेश 6.11फीसदी, गुजरात 3.94 फीसदी और तमिलनाडु में करीब 4 फीसदी रकबे में बाजरे की खेती होती है।

उत्तर प्रदेश की संभावना इस मामले में बेहतर है, क्योंकि यहां प्रति हेक्टेयर प्रति किग्रा उत्पादन राष्ट्रीय औसत (1195 किग्रा ) की तुलना में 1917 किग्रा है। प्रति हेक्टेयर प्रति किग्रा उत्पादन के मामले में तमिलनाडु नंबर एक (2599 किग्रा) पर है।

खेती के उन्नत तौर तरीके से उत्तर प्रदेश के उपज को भी इस स्तर तक लाया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार लगातार इस बाबत प्रयासरत भी है। साल 2022 तक यूपी में बाजरा की खेती का रकबा कुल 9.80 लाख हेक्टेयर है, जिसे बढ़ाकर 10.19 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। साथ ही उत्पादकता बढ़ाकर 25.53 क्विंटल प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को इसका वाजिब दाम मिले, इसके लिए सरकार 18 जिलों में प्रति कुन्तल 2350 रुपये की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर इसकी खरीद भी कर रही है।

गेहूं, धान, गन्ने के बाद प्रदेश की चौथी फसल है बाजरा
गेहूं, धान और गन्ने के बाद बाजरा उत्तर प्रदेश की चौथी प्रमुख फसल है। खाद्यान्न एवं चारे के रूप में प्रयुक्त होने के नाते यह बहुपयोगी भी है। पोषक तत्वों के लिहाज से इसकी अन्य किसी अनाज से तुलना ही नहीं है, इसलिए इसे “चमत्कारिक अनाज”, “न्यूट्रिया मिलेट्स”, “न्यूट्रिया सीरियल्स” भी कहा जाता है।

2018 में भारत द्वारा मिलेट वर्ष मनाने के बाद बाजरा सहित अन्य मोटे अनाजों की खूबियों से किसान व अन्य लोग भी जागरूक हुए हैं। नतीजतन बाजरे के प्रति हेक्टेयर उपज, कुल उत्पादन और फसल आच्छादन के क्षेत्र (रकबे) में लगातार वृद्धि हुई।

हर तरह की भूमि में ले सकते हैं फसल
इसकी खेती हर तरह की भूमि में संभव है। न्यूनतम पानी की जरूरत, 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी परागण, मात्र 60 महीने में तैयार होना और लंबे समय तक भंडारण योग्य होना इसकी अन्य खूबियां हैं। चूंकि इसके दाने छोटे एवं कठोर होते हैं, ऐसे में उचित भंडारण से यह दो साल या इससे अधिक समय तक सुरक्षित रह सकता है। इसकी खेती में उर्वरक बहुत कम मात्रा में लगता है। साथ ही भंडारण में भी किसी रसायन की जरूरत नहीं पड़ती। लिहाजा यह लगभग बिना लागत वाली खेती है।

पोषक तत्वों का खजाना है बाजरा
बाजरा पोषक तत्वों का खजाना है। खेतीबाड़ी और मौसम के प्रति सटीक भविष्यवाणी करने वाले कवि घाघ भी बाजरे की खूबियों के मुरीद थे। अपने दोहे में उन्होंने कहा है, “उठ के बजरा या हँसि बोले। खाये बूढ़ा जुवा हो जाय”। बाजरे में गेहूं और चावल की तुलना में 3 से 5 गुना पोषक तत्व होते हैं। इसमें ज्यादा खनिज, विटामिन, खाने के लिए रेशे और अन्य पोषक तत्व मिलते हैं। लसलसापन नहीं होता। इससे अम्ल नहीं बन पाता। लिहाजा सुपाच्य होता है। इसमें उपलब्ध ग्लूकोज धीरे-धीरे निकलता है। लिहाजा यह मधुमेह (डायबिटीज) पीड़ितों के लिए भी मुफीद है। बाजरे में लोहा, कैल्शियम, जस्ता, मैग्निशियम और पोटाशियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा मे होते हैं। साथ ही काफी मात्रा में जरूरी फाइबर (रेशा) मिलता है। इसमें कैरोटिन, नियासिन, विटामिन बी6 और फोलिक एसिड आदि विटामिन मिलते हैं। इसमें उपलब्ध लेसीथीन शरीर के स्नायुतंत्र को मजबूत बनाता है। यही नहीं बाजरे में पोलिफेनोल्स, टेनिल्स, फाइटोस्टेरोल्स तथा एंटीऑक्सिडैन्टस प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। यही वजह है कि सरकार ने इसे न्यूट्री सीरियल्स घटक की फसलों में शामिल किया है। अपने पोषण संबंधित इन खूबियों की वजह से बाजरा कुपोषण के खिलाफ जंग में एक प्रभावी हथियार साबित हो सकता है।

