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लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट परिसर में चली गोली, गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की हत्या

लखनऊ | पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की लखनऊ सिविल कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्‍या कर दी गई। अचानक हुई इस घटना से पूरे कोर्ट पर‍िसर में हड़कंप मच गया। बता दें क‍ि हत्‍यारे वकील के भेष में आए थे। वो लंबे समय से लखनऊ जेल में ही सिक्योरिटी बैरक में बंद था। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने वर्ष 1995 से संगीन घटनाओं को अंजाम दिया। संजीव जीवा अंतर राज्य गैंग का लीडर था। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। कोलकाता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने से लेकर पूर्वांचल के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी नाम आया था। संजीव जीवा लखनऊ जेल में बंद था। जीवा माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी के बेहद करीबी माना जाता था। जीवा पर विधायक कृष्णानंद राय तथा पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का भी आरोप है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या के बाद से ही सह अभियुक्त संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी। जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद है, लेकिन साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उन्हें हार मिली थी। संजीव की पत्नी पायल महेश्वरी ने कुछ दिन पहले ही जताई थी हत्या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी  भाजपा विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में जेल में बंद संजीव जीवा की पत्नी ने अपने पति की हत्या की आशंका जताई संजीव जीवा की पत्नी और रालोद नेता पायल माहेश्वरी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अपने पति की सुरक्षा की गुहार की है. पायल का कहना है कि पेशी के दौरान षड्यंत्र के तहत उनके पति की हत्या कराई जा सकती है. उन्होंने पति की सुरक्षा के लिए सीजेआई से उच्चाधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है 2017 में पायल महेश्वरी लड़ चुकी है रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव वकील की ड्रेस में क़ातिल। मौके पर पुलिस ने धर दबोचा है।

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तेंदुए की दस्तक से लोग भयभीत, प्रशासनिक अमला ने ली लोगो से जानकारी

काशीपुर | काशीपुर नगर क्षेत्र समेत ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए की दस्तक से लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम क्षेत्र में जाकर तेंदुए की दस्तक को लेकर लोगों से जानकारी जुटाने में लगी हुई है। बता दें कि मामला शहर के बीच नौ गजा पीर मानपुर रोड का है जहां पर एक बकरी चरागा के घर के पास तेंदुआ की धमक देखी गई , तेंदुए की दस्तक से लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया। इसी दौरान तेंदुए ने एक बकरी के बच्चे को दबोच लिया, जिसके स्वामी ने तुरंत बच्चे को छुड़ाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर बकरी के बच्चे को तेंदुए से लड़ते हुए उसे मुक्त करा लिया। बताया जा रहा है कि छीना झपटी में बकरी मालिक काफी घायल हो गया, जिसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी, वन विभाग ने वहां पर कामविंग कर तेंदुए को तलाशने का भरसक प्रयास किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। युसूफ अली तहसीलदार काशीपुर वही कुछ दिन पूर्व चैती मंदिर रोड पर भी तेंदुए की चहल कदमी दिखने से लोग भयभीत हैं, इसी के चलते तहसील प्रशासन और वन विभाग की टीम ने क्षेत्र में भ्रमण कर तेंदुए को तलाशने का प्रयास किया लेकिन इस बार भी सफलता हाथ नहीं लगी। तहसीलदार युसूफ अली ने कहां है कि वन विभाग को निर्देशित कर दिया गया है जहां भी तेंदुए की दस्तक नजर आएगी वहां पिंजरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग दहशत में ना आए जल्द ही तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया जाएगा। देवेंद्र सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी काशीपुर

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कहां गया कवच-कुण्डल, रेल मंत्री जवाब दो….

