Thelokjan

site logo

June 3, 2023

बढ़ेगी यूपी की विद्युत आपूर्ति, जल्द शुरू होगी 660 मेगावाट की एक इकाई

लखनऊ | प्रदेश में विद्युत उपलब्धता बढ़ाने के लिए योगी सरकार निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं को जल्द पूर्ण कर उत्पादन शुरू करने का प्रयास कर रही है। इसी प्रयास में सरकार ने प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन ओबरा परियोजना के तहत 30 जून तक 660 मेगावाट की एक इकाई का उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार का मानना है कि सितंबर तक प्रदेश में विद्युत की जबरदस्त मांग रहेगी। ऐसी स्थिति में 660 मेगावाट की 1 यूनिट के उत्पादन से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को बड़ा लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि ओबरा ताप विद्युत गृह सोनभद्र जिले के ओबरा नामक स्थान पर है। वाराणसी से 125 किलोमीटर की दूरी पर वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर स्थित यह बिजली संयंत्र भारत की पहली 200 मेगावाट ईकाई होने का गौरव रखती है। यहां 13 इकाइयां है और सभी कोयले से चलती हैं। 200 मेगावाट की अंतिम इकाई 1982 में शुरू हुई थी। इसकी उत्पादन क्षमता 1288 मेगावाट है। यहां 333 मेगा वाट का जल विद्युत का प्लांट भी है जो ताप विद्युत गृह को चार्ज करने में मदद करता है। वर्तमान में 660 मेगावाट की दो नई इकाइयां निर्माणाधीन है। इसके प्रारंभ होने से 1320 मेगावाट विद्युत का उत्पादन प्रदेश को प्राप्त होगा जो एक बड़ी उपलब्धि होगी। डेढ़ माह से रखी जा रही नजर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने ओबरा परियोजना स्थल का दौरा किया और परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने ओबरा तापीय परियोजना की निर्माणाधीन 28660 मेगावाट की दो इकाइयों के उत्पादन शुरू होने में हो रही देरी पर निर्माण कर रही कंपनी दुशान के अधिकारियों और परियोजना तथा उत्पादन निगम के अधिकारियों से चर्चा की। प्रातः 9:00 बजे से रात्रि 3:00 बजे तक अनवरत चली बैठक में एक-एक बिंदु पर चर्चा हुई और अंत में तय हुआ कि 30 जून को 660 मेगावाट की एक इकाई का उत्पादन शुरू हो जाएगा। पिछले लगभग डेढ़ महीने से अध्यक्ष वीडियों काफेन्सिंग के माध्मय से ओबरा परियोजना के निर्माण की निगरानी कर रहे है। विद्युत दुर्घटनाएं रोकने व उपभोक्ता सेवा बेहतर बनाने को आउटसोर्स कर्मियों का होगा प्रशिक्षण पावर कारपोरेशन अपने आउटसोर्स कर्मियों को प्रशिक्षण देगा जिससे बिजली उपकरणों एवं लाइनों आदि के अनुरक्षण कार्यों में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने कहा है कि कारपोरेशन में कार्यरत प्रत्येक कार्मिक का जीवन हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दुर्घटनाएं असावधानियों के कारण होती हैं। इसलिये लगातार एवं गहन प्रशिक्षण देने से दुर्घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही विद्युत सखियों को भी बिल जमा कराने तथा मीटर रीडिंग का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

बढ़ेगी यूपी की विद्युत आपूर्ति, जल्द शुरू होगी 660 मेगावाट की एक इकाई Read More »

Yogi govt to beautify, develop temples in Prayagraj ahead of ‘Mahakumbh 2025’