फसल के साथ पर्यावरण मित्र भी है बाजरा
बाजरे की फसल पर्यावरण के लिए भी उपयोगी है। यह जलवायु परिवर्तन के असर को कम करती है। धान की फसल जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है। पानी में डूबी धान की खड़ी फसल में जमीन से ग्रीन हाउस गैस निकलती है। गेहूं तापीय संवेदनशील फसल है। तापमान की वृद्धि का इस पर बुरा असर पड़ता है। क्लाइमेट चेंज के कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में एक समय ऐसा भी आ सकता है, जब गेहूं की खेती संभव ही न हो। उस समय बाजरा ही उसका सबसे प्रभावी विकल्प हो सकता है, इसलिए इसकी खेती को भविष्य की भी खेती कहते हैं।

बिना लागत की खेती
बाजरे की खेती में उर्वरकों की जरूरत नहीं पड़ती। इसकी फसल में कीड़े-मकोड़े नहीं लगते। अधिकांश बाजरे की किस्में भंडारण में आसान हैं। साथ ही इसके भंडारण के लिए कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती। इसी तरह नाम मात्र का पानी लगने से सिंचाई में लगने वाले श्रम एवं संसाधन की भी बचत होती है।

भारत के प्रस्ताव पर यूएनओ ने 2023 को घोषित किया ईयर ऑफ मिलेट
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में मिलेट रिवोल्यूशन के क्रांति की जरूरत का जिक्र कर चुके हैं। उनकी ही पहल पर 2018 में देश में मिलेट ईयर मनाया गया था। बाद में भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) को इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का अनुरोध किया था। भारत के ही प्रस्ताव पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बढ़ते शहरीकरण एवं औद्योगिकीकरण, बढ़ती आबादी की आवासीय जरूरतों, सड़क, बांध, एयरपोर्ट आदि के लिए जमीन की जरूरत पड़नी ही है। लिहाजा जमीन का रकबा लगातार घटना है। ऊपर से मौसम की अप्रत्याशिता। आने वाले समय में खाद्यान्न एवं पोषण सुरक्षा के साथ क्लाइमेट चेंज के प्रति संवेदनशील धान एवं गेहूं जैसी परंपरागत फसलों के लिए भी गंभीर चैलेंज है। इसका समाधान कम लागत, कम पानी में होने वाले बाजरे जैसे मोटे अनाज ही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अपने पौष्टिक गुणों के कारण चमत्कारिक अनाज कहे जाने वाले बाजरे की खेती को यथासंभव प्रोत्साहन दिया जाय। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद अगले 100 दिन, 6 माह, दो साल और पांच साल के काम का लक्ष्य तय करने के लिए सेक्टरवार मंत्री परिषद के समक्ष प्रस्तुतिकरण लिया था। इसी क्रम में सामाजिक सेक्टर के प्रस्तुतिकरण के दौरान उन्होंने निर्देश दिया था कि न्यूट्रीबेस्ड फूड बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद और वितरण की व्यवस्था की जाए। यह प्रमुख बाजरा उत्पादक 18 जिलों में हो भी रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 में बाजरा एवं ज्वार सहित लुप्तप्राय हो रही कोदो और सावां की फसल को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग ने कई योजनाएं तैयार की हैं। बाजरे की खेती के लिए किसानों को इसकी खूबियों के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।