बालासोर(उड़ीसा) | बालासोर ट्रेन हादसे के बाद कई बड़े सवाल मुंह बाए खड़े हैं। क्या जो ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हुईं उनमें ट्रेनों में एंटी कॉलिजन सिस्टम (कवच) लगा हुआ था? अगर हां तो इसमें काम क्यों नहीं किया। इन ट्रेनों में सिस्टम नहीं लगा था तो क्यों, ये सवाल भी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से पूछा जाएगा, क्योंकि देश के आम नागरिक की जेब का सैकड़ों करोड़ रुपया खर्च करके रेलमंत्री और मौजूदा सरकार ने ये सुरक्षा सिस्टम खरीदा है। ये सवाल इसलिए भी बनता है कि ट्रेनों के लिए कवच की घोषणा रेलमंत्री ने जोर शोर से की थी। कवच के बारे में रेल मंत्री ने क्या कहा था, ये भी जरा सुनिए…… और इन 10 सवालों के जवाब और दीजिये… 1 – क्या ट्रेनों में एंटी कॉलिजन सिस्टम (कवच) लगा हुआ था? 2 – अगर कवच था तो फिर टक्कर कैसे हुई? 3 – GPS मॉनिटरिंग में ट्रेन हादसे का पता क्यों नहीं चला? 4 – स्टेशन पास था तो ट्रेनों की रफ्तार इतनी तेज क्यों थी? 5 – क्या दुरंतो एक्सप्रेस का ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम फेल हुआ? 6 – क्या रेल में कोई क्रैक था या फिर प्लेट ढीली थी? 7 – क्या पटरियों में पहले से कोई खामी थी? 8 – क्या पटरियों की रूटीन जांच में कोई लापरवाही हुई? 9 – क्या पटरियों के साथ कोई छेड़छाड़ हुई? 10 – क्या तेज रफ्तार की वजह से डिरेल हुई ट्रेन?

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तीन मामलों में ज़मानत मिलने के बाद भी फिलहाल जेल में ही रहेगा श्रीकांत त्यागी

नई दिल्ली | महिला के साथ छेड़छाड़ का केस मिलकर श्रीकांत त्यागी को कुल तीन मामलों में ज़मानत मिल गयी है। इसके बावजूद वो अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि पुलिस ने उस पर गैंगस्टर एक्ट लगा रखा है। कैमरे में महिला को गाली देते नजर आए नोएडा के नेता श्रीकांत त्यागी को 9 अगस्त को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था। महिला के साथ बदसलूकी करने वाले श्रीकांत त्यागी को पुलिस ने मेरठ में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मेरठ में श्रीकांत त्यागी समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले श्रीकांत त्यागी फरार था। यूपी पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद उसे गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम भी रखा था। गौतमबुद्धनगर पुलिस के मुताबिक उसकी सोशल मीडिया टीम की तरफ से एक नोटिफिकेशन आया था, जिसमें ओमैक्स का वीडियो था। इस पर पुलिस ने संज्ञान लिया। वीडियो 5 अगस्त की घटना का था। पुलिस ने पीड़ित से संपर्क किया। फिर पीड़ित से शिकायत लेकर आरोपी की तलाश शुरू की। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 12 टीमें बनाई थीं। आरोपी यूपी से बाहर भी गया था। तलाश के लिए तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई थी। आरोपी पुलिस से बड़ी चालाकी से बचता रहा था। पुलिस के अनुसार आरोपी फ्लाइट के जरिए शुरू में लखनऊ भागना चाहता था। पहले वह दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ गया, फिर मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश गया। फिर वापस मेरठ के आसपास घूमता रहा। उसने दो बार अपने मोबाइल बदले और गाड़ियां बार-बार बदलीं। नौ अगस्त को सुबह आरोपी को मेरठ के पास से उसके सहयोगियों के साथ अरेस्ट कर लिया गया था। उसके साथ नकुल त्यागी, संजय और राहुल को भी पकड़ा गया था। आरोपी के पास 5 गाड़ियां हैं जो कि बरामद कर ली गई थीं। त्यागी ने हर गाड़ी के वीआईपी नंबर के लिए एक लाख 10 हज़ार रुपये खर्च किए थे। उसके पास जो विधायक का स्टीकर था वह उसे स्वामी प्रसाद मौर्या से मिला था। उसकी संपत्तियों की जांच जारी है। आरोपी ने कहा था कि उसने महिला के साथ जो भी किया, वह गलत किया है इस पर इसे पछतावा है। ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी की एक महिला के साथ अभद्रता करने के आरोप में त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 3 साल पहले सोसाइटी में कब्जे का विवाद शुरू हुआ था। त्यागी द्वारा सोसायटी के साझा क्षेत्र में पौधे लगाने पर पीड़ित महिला ने आपत्ति जताई थी, जिससे वो भड़क उठा और जमकर हंगामा किया। मामले से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज किया। साथ ही इसके पुलिस ने इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को सस्‍पेंड भी किया। इतना ही नहीं मामले में शिकायतकर्ता महिला को दो निजी सुरक्षा अधिकारी मुहैया कराए गए और श्रीकांत त्यागी पर गैंगस्टर एक्ट लगाया।    

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