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देश में सबसे अधिक मेट्रो सेवा यूपी में

लखनऊ | सीएम ने कहा कि अपने कार्यों के माध्यम से हमने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को पूरी ईमानदारी के साथ पहुंचाने का काम किया। पूर्वी यूपी आज पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और बुंदेलखंड बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ जुड़ चुका है। पश्चिमी यूपी को मध्य यूपी और पूर्वी यूपी से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेज गति से चल रहा है। हमारा प्रयास है प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले गंगा एक्सप्रेस वे का काम पूरा हो। गंगा एक्सप्रेसवे श्रद्धालुओं का स्वागत करे। हर जिला मुख्यालय को 4 लेन से जोड़ने की कार्रवाई या तो पूरी हो चुकी है या तेज गति से चल रही है। जिला मुख्यालय को रिंग रोड से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। देश में सबसे अधिक मेट्रो सेवा यूपी में है। पांच शहर में मेट्रो चल रही है, जबकि छठवें शहर आगरा में नवंबर-दिसंबर तक इसे चालू कर देंगे। रैपिड रेल सेवा भी अगले महीने तक पीएम के कर कमलों से लोकार्पित किया जाएगा।

पूर्वी बंदरगाह से भी जुड़ गया यूपी
सीएम ने कहा कि 2017 में जब हम आए थे, तब दो एयरपोर्ट क्रियाशील और दो आंशिक थे, आज हमारे पास नौ एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हैं। 12 एयरपोर्ट पर हम वर्तमान में काम कर रहे हैं। इनमें से पांच को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एयर कनेक्टिवटी के साथ जोड़ने के लिए सहमति दे दी है। अगले दो वर्ष के अंदर यूपी पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा। तीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट वर्तमान में क्रियाशील हैं। अयोध्या और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अगले साल तक क्रियाशील कर दिया जाएगा। देश का पहला वाटर वे वाराणसी से हल्दिया के लिए शुरू कर दिया गया है। यूपी को हमेशा ये मलाल रहता था कि हम बंदरगाह से नहीं जुड़े हैं, मगर आज वाराणसी से हल्दिया को यानी पूर्वी बंदरगाह को यूपी को जोड़ दिया गया है। किसानों के उत्पाद को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।

बदला यूपी का परसेप्शन, डबल इंजन सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि
सीएम ने कहा कि यूपी ने बीते 6 साल में यूपी ने सचमुच परसेप्शन बदला है। आज यूपी के बारे में कोई नकारात्मक नहीं सोच रहा है। पहले लोग संदेह की दृष्टि से देखते थे, लेकिन आज यूपी का नाम सुनते ही लोगों के चेहरे पर चमक आ जाती है। ये हमारी डबल इंजन सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमारे नौजवानों के सामने अपनी पहचान छिपाने का संकट नहीं आ सकता है। आज उन्हें पूरे सम्मान के साथ अपने राज्यों और देशों मे कार्य देने के लिए लोग तैयार हैं। आज यूपी भी तैयार हो चुका है। हम आज डबल और ट्रिपल स्पीड के साथ अपने कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। याद कीजिए हमने यूपी में कार्यों की शुरुआत ही 80 हजार करोड़ के औद्योगिक विकास की परियोजनों के साथ की थी। यूपी में 6 साल में 5 लाख करोड़ की निजी क्षेत्र की परियोजनाओं की शुरुआत हुई, जिसमें लाखों युवाओं को नौकरियां मिली। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव ने सभी को चौंका दिया। 25 सेक्टरों में अलग-अलग रणनीति बनाकर पॉलिसी तैयार की गयी।