Lucknow | The Yogi Adityanath government is putting great effort into getting ready for ‘Mahakumbh 2025,’ which will be held in Prayagraj. Ahead of Mahakumbh, it is proposed to beautify and develop various temples. There is a plan to complete more than 47 permanent and temporary works in this area in preparation for Mahakumbh. Before the Mahakumbh 2025, Prayagraj will also see the development of many tourist attractions. With Rs. 1542.71 lakhs, the Bhardwaj Ashram’s entrance gate, corridor development, and beautification will be completed. In view of tourism development, it is proposed to spend Rs. 1356.81 lakhs for Dwadash Madhav Temple, Rs. 523.53 lakhs for Nagavasuki Temple, Rs. 283.08 lakhs for Dashashwamedh Temple, Rs. 667.57 lakhs for Mankameshwar Temple, Rs. 700 lakhs for Alopshankari Temple, Rs. 1000 lakhs for Padila Mahadev Temple, Rs. 500 lakhs for temples coming under Panchkosi Parikrama Path, Rs. 150 lakh for Koteshwar Mahadev, Rs. 100 lakh for development of Kalyani Devi. Additionally, temples coming under Karchhana area will also be developed with Rs. 460.17 lakhs. Many works including corridor development in Akshayvat/Saraswatikoop/Patalpuri temple will be done with Rs. 1850 lakhs. Facade related works will be done with Rs 18 crores Prior to Mahakumbh-2025, there will be more than 10 facade-related works which are likely to cost more than Rs. 18 crores. Several temples, educational institutions, and other places of worship will also undergo renovations while respecting their significance. The facade lighting works are proposed at various locations including the Bade Hanuman Ji Temple located at Sangam costing Rs. 1.04 crores, at the Vimana Mandapam Temple costing Rs. 2 crores, at the Nagwasuki Temple, the Shaktipeeth Alopi Devi Temple, and the Hanuman Temple located at Civil Lines, costing Rs. 1.5-1.5 crores each. The hanging light work from the old Naini Bridge to the DPS School in the Arail area is estimated to cost Rs. 5 crores. Additionally, there is a proposed facade lighting work costing Rs. 1.5 crores at the Science Faculty Tower of Allahabad University, at the Public Library situated in the Chandra Shekhar Azad Garden, and at the Mohall Sports Complex and Shringi Rishi Ashram in Shringaverapur Dham, each costing one crore rupees.

Yogi govt to beautify, develop temples in Prayagraj ahead of ‘Mahakumbh 2025’ Read More »

शंकर कार्तिक नेत्रालय में हुआ निःशुल्क परामर्श का आयोजन

उत्तर प्रदेश | कानपुर वी.आई.पी. रोड पे स्थित शंकर र्कािर्तक नेत्रालय द्वारा स्वराज वृद्धाश्रम, पनकी में निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 200 मरीज़ों का निःष््राुल्क परामर्श किया गया। और लगभग 95 मरीज़ों को शंकर कार्तिक नेत्रालय में रिफर किया गया। इस कैम्प से वृद्धाश्रम में मौजूद सभी महिलायें बहुत खुश हुई और उनकी आखों की समस्याआों का समाधान हुआ। मोतियाबिंद में आँखों के कुदरती लेंस सफेद या धब्बेदार होने लगते हैं, जिससे इसकी पारदर्शिता पर असर आता है, धुंधलापन आ जाता है, और रोशनी फैली सी दिखती है। मोतियाबिंद में मरीज को दर्द नहीं होता, इसलिए रोगी शुरुआत में ज्यादा ध्यान नहीं देते । इसमें चश्में का नंबर भी बढ़ता घटता रहता है, उसको भी रोगी नजरअंदाज कर देता है। सर्जरी से ही इसका पूर्णतः इलाज हो सकता है। शंकर कार्तिक नेत्रालय के ऑनर डॉ. मनीष सक्सैना ने बताया कि हम समय-समय पर निःशुल्क कैम्प और भी कई स्थानों में आयोजित करते रहेंगे, और हमारा प्रयास हमेशा गरीबों और बुजुर्गाे की मदद करना रहा है। इसके साथ ही डॉ. नेहा सक्सैना ने बताया कि शंकर कार्तिक नेत्रालय में विशेष तौर पर कैटरेक्ट, लेसिक, ग्लूकोमा, रेटिना आदि आंखों की बिमारियों का इलाज अनुभवी डॉक्टर्स, अनुभवी मेडिकल स्टाफ की देखरेख में अत्याधुनिक मशीनों द्वारा किया जाता है। हमारे यहां टीपीए, आयुष्यमान, सीजीएचएस व हैल्थ इन्श्योरेन्स की सुविधाएं भी दी जा रही है। हमारा उद्देश्य यह है कि हम कानपुरवासियों को वह सुविधा दे जो बड़े शहरों में उपलब्ध है जिससे वह कानपुर में ही रहकर अच्छा और उच्चस्तरीय इलाज करा सकें।

शंकर कार्तिक नेत्रालय में हुआ निःशुल्क परामर्श का आयोजन Read More »

बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में 300 से अधिक मरे, 280 लाशें निकाली गयीं, मंजर देख भावुक हुए मोदी