प्रसंस्करण की काफी संभावनाएं
बाजरे से चपातियां, ब्रेड, लड्डू, पास्ता, बिस्कुट, प्रोबायोटिक पेय पदार्थ बनाए जाते हैं। छिलका उतारने के बाद इसका प्रयोग चावल की तरह किया जा सकता है। इसके आटे को बेसन में मिलाकर इडली, डोसा, उत्पम, नूडल्स आदि बनाया जा सकता है।

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MP News:मंत्री सारंग ने किया शा. नवीन उ. मा. विद्यालय सेमरा का औचक निरीक्षण

सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय के प्रांगण में निर्माण कार्य में अनियमित्ता मिलने पर पीआईयू के कार्यपालन यंत्री से नाराजगी व्यक्त की। मंत्री श्री सारंग भोपाल में भारी वर्षा के कारण सेमरा स्थित शासकीय स्कूल प्रांगण में जलभराव की शिकायत मिलने पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री श्री सारंग ने नरेला विधानसभा के सभी शासकीय विद्यालयों के पुराने भवनों के उन्नयन के लिये मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कक्षा में पहुंचकर विद्यार्थियों से संवाद कर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की तथा क्लासरूम में शिक्षकों द्वारा पढ़ाये जा रहे पाठ्यक्रम का भी अवलोकन किया। पीआईयू के निर्माण कार्य में अनियमितता मिलने पर जताई नाराजगी मंत्री श्री सारंग ने सेमरा शासकीय विद्यालय प्रांगण में विगत दिनों अतिवर्षा के कारण जलभराव की स्थिति निर्मित होने पर पूरे भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि शाला प्रांगण में पीआईयू डिविजन क्रमांक-1 द्वारा निर्माण कार्य करवाया जा रहा है तथा निर्माण कार्य में अनियमितता के कारण जलभराव की स्थिति निर्मित हो रही है। मंत्री श्री सारंग ने तत्काल कार्यपालन यंत्री को कॉल कर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण कार्य को निश्चित समयावधि के भीतर पूरा करने के साथ ही नरेला विधानसभा के सभी शासकीय स्कूलों के पुराने भवनों के उन्नयन के लिये मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिये। नरेला विधानसभा अंतर्गत सभी शासकीय विद्यालयों का होगा उन्नयन  मंत्री श्री सारंग ने बताया कि नरेला विधानसभा अंतर्गत सभी शासकीय विद्यालयों का एक वर्ष के भीतर उन्नयन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग, पीआईयू, नगर निगम द्वारा समन्वय करते हुए मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधोसंरचना का विस्तार करते हुए शासकीय विद्यालयों के भवनों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जायेगी, जिससे शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की सुविधाओं में भी विस्तार होगा। क्लासरूम और लेब का किया अवलोकन, विद्यार्थियों से किया संवाद निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री सारंग ने विद्यालय भवन, क्लासरूम, लेब आदि उपलब्ध सुविधाओं का भी अवलोकन किया। मंत्री श्री सारंग ने विद्यार्थियों से संवाद कर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। इस पर विद्यार्थियों ने मंत्री श्री सारंग के समक्ष संतुष्टि व्यक्त की। मंत्री श्री सारंग क्लासरूम भी पहुंचे। यहां उन्होंने शिक्षकों द्वारा पढ़ाये जा रहे पाठ्यक्रम की जानकारी प्राप्त की।

CG News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भोरमदेव में हजारों कावड़ियों का पुष्प वर्षा कर किया भव्य स्वागत