विद्युत आपूर्ति में वीआईपी कल्चर समाप्त
सीएम ने कहा कि पूववर्ती सरकार के पहले ढाई साल में मात्र ढाई लाख शौचालय बने थे, उसके बाद (वर्ष 2017) के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ। पीएम आवास योजना (शहरी) में 18 हजार स्वीकृत हुए थे पर बने नहीं थे जबकि 6 साल में शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में 5,27,7000 आवास स्वीकृत किये गये हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 1 लाख से अधिक गरीबों को आवास उपलब्ध कराए गये। इनमें मुसहर, वनटांगिया, थारू, कोल और सहरिया जैसी जातियां शामिल हैं, जिनकी आजादी के 70 साल तक आवाज नहीं सुनी जाती थी। वीआईपी कल्चर को समाप्त करते हुए समान रूप से सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की गयी। यूपी आज देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। यूपी के बजट को दोगुना बढ़ाया गया। पहले निराश्रित पेंशन के अंतर्गत 17 लाख महिलाओं को 500 रुपये प्राप्त होता था, आज 31 लाख महिलाओं को 1000 रुपये पेंशन दिए जा रहे हैं। पहले 37 लाख लाभार्थियों को 500 रुपये मासिक वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा प्राप्त होती थी पर आज 56 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है, मासिक राशि भी दोगुनी की गई है।

किसान-नौजवान सभी खुशहाल
सीएम ने कहा कि 2016 में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत थी, आज ये घटकर 3-4 प्रतिशत है। यूपी में 2007 से 2017 के बीच जितना गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ, आज हमने उससे दोगुना गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। मुझे प्रसन्नता है हमने अब तक 2लाख 2 हजार करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य कर दिया है। धान और गेहूं में दलाल और एजेंट के माध्यम से खरीद होती थी। 2012 से 17 के बीच में मात्र 123 लाख मीट्रिक टन का धान क्रय बिचौलियों के माध्यम से हुआ था, जिसमें 17190 करोड़ का भुगतान किया गया था। मगर 17 से लेकर अब तक 345 लाख मीट्रिक टन धान क्रय हुआ और 64 हजार करोड़ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे अन्नदाताओं के पास गया। इसी प्रकार गेहूं के मामले में बिचौलियों के माध्यम से 12 से 17 के बीच 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं क्रय हुआ और 12800 करेाड़ का भुगतान बिचौलियों के माध्यम से हुआ। 2017-23 के बीच 219 लाख मीट्रिक टन खरीद किया और 40159 करोड़ का भुगतान अन्नदाता के खाते में किया गया।

शिक्षा-स्वास्थ्य में यूपी समृद्धि की राह पर
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज यूपी इथेनॉल उत्पादन में देश में पहले नंबर पर है। यूपी आज 118 करोड़ लीटर उत्पादन कर रहा है। हम वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की ओर हम बढ़ रहे हैं। बहुत शीघ्र हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज होगा। हर कमिश्नरी स्तर पर एक विवि देने जा रहे हैं। मां शाकुंभरी के नाम से सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर अलीगढ़, महाराज सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़ में चल रहा है। गोरखपुर में गोरक्षनाथ के नाम से आयुष विवि का काम चल रहा है। राजेंद्र प्रसाद के नाम से प्रयागराज में काम चल रहा है। 2023-24 के बजट में हमने चार नये विश्वविद्यालय का प्रावधान किया है। फार्मेसी सेक्टर में प्रदेश में लगातार बहुत से कार्य किये जा रहे हैं। चाहे मेडिकल डिवाइस पार्क हो या यमुना अथॉरिटी, चाहे ललितपुर में फार्मा पार्क हो। लखनऊ और हरदोई के बीच 12 सौ एकड़ में मेगा टेक्साइटल पार्क की योजना शुरू हो चुकी है।

यूपी में बन रहे सर्वाधिक मोबाइल
सीएम ने कहा कि यूपी न्यू एज हाईटेक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में सबसे बड़ा केंद्र बना है। देश में सबसे ज्यादा मोबाइल फोन यूपी में बन रहे हैं। सबसे ज्यादा ई व्हीकल रजिस्टर्ड वाला प्रदेश यूपी है। सबसे ज्यादा रोबॉटिक्स का निर्माण यूपी में होने जा रहा है। यूपी देश का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनने जा रहा है। शासन की कार्यप्रणाली में ईमानदारी के साथ पारदर्शिता के परिणाम सबके सामने है।