बालासोर(उड़ीसा) | बालासोर में भीषण ट्रेन हासदे में अब तक 300 के करीब लोगों के मारे जाने की खबर है। 280 से ज्यादा शवों के बाहर निकाला जा चुका है। सैकड़ों की संख्या में घायल अस्पतालों में हैं जिनका इलाज चल रहा है। घायलों में कईयों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल मंत्री के साथ दु्र्गघटना स्थल का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और दिशा निर्देश भी दिए। मौत का मंजर और रोते बिलखते लोगों को देख प्रधानमंत्री नरेन्द्र कई बार भावुक भी नजर आए। प्रधानमंत्री बालासोर के फाकिर मोहन अस्पताल भी गए और वहां भर्ती घायलों से इस भयंकर हादसे की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं।

बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में 300 से अधिक मरे, 280 लाशें निकाली गयीं, मंजर देख भावुक हुए मोदी Read More »

कहां गया कवच-कुण्डल, रेल मंत्री जवाब दो….

बालासोर(उड़ीसा) | बालासोर ट्रेन हादसे के बाद कई बड़े सवाल मुंह बाए खड़े हैं। क्या जो ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हुईं उनमें ट्रेनों में एंटी कॉलिजन सिस्टम (कवच) लगा हुआ था? अगर हां तो इसमें काम क्यों नहीं किया। इन ट्रेनों में सिस्टम नहीं लगा था तो क्यों, ये सवाल भी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से पूछा जाएगा, क्योंकि देश के आम नागरिक की जेब का सैकड़ों करोड़ रुपया खर्च करके रेलमंत्री और मौजूदा सरकार ने ये सुरक्षा सिस्टम खरीदा है। ये सवाल इसलिए भी बनता है कि ट्रेनों के लिए कवच की घोषणा रेलमंत्री ने जोर शोर से की थी। कवच के बारे में रेल मंत्री ने क्या कहा था, ये भी जरा सुनिए…… और इन 10 सवालों के जवाब और दीजिये… 1 – क्या ट्रेनों में एंटी कॉलिजन सिस्टम (कवच) लगा हुआ था? 2 – अगर कवच था तो फिर टक्कर कैसे हुई? 3 – GPS मॉनिटरिंग में ट्रेन हादसे का पता क्यों नहीं चला? 4 – स्टेशन पास था तो ट्रेनों की रफ्तार इतनी तेज क्यों थी? 5 – क्या दुरंतो एक्सप्रेस का ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम फेल हुआ? 6 – क्या रेल में कोई क्रैक था या फिर प्लेट ढीली थी? 7 – क्या पटरियों में पहले से कोई खामी थी? 8 – क्या पटरियों की रूटीन जांच में कोई लापरवाही हुई? 9 – क्या पटरियों के साथ कोई छेड़छाड़ हुई? 10 – क्या तेज रफ्तार की वजह से डिरेल हुई ट्रेन?

कहां गया कवच-कुण्डल, रेल मंत्री जवाब दो…. Read More »

जानिए क्या है ‘कवच’, जिसकी हो रही है खूब चर्चा !

ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के बाद भारत की ट्रेनों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इन सब के बीच ‘कवच सिस्टम’ (Kavach System) की भी चर्चा हो रही है। जिसे भारत में सुरक्षित ट्रेन संचालन की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा था। मार्च 2022 में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में इसका ट्रायल हुआ था। वीडियो में देखिये की कैसे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी Kavach System के बारे में समझा रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर ‘कवच’ सिस्टम क्या है? 1. कवच सिस्टम क्या है? भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘कवच’ नामक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम विकसित की है. कवच टेक्नोलॉजी को देश के तीन वेंडर्स के साथ मिलकर RDSO (Research Design and Standards Organisation) ने डेवलप किया है. भारतीय रेल ने यह कवच टेक्नोलॉजी खुद डेवलप किया है और इसे नेशनल ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम के रूप में अपनाया गया है. यह सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल – 4 मानकों की अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है. 23 मार्च 2022 को रेल मंत्रालय ने ‘कवच’ नामक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली के विकास के साथ भारत में ट्रेन संचालन की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की थी. 2. कवच सिस्टम कैसे काम करता है? ‘कवच’ ट्रेन में लगा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस का एक सेट है, जो सिग्नलिंग सिस्टम के साथ-साथ पटरियों पर ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करने में सक्षम है. ‘कवच’ न केवल लोको पायलट को सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD) और ओवर स्पीडिंग से बचने में मदद करता है बल्कि खराब मौसम जैसे घने कोहरे के दौरान ट्रेन चलाने में भी मदद करता है. इस प्रकार, कवच के जरिए ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता को बढ़वा मिलता है. 3. कवच की मुख्य विशेषताएं * अगर लोको पायलट ब्रेक नहीं लगा पाता है तो कवच स्वचालित/ऑटोमेटिक रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है. * कवच कैब में लाइन-साइड सिग्नल को दोहराता है जो हाई स्पीड और धुंधले मौसम के लिए बहुत उपयोगी है. * कवच दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकने में भी सक्षम है. मतलब एक ही पटरी पर दो       ट्रेनें आमने सामने आ जाएं तो एक्सीडेंट नहीं होगा. * आपातकालीन स्थितियों के दौरान एसओएस संदेश भेजता है * नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव निगरानी * लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर कवच की मदद से ऑटोमैटिक हॉर्न बजने लगता है 4. क्या बालासोर लाइन पर कवच सिस्टम लगा था? नहीं. रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने खुद इस बात की पुष्टि की है. ANI को उन्होंने बताया कि इस रूट पर कवच सिस्टम नहीं लगा था. 5. किन रेलवे लाइनों पर लगा है कवच सिस्टम? 4 मार्च 2022 को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में कवच सिस्टम का परीक्षण किया गया था. दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद डिवीजन में लिंगमपल्ली-विकाराबाद खंड पर गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशनों के बीच कवच प्रणाली का परीक्षण हुआ था. परीक्षण के दौरान दो ट्रेनें एक-दूसरे की ओर बढ़ रही थीं, जिससे आमने-सामने की टक्कर की स्थिति पैदा हो गई. ‘कवच’ प्रणाली ने स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम की शुरुआत की और ट्रेन को 380 मीटर की दूरी पर रोक दिया. 23 मार्च 2022 के रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारतीय रेलवे ने दक्षिण मध्य रेलवे के लिंगमपल्ली – विकाराबाद – वाडी, विकाराबाद – बीदर (250 KM) खंड के पूर्ण ब्लॉक खंड पर ‘कवच’ का परीक्षण किया था. सफल परीक्षण के बाद दक्षिण मध्य रेलवे के मनमाड-मुदखेड़-धोन-गुंतकल और बीदर-परभणी सेक्शन में 1199 आरकेएम पर कवच का कार्य प्रगति पर था. तब तक दक्षिण मध्य रेलवे में लगभग 1098 आरकेएम नेटवर्क रूट को कवच के दायरे में लाया गया था. नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई सेक्शन पर कवच लगाने का काम मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है.  

जानिए क्या है ‘कवच’, जिसकी हो रही है खूब चर्चा ! Read More »

Odisha Train Accident : अब तक 280 की मौत, सैकड़ों यात्री घायल, रेल मंत्री से 10 सवाल

Odisha Train Accident | बालासोर हादसे से जुडी एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें ये बताया जा रहा है कि ये भयानक घटना के पीछे, गलत सिग्नलिंग एक बहुत बड़ी वजह है। इसी क्रम में रेल मंत्री से हमारे ये 10 सवाल हैं। 1 – क्या ट्रेनों में एंटी कॉलिजन सिस्टम (कवच) लगा हुआ था? 2 – अगर कवच था तो फिर टक्कर कैसे हुई? 3 – GPS मॉनिटरिंग में ट्रेन हादसे का पता क्यों नहीं चला? 4 – स्टेशन पास था तो ट्रेनों की रफ्तार इतनी तेज क्यों थी? 5 – क्या दुरंतो एक्सप्रेस का ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम फेल हुआ? 6 – क्या रेल में कोई क्रैक था या फिर प्लेट ढीली थी? 7 – क्या पटरियों में पहले से कोई खामी थी? 8 – क्या पटरियों की रूटीन जांच में कोई लापरवाही हुई? 9 – क्या पटरियों के साथ कोई छेड़छाड़ हुई? 10 – क्या तेज रफ्तार की वजह से डिरेल हुई ट्रेन?  

Odisha Train Accident : अब तक 280 की मौत, सैकड़ों यात्री घायल, रेल मंत्री से 10 सवाल Read More »

ओडिशा ट्रेन हादसा : 1995 से 2023 तक, भारतीय इतिहास के कुछ सबसे बड़े ट्रेन हादसे

2023: ओडिशा ट्रेन हादसा 2 जून, 2023 में ओडिशा में बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के टकराने से बड़ा हादसा हो गया है, इसमें कम से कम 280 लोग के मारे जाने की खबर है 900 से ज्यादा लोग घायल हैं. Odisha Train Accident | ओडिशा में हुए बड़े ट्रेन हादसे में 230 से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना है (