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रदेश के प्राचीन, पुरातात्विक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर में पवित्र सावन मास के अवसर पर हजारों कावड़ियों का हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस ऐतिहासिक आयोजन में मुख्यमंत्री श्री साय ने हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष के साथ कावड़ियों और श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उनका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने भी कावड़ियों का अभिनंदन किया। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं हेलीकॉप्टर से शिवभक्त कावड़ियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अद्वितीय मौके पर भोरमदेव बाबा भगवान शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक भी किया, जिसमें उन्होंने प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री साय और उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से मुलाकात की और भंडारा स्थल पर पहुंचकर अपने हाथों से श्रद्धालुओं को खीर, पुड़ी, चावल और प्रसाद वितरित किया। इस दौरान पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुशीला राम कुमार भट्ट, जनपद अध्यक्ष श्री इंद्राणी चंद्रवंशी, पूर्व विधायक श्री अशोक साहू, और नगर पंचायत अध्यक्ष श्री मनहरण कौशिक ने भी बाबा भोरमदेव भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। सावन में शिव भक्तों के लिए ऐतिहासिक आयोजन इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम सभी भक्तजनों को सावन मास की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सावन के तीसरे सोमवार को भगवान भोलेनाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है और उन्होंने प्रदेश के सभी लोगों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की है। पवित्र सावन माह में शिव भक्तों के लिए यह ऐतिहासिक आयोजन रहा। कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव मंदिर के साथ-साथ, बुढ़ा महादेव और डोंगरिया के जलेश्वर महादेव जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर भी हर साल हजारों कावड़ियों द्वारा जलाभिषेक किया जाता है। इस अवसर पर, अमरकंटक से शिव भक्त पदयात्रा कर छत्तीसगढ़ के विभिन्न शिवालयों में जल चढ़ाते हैं। कावड़ यात्रा की ऐतिहासिक परंपरा बाबा भोरमदेव मंदिर 11वीं शताब्दी का एक प्राचीन, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का स्थल है, जहां हर साल सावन मास में कावड़ियों की पदयात्रा का आयोजन होता है। इस कावड़ यात्रा में मध्यप्रदेश के अमरकंटक से मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर भक्तजन कठिन मार्गों से गुजरते हुए बाबा भोरमदेव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव में जलाभिषेक करते हैं। इस दौरान वे “बोल बम” के जयघोष के साथ भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में इस वर्ष की कावड़ यात्रा विशेष रूप से स्मरणीय रही, जिसमें सरकार की ओर से कावड़ियों के स्वागत और सेवा का अभूतपूर्व आयोजन किया गया।