विकास की नई बुलंदियों को छुएगा यूपी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी विकास की नई बुलंदियों को छुएगा। यूपी की जनता जनार्दन का जो आशीर्वाद डबल इंजन सरकार को प्राप्त हुआ है, ये सरकार पूरी ईमानदारी के साथ उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरकर न केवल केंद्र और राज्य की योजनाओं का लाभ उन्हें देगी, बल्कि जहां भी आवश्यक्ता पड़ेगी, उनके हितों के संरक्षण के लिए बड़े बड़े कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगी। सीएम ने कहा कि इस अवसर पर आज सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी मंत्रीगण और संगठन के पदाधिकारी पुस्तक का विमोचन कर रहे हैं। इसमें सभी विधानसभाओं मे हो रहे कार्यों का उल्लेख किया गया है। सरकार पूरी ईमानदारी के साथ और पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। जनता को जनार्दन मानकर के हम अपने कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं।

टीम वर्क कैसे परिणाम देता है, मंत्रिमंडल, जनप्रतिनिधि और संगठन व अधिकारियों ने बताया
सीएम ने कहा कि टीम ने जिस प्रतिबद्धता के साथ काम किया है यही कारण है यूपी का परसेप्शन बदला है। मंत्रिमंडल, जनप्रतिनिधि, संगठन व अधिकारियों ने बताया कि टीमवर्क कैसे परिणाम देता है। यूपी आज हर सेक्टर में अग्रणी राज्य के रूप में आगे बढ़ा है। यूपी की 25 करोड़ जनता का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए 6 वर्ष के कार्यकाल के लिए बधाई देता हूं। उन्हें आश्वस्त करता हूं कि हर सेक्टर में यूपी की विरासत और पहचान को एक नई आभा के साथ आगे बढ़ने का कार्य करेगा। ये जो पहचान हमने पिछले कुछ समय में हासिल की है, उसने कुछ चीजें तय की हैं कि ये प्रदेश उपद्रवियों व माफिया के लिए नहीं, बल्कि उत्सवों व महोत्सव के लिए जाना जाएगा। जंगलराज और गुंडाराज अतीत की बातें हो चुकी हैं।

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एक शिक्षक की प्रेरणादायक कहानी – शिक्षक दिवस विशेष