MP News:सावन का महीना भाई-बहनों के प्रेम को प्रगाढ़ करने का पर्व: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ.  मोहन यादव ने कहा है कि भारत त्यौहारों की संस्कृति वाला देश है। यहाँ हर एक त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई मूल भावना होती है। इन त्यौहारों में परस्पर भाईचारा, प्रेम और रिश्तों को निभाने वाले संस्कार समाहित होते हैं। वर्ष के 12 महीनों में एक मास श्रावण ही ऐसा है जिसका इंतजार सभी को रहता है। इस समय बादलों के घुमड़ने के साथ ही पेड़ों पर झूलों की बहारे नजर आने लगती है। ऐसे में रक्षाबंधन का त्यौहार आता है। आज मैं अपनी लाड़ली बहनों के बीच रक्षाबंधन का उत्सव मनाकर धन्य हो गया हॅू। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट के इतवारी गंज जैविक कृषि मंडी में आयोजित लाड़ली बहनों के लिये समर्पित आभार सह उपहार कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि हमारी संस्कृति यह सिखाती है कि जीवन में स्नेह का पहला हक माता-पिता का होता है। इनके बाद यह हक बहनों को मिला है जो अपने भाई से प्रेम करती है। मुझे 1 अगस्त से प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर अपनी बहनों का अपार स्नेह प्राप्त हो रहा है। भारी बारिश के बीच जबलपुर से बालाघाट मार्ग में आते समय जिस उत्सुकता से बहनों ने मेरा इंतजार किया है। वह इसी स्नेह का प्रतीक है। मेरी बहनें रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मना सके इसके लिये 10 अगस्त को लाड़ली बहना योजना के तहत 1250 रुपये और रक्षाबंधन के शगुन/उपहार रूप में पर 250 रुपये की राशि सिंगल क्लिक से बहनों के खाते में अंतरित की जायेगी। रक्षाबंधन पर जब बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर राखी बांधेगी तो उनका यह आशीर्वाद मुझे अपने आप ही मिल जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि हमारी बहनें मिलने वाली राशि का सदुपयोग और प्रबंधन करना बखूबी जानती है। बालाघाट जिले की बहनों को 10 अगस्त को 08 करोड़ 92 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। हमारी सरकार द्वारा जून 2023 से अगस्त 2024 तक हर माह 3 लाख 56 हजार बहनों को 500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना में अब गैस सिलेण्डर 450 रुपये में देने का कार्य भी सरकार कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में स्व सहायता समूहों, एमएसएमई के माध्यम से उद्योगो से जोड़ने की दिशा में सरकार ने पहल की है। गेहूं की तरह धान के लिए भी मिलेगी बोनस की राशि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बालाघाट जिले के चिन्नौर चावल को जीआई टैगिंग का दर्जा प्राप्त हुआ है। अब किसानों को गेहूं की तरह ही धान के लिए भी बोनस की राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही पशु पालकों की आर्थिक स्थिति एवं उनकी आमदनी को बेहतर बनाने के लिए बोनस दिया जाएगा। तेंदुपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें मिलने वाली प्रति बोरा की राशि भी बढ़ाई जायेगी। पीएम जनमन योजना में विशेष पिछड़ी जनजातियों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए लगभग 7 हजार 300 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान बजट में किया गया है। जनजातीय समुदाय की बैगा बसाहटों में 19 सड़को के निर्माण कार्य भी प्रारंभ किये जाएंगे। साथ ही जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रदेश के बालाघाट की धरती को प्रकृति का आशीर्वाद मिला है। यह जिला अपनी खनिज संपदा के लिए देश-विदेश में पहचाना जाता है। अपने गर्भ में मैंगनीज एवं तांबा जैसी बहुमूल्य धातु समाई हुई है। जिले में लगभग 80 प्रतिशत मैंगनीज के भंडार मौजूद है। अगली बार मलाजखंड जाकर यहां तांबा खनन के कार्य को देखूंगा। मुख्यमंत्री करेंगे सिवनी में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वे बालाघाट आने पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे है। उन्होंने बताया है कि सिवनी में शीघ्र ही नये मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज पीपीपी मॉडल के अंतर्गत प्रारंभ किये जायेंगे। इसके अलावा सिवनी से बालाघाट सड़क मार्ग को फोर लेन बनाने के लिए सर्वे कार्य भी कराया जाएगा।   मुख्यमंत्री ने बहनों का मुंह मीठा किया, बहनों ने बांधी राखी श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट की बहनों ने मुख्यमंत्री भाई डॉ. यादव की कलाई पर राखी बांधी। राखी बंधवाते हुए भाई मुख्यमंत्री डॉ. यादव पूरी तरह भाव विभोर हुए। उन्होंने बहनों के आगे अपने दोनों हाथ बढ़ाकर राखी बंधवाई और अपने हाथों से उपहार भी प्रदान किये। वहीं उन्होंने बहनों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर मुंह मीठा भी कराया। श्रावण का उत्सवी माहौल इतवारीगंज स्थित जैविक मंडी में आयोजित हुआ। लखपति दीदियों ने भी सीएम भैया को बांधी राखी बालाघाट की लखपति दीदियों ने भी बालाघाट में हुए कार्यक्रम में राखी बांधी तो सीएम भैय्या ने अपने हाथों से मुंह मीठा कराया। जन-प्रतिनिधि बहनों, जैन समाज, लखपति दीदियों का समूह, प्रस्फुटन समिति, सखी समूह और रोटरी क्लब की बहनों के साथ ही बैगा जनजाति की बहनों ने भी अपने हाथों से बनाई राखी बांधी।

CG News:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा से की सौजन्य मुलाकात

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव के क्लब हाऊस सन सिटी में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा से सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने उन्हें शाल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया तथा स्मृति चिन्ह के रूप में बेलमेटल की नंदी की मूर्ति भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पावन श्रावण मास चल रहा है, इस दौरान आपसे मुलाकात करने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने पूजा-अर्चना की और पंडित श्री प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद ग्रहण किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री मधुसूदन यादव, राजनांदगांव के कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

MP News:मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर-सिवनी-बालाघाट मार्ग पर यात्रा कर अतिवृष्टि से उपजे हालात का लिया जायजा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न हालातों का जायजा लेने के लिये आज जबलपुर से सिवनी होते हुए बालाघाट तक सड़क मार्ग से भ्रमण किया। उन्होंने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों और पशुओं के लिये पर्याप्त सुरक्षात्मक बंदोबस्त करने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों और आम नागरिकों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति (मुआवजा) राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री का सड़क मार्ग से यात्रा के दौरान गाँव-गाँव में सभी वर्गों के लोगों के साथ जन-प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मार्ग में आमजन से चर्चा की और संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि सिवनी-बालाघाट मार्ग जल्दी ही फोरलेन बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुर्रई महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण और नगरीय क्षेत्र बरघाट में डिवाइडर युक्त मॉडल रोड निर्मित किये जाने की सौगात जनता को दी। मुख्यमंत्री ने नागनदेवरी, लखनादौन, गनेशगंज, छपारा एवं बंडोल में बहनों से बंधवाई राखी मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सड़क मार्ग द्वारा जबलपुर से सिवनी- जबलपुर सीमा में स्थित ग्राम बंजारी पहुंचने पर विधायक बरघाट श्री कमल मर्सकोले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मालती डेहरिया एवं वरिष्ठ जिलाधिकारियों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्राम बंजारी से सिवनी की ओर मार्ग में नागनदेवरी, लखनादौन, गनेशगंज, छपारा तथा बंडोल में बहनों से आत्मीय भेंट कर राखी बंधवाई। उन्होंने बहनों को रक्षाबंधन एवं कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। भीमगढ़ बांध के बैक वाटर क्षेत्र का अवलोकन कर अधिकारियों को दिए निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिवनी जिले में छपारा तहसील स्थित बैनगंगा नदी के पुल पर वाहन रुकवाया एवं बैनगंगा नदी को प्रणाम कर पुष्प अर्पित किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भीमगढ़ बांध के बैक वाटर का अवलोकन कर विगत 22 जुलाई को हुई अतिवर्षा से निर्मित बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन से अतिवर्षा के दौरान जल भराव क्षेत्र एवं प्रभावित गाँवों के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक प्रबंध करने को निर्देशित किया। सिवनी जिले की बहनों का स्नेह कभी नहीं भूलूंगा मुख्यमंत्री डॉ. यादव का सड़क मार्ग से सिवनी जिला मुख्यालय पहुंचने पर नगरवासियों द्वारा अभिवादन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगस्त माह बहनों के लिए उत्सव की तरह मना रही है। नारी सशक्तिकरण की दिशा में सरकार द्वारा कईं महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को प्रदेश में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश की लाडली बहनों को प्रतिमाह मिलने वाली 1250 रूपये की राशि के अतिरिक्त 250 रूपये की राशि रक्षा बंधन के लिए उनके बैंक खाते में अंतरित की जा रही है। जिससे वे रक्षा बंधन का त्यौहार पूरे उत्साह से मना सकें। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को ग्रामवार, वार्डवार, निकायवार तथा जिलेवार भव्य आयोजन किए जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे सिवनी जिले की बहनों के स्नेह को सदैव अपनी स्मृति में सजों कर रखेंगे। बरघाट में बनेगा डिवाईडरयुक्त मॉडल रोड मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सिवनी-बालाघाट सड़क मार्ग के गड्डों एवं सोल्डर की तत्काल मरम्मत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सिवनी-बालाघाट राज्य मार्ग को परीक्षण उपरांत फोरलेन बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कुरई में महाविद्यालय का नवीन भवन बनाने एवं नगरीय क्षेत्र बरघाट में डिवाईडरयुक्त मॉडल रोड बनाने की घोषणा की।

CG News:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 6 अगस्त की शाम रायपुर लौटेंगे

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मंगलवार 6 अगस्त को शाम 4:55 बजे जशपुर जिले के दो दिवसीय प्रवास के बाद रायपुर लौटेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सवेरे 10:50 बजे जशपुर जिले बगिया स्थित अपने निवास से कार द्वारा रवाना होकर 11 बजे कुनकुरी विकासखंड के ग्राम बन्दरचुंआ स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला आयेंगे और वहां कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोपहर 12:10 बजे बगिया पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री अपरान्ह 3:30 बजे बगिया से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर शाम 4:55 बजे रायपुर लौट आएंगे।