शिक्षक दिवस पर हर साल हम उन महान व्यक्तित्वों को याद करते हैं जो हमारे जीवन को दिशा देते हैं। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन, 5 सितंबर को मनाया जाने वाला यह दिन न केवल शिक्षकों की कद्र करता है, बल्कि हमें याद दिलाता है कि एक अच्छा शिक्षक कितना बदलाव ला सकता है। आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के एक ऐसे शिक्षक की, जिनकी कहानी वायरल हो गई और लाखों लोगों के दिलों को छू लिया। उनका नाम है शिवेंद्र सिंह बघेल। यह कहानी न केवल उनकी यात्रा की है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण, नवाचार और छात्रों से गहरा बंधन की है। यह उनके जीवन, संघर्षों, उपलब्धियों और शिक्षक दिवस के संदर्भ में प्रेरणा प्रदान करती है। प्रारंभिक जीवन: पत्रकारिता से शिक्षा की ओर एक कदम शिवेंद्र सिंह बघेल का जन्म उत्तर प्रदेश के एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन से ही वे एक जिज्ञासु और महत्वाकांक्षी व्यक्ति थे। उनके पिता पूर्व में प्रधानाचार्य रहे थे, जबकि मां गृहिणी। ग्रामीण इलाके में बड़ा होने के कारण, शिवेंद्र ने जल्दी ही शिक्षा की कमी और ग्रामीण बच्चों के संघर्षों को करीब से देखा। स्कूल के दिनों में वे खुद एक औसत छात्र थे, लेकिन उनके शिक्षकों ने उन्हें प्रेरित किया। “मेरा पहला गुरु मेरे पिता जी थे, जिन्होंने हमेशा कहा कि पढ़ाई से बड़ा कोई धन नहीं,” शिवेंद्र अक्सर कहते हैं। कॉलेज के बाद, शिवेंद्र ने पत्रकारिता को अपना करियर चुना। वे विभिन्न समाचार संगठनों में रिपोर्टर के रूप में काम करने लगे। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रिपोर्टिंग करते हुए, उन्होंने शिक्षा प्रणाली की खामियों को गहराई से समझा। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों के बीच की दूरी, कम उपस्थिति, पुरानी शिक्षण विधियां – ये सब उन्हें परेशान करने लगे। “एक रिपोर्टिंग असाइनमेंट के दौरान, मैंने देखा कि बच्चे स्कूल जाते ही नहीं थे। शिक्षक तो आते थे, लेकिन पढ़ाने का तरीका इतना कठोर था कि बच्चे डर जाते थे। मैंने सोचा, अगर मैं शिक्षक बनूं, तो इस अंतर को भर सकता हूं,” शिवेंद्र ने एक साक्षात्कार में बताया। 2018 में, शिवेंद्र ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी और उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट टीचर के पद के लिए आवेदन किया। चयन प्रक्रिया कठिन थी, लेकिन उनकी दृढ़ता ने काम किया। 7 सितंबर 2018 को उन्होंने चंदौली जिले के चकिया ब्लॉक के रतीगढ़ गांव स्थित कम्पोजिट विद्यालय में जॉइन किया। यह एक ऐसा स्कूल था जो पहाड़ी इलाके में स्थित था, जहां पहुंचना ही एक चुनौती था। स्कूल की स्थिति खराब थी – कम छात्र संख्या, पुरानी इमारतें और संसाधनों की कमी। लेकिन शिवेंद्र के लिए यह एक नया अध्याय था। स्कूल में प्रवेश: पहली चुनौतियां और नवीन शिक्षण विधियां रतीगढ़ स्कूल पहुंचते ही शिवेंद्र को वास्तविकता का सामना करना पड़ा। स्कूल में सैकड़ो छात्र थे, और उपस्थिति बहुत कम थी। बच्चे पहाड़ियों पर खेलना पसंद करते थे, स्कूल जाना बोझ लगता था। अन्य शिक्षक परंपरागत तरीके से पढ़ाते थे – ब्लैकबोर्ड पर लिखो, याद करो, परीक्षा दो। लेकिन शिवेंद्र कुछ अलग करना चाहते थे। “मैंने सोचा, शिक्षा मजेदार होनी चाहिए, न कि सजा,” वे कहते हैं। उनकी पहली नवाचार थी खेल-कूद को शिक्षा से जोड़ना। स्कूल के पास कोई खेल मैदान नहीं था, लेकिन शिवेंद्र ने पहाड़ियों पर क्रिकेट खेलना शुरू किया। “हम पहाड़ियों पर क्रिकेट खेलते थे। गेंद फेंकते हुए गिनती सिखाते, रन बनाते हुए जोड़-घटाव,” उन्होंने एक वीडियो में साझा किया। “मैं फेसबुक और ट्विटर पर वीडियो शेयर करता, ताकि गांव वाले देखें कि स्कूल में क्या हो रहा है। इससे नामांकन बढ़ा,” शिवेंद्र बताते हैं। एक और दिलचस्प विधि थी वर्णमाला सिखाने की। पारंपरिक तरीके से अ से ज्ञ याद करवाने के बजाय, उन्होंने अपनी खुद की राइम्स बनाईं। जैसे, “क से कबूतर उड़ गया फर फर, ख से खरगोश दौड़ा बड़ी जोर…” यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बच्चे इन राइम्स को गाते हुए सीखते, और जल्दी ही पूरे गांव में यह लोकप्रिय हो गया। “मैंने ऐसी वर्णमाला खुद लिखी है बच्चों के लिए, शायद इनको याद करवाने में सफल हो पाऊं,” उन्होंने ट्वीट किया। शिवेंद्र न केवल पढ़ाते थे, बल्कि छात्रों के साथ दोस्त बन जाते थे। वे जमीन पर बैठकर कहानियां सुनाते, पर्यावरण के बारे में बताते। एक बार, उन्होंने स्कूल में ‘बाल मेला’ आयोजित किया। 31 मार्च 2022 को यह इवेंट हुआ। अन्य शिक्षकों ने विरोध किया, कहा कि संसाधन नहीं हैं। लेकिन शिवेंद्र ने हार नहीं मानी। छात्रों ने स्टॉल लगाए – हस्तशिल्प, फल-सब्जियां बेचीं। पूरा गांव इकट्ठा हुआ, और सब कुछ बिक गया। माता-पिता ने धन्यवाद दिया और कहा, “हर साल 31 मार्च को आप आइए।” यह शिवेंद्र का सबसे यादगार पल था। “छात्र खुश थे, यही मेरी कमाई है,” वे कहते हैं। छात्रों से गहरा बंधन: एक परिवार जैसा रिश्ता शिवेंद्र के चार साल के कार्यकाल में, स्कूल बदल गया। नामांकन दोगुना हो गया, छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ा। वे छात्रों को दुनिया से जोड़ते – मोबाइल पर वीडियो दिखाते, करंट अफेयर्स सिखाते लेकिन चुनौतियां भी थीं। पहाड़ी इलाके में पहुंचने के लिए चार घंटे का सफर। बारिश में सड़कें फिसलन भरी, फिर भी शिवेंद्र रोज आते। अन्य शिक्षक कहते, “तुम युवा हो, ऊर्जा है। बाद में थक जाओगे।” लेकिन शिवेंद्र का मानना था, “शिक्षक का इमेज बदलना है। सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों जितने अच्छे हो सकते हैं।” शिक्षक दिवस पर स्कूल में विशेष आयोजन होते। 5 सितंबर को छात्र कार्ड बनाते, कविताएं सुनाते। शिवेंद्र कहते, “शिक्षक दिवस सिर्फ छुट्टी नहीं, बल्कि प्रतिबिंब का दिन है। हम सोचें, कितना बदलाव लाया।” एक शिक्षक दिवस पर, छात्रों ने शिवेंद्र को ‘बेस्ट टीचर’ का खिताब दिया। वे भावुक हो गए, “ये बच्चे मेरे परिवार हैं।” विदाई का दर्द: वायरल वीडियो और भावुक पल 2022 में, शिवेंद्र का ट्रांसफर होरी जिले के बीएसए ऑफिस में हो गया। 14 जुलाई 2022 को विदाई का दिन आया। स्कूल पहुंचे तो छात्र घेर लिया। “मत जाओ सर!” चिल्लाते हुए रोने लगे। वीडियो में दिखा, बच्चे शिवेंद्र को गले लगाए हुए हैं, सिसकियां ले रहे हैं। शिवेंद्र मुस्कुराते हुए कहते, “मैं आऊंगा, पढ़ाई जारी रखो।” लेकिन बच्चे नहीं छोड़ते। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया – लाखों व्यूज, शेयर्स। बीजेपी

अभिषेक सिंह यादव ने 28वीं प्री यूपी स्टेट शूटिंग प्रतियोगिता में जीता ब्रॉन्ज मेडल

कानपुर नगर के केशवपुरम निवासी श्री अभिषेक सिंह यादव ने हाल ही में दिल्ली के डॉ. करनी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित 28वीं प्री यूपी स्टेट (शॉट गन) प्रतियोगिता में शानदार उपलब्धि हासिल की है। यह प्रतियोगिता 23 जुलाई 2025 से 28 जुलाई 2025 तक चली, जिसमें प्रदेश भर के कई अनुभवी और प्रतिभाशाली निशानेबाजों ने हिस्सा लिया। अभिषेक लंबे समय से कोच पदम राज सिंह के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रतियोगिता के क्ले पिजन डबल ट्रैप शूटिंग चैंपियनशिप में अभिषेक सिंह यादव ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उनकी सटीक निशानेबाजी और आत्मविश्वास ने अन्य प्रतिभागियों के बीच एक अलग छाप छोड़ी। इस प्रतिस्पर्धी माहौल में अभिषेक ने अपनी क्षमता और समर्पण का प्रमाण दिया है। अभिषेक की इस उपलब्धि पर उनके कोच पदम राज सिंह, परिवारजनों और क्षेत्रवासियों ने खुशी जाहिर की है। कोच पदम राज सिंह का कहना है कि अभिषेक बेहद मेहनती और अनुशासित खिलाड़ी हैं, जिसमें हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की ललक रहती है। इस जीत से अभिषेक ने न सिर्फ अपने परिवार और कोच का नाम रोशन किया, बल्कि कानपुर नगर को भी गौरवान्वित किया है। अभिषेक सिंह यादव की यह सफलता अन्य युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा है। उनकी लगन और समर्पण से यह साबित होता है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन के बल पर हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। आने वाले प्रतियोगिताओं में भी अभिषेक से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

HR:दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के 75 प्रतिशत तक कम हुए बिल

हरियाणा में बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने मोर्चा संभाल लिया है। उनका कहना है कि विपक्ष लोगों का गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने कभी भी बिजली दरों में इजाफा नहीं किया। इस अवधि में बिजली उत्पादन की लागत लगातार बढ़ी है। ऐसे में हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग ने दरों में मामूली इजाफा किया है। सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में विज ने कहा कि भाजपा ने कभी भी मुफ्त बिजली देने का वादा नहीं किया। विपक्ष इस मामले में लोगों को भ्रमित कर रहा है। विपक्ष द्वारा किए जा रहे आंदोलन व प्रदर्शनों पर कटाक्ष करते हुए विज ने कहा – विपक्ष भाड़े के लोगों को लेकर प्रदर्शन करे। इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि 2 किलोवाट तक लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में 2014-15 के मुकाबले 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसी तरह से कैटेगरी-।। के उपभोक्ताओं के बिलों में भी कमी दर्ज की है। विज ने साफतौर पर कहा कि प्रदेश में 94 लाभ उपभोक्ता कैटेगरी-। और कैटेगरी-।। में आते हैं। हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) 0 रुपये से 75 रुपये प्रति किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बनाए रखा है। पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये प्रति किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये प्रति यूनिट तक है। विज ने कहा कि संशोधित बिजली टैरिफ में सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) को समाप्त किया है। किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली आपूर्ति विज ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति हो रही है। यह टैरिफ मीटर्ड वाले उपभोक्ताओं के लिए है और 15 रुपये प्रति हॉर्स पावर के हिसाब से मासिक फ्लेट रेट तय किया हुआ है। किसानों को दी जा रही सस्ती बिजली की एवज में सरकार की ओर से बिजली कंपनियों को सब्सिडी (अनुदान) दिया जाता है। मीटर वाले कनेक्शन के लिए एमएमसी को घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) कर दिया है।

HR:13 साल बाद होंगे स्टेट गेम्स, एचओए ने बनाई सर्च कमेटी

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। लगभग 13 वर्षों के बाद प्रदेश में ‘स्टेट गेम्स’ होंगे। हरियाणा ओलंपिक संघ ने ये खेल करवाने का निर्णय लिया है। स्टेट गेम्स इसी साल होंगे। इससे पहले 2012 में आखिरी बार स्टेट गेम्स हुए थे। हालांकि समय और जगह अभी तय नहीं की है। इसके लिए संघ ने सर्च कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। वहीं फुटबाल खिलाड़ियों के लिए ट्रायल 2 व 3 जुलाई को पंचकूला स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में होंगे। ट्रायल के लिए फुटबाल की एडहॉक कमेटी का गठन किया है। सोमवार को पंचकूला स्थित हरियाणा ओलंपिक संघ कार्यालय में हुई सालाना जनरल बॉडी और मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में ये निर्णय लिए गए। ओलंपिक संघ के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संघ के महासचिव व हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी मौजूद रहे। बैठक में खिलाड़ियों की समस्याओं, खेल परिसरों में सुधार सहित कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही, यह तय किया गया कि मैनेजमेंट कमेटी (प्रबंधन समिति) की बैठक अब हर माह के पहले मंगलवार को होगी। बैठक में संघ कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह, उपाध्यक्ष – मुकेश शर्मा विधायक, नीरज तंवर, सुनील मलिक, अनिल खत्री, जितेंद्र सिंह व राकेश सिंह तथा कार्यकारी सदस्य रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया मौजूद रहे। वहीं एजीएम में सभी 22 जिलों के ओलंपिक संघ सचिव, खेल विश्विविद्यालय, पुलिस खेल टीम, एचएसआईआईडीसी तथा बिजली निगमों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। फुटबाल के लिए बनाई गई एडहॉक कमेटी का अध्यक्ष नीरज तंवर को बनाया है। कमेटी में अनिल खत्री, रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया को बतौर सदस्य शामिल किया है। बैठक में संघ अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) ने कहा कि सभी फेडरेशन को खिलाड़ियों को तैयार करने पर विशेष फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओलंपिक संघ 2036 के ओलंपिक खेलों की तैयारियों के हिसाब से काम कर रहा है। कैबिनेट मंत्री व महासचिव कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने सभी सांसदों को भी निर्देश दिए हुए हैं कि वे खेलों के साथ जुड़ें ताकि अच्छे खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी खेल फेडरेशन का फर्ज बनता है कि वे अच्छे खिलाड़ी तैयार करें ताकि देश व प्रदेश का नाम रोशन हो।

HR:बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी अनटैप्ड सीवरेज या औद्योगिक अपशिष्ट जल ड्रेन में प्रवाहित न हो, इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा ऐसे सभी स्थानों की पहचान कर प्रभावी उपाय किए जाएं, ताकि गंदे पानी को ड्रेनों में गिरने से पूरी तरह रोका जा सके। प्रारंभिक चरण में अंबाला, कुरुक्षेत्र एवं यमुनानगर जिलों में इस दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए आगामी तीन माह के भीतर इन जिलों में उल्लेखनीय सुधार किया जाए। मुख्यमंत्री यहां बजट घोषणाओं की प्रगति के बारे में बुलाई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बजट घोषणाओं में किए गए सभी वादों को समय पर पूरा किया जाए ताकि प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द इनका लाभ मिल सके। अरावली क्षेत्र में बनने वाली जंगल सफारी की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां ऐसे जानवर रखें जाएं जो मानवता के लिए हानिकारक न हों। पर्यटन एवं विरासत विभाग की घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तीज-त्योहार, मेले और उत्सवों पर जनभागीदारी बढ़ाने के लिए इस वर्ष बजट में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिंजौर के यादवेंद्र गार्डन की विरासत को संजोते हुए इसे और अधिक सुंदर बनाया जाए ताकि देशभर के पर्यटक यहां आकर आनंद ले सकें। बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने यादवेंद्र गार्डन और टिक्करताल, मोरनी के पुनर्विकास के लिए 90 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की है। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।  

Haryana STF की सर्जिकल स्ट्राइक : 6 माह में 58 इनामी अपराधी, 101 गैंगस्टर और 178 जघन्य आरोपी गिरफ्तार

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 2025 के पहले छह महीनों के दौरान संगठित अपराध के विरुद्ध कई महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जनवरी से जून तक की अवधि में एसटीएफ ने 58 इनामी बदमाशों, 101 गैंगस्टरों या उनके सहयोगियों और 178 जघन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आंकड़े एसटीएफ की योजनाबद्ध कार्रवाई और खुफिया समन्वय को दर्शाते हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर के अनुसार, एसटीएफ ने इस दौरान राज्य और अंतरराज्यीय गैंग नेटवर्क को निशाना बनाकर कार्रवाई की है। उनका कहना है कि तकनीक, विश्लेषण और त्वरित एक्शन के समन्वय से अपराधियों के खिलाफ प्रभावी परिणाम सामने आए हैं। 2024 की तुलना में रणनीतिक पकड़ में सुधार 2024 की इसी अवधि की तुलना में 2025 में गैंगस्टरों की गिरफ्तारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में जहां 29 गैंगस्टर पकड़े गए थे, वहीं 2025 में यह संख्या 101 रही। हालांकि, जघन्य अपराधों में गिरफ्तारियों की संख्या घटकर इस वर्ष 178 रही, जो पिछले वर्ष 227 थी। इनामी बदमाशों की संख्या भी 2024 में 100 थी, जबकि इस वर्ष 58 दर्ज की गई। अंतरराष्ट्रीय अपराधियों पर निगरानी एसटीएफ मुख्यालय में गठित RCN-LOC सेल ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से 10 अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों का प्रत्यर्पण या निर्वासन सुनिश्चित किया है। यह कार्रवाई इंटरपोल नोटिस, लुकआउट सर्कुलर, पासपोर्ट निरस्तीकरण और अस्थायी गिरफ्तारी अनुरोधों के माध्यम से की गई। साइबर अपराध के मोर्चे पर सक्रियता एसटीएफ ने तकनीक-आधारित अपराधों से निपटने के लिए अपने अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसमें डार्क वेब विश्लेषण, सर्विलांस तकनीक और साइबर संकेतकों की पहचान जैसे विषय शामिल हैं। डीआरडीओ की संस्था CAIR से प्राप्त उपकरणों और प्रशिक्षण की मदद से टीम की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संरचना और संसाधनों को मिली मजबूती पिछले दो वर्षों में एसटीएफ की संरचना को सुदृढ़ किया गया है। बल की संख्या में वृद्धि की गई है। दो नई इकाइयों की स्थापना हुई है। एक विश्लेषणात्मक विंग और एक वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) भी जोड़ी गई है। इसके अतिरिक्त, फील्ड यूनिटों को अत्याधुनिक हथियार, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष वाहनों से लैस किया गया है। साथ ही, ईगल (EAGLE) और DMS जैसे डेटा विश्लेषण सॉफ्टवेयर की सहायता से अपराधियों की निगरानी और ट्रैकिंग अब और अधिक सटीक हो गई है। एसटीएफ देश के लिए मॉडल बनेगी : डीजीपी डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि एसटीएफ हरियाणा में संगठित अपराध के खिलाफ राज्य की प्रतिबद्धता का मजबूत उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने न केवल अपराधियों की गिरफ्तारी की है, बल्कि गैंग नेटवर्क को रणनीतिक रूप से कमजोर किया है। तकनीक, विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई के संयोजन ने एसटीएफ को बेहद असरदार बनाया है। उन्होंने बताया कि टीम को आधुनिक संसाधनों और साइबर प्रशिक्षण से लैस किया जा रहा है ताकि भविष्य में और बेहतर परिणाम सामने आएं। डीजीपी के अनुसार, “एसटीएफ अब केवल एक ऑपरेशन यूनिट नहीं, बल्कि एक विश्लेषण आधारित रणनीतिक बल के रूप में काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि इसे देशभर में संगठित अपराध से निपटने के लिए मॉडल यूनिट के रूप में स्थापित किया जाए।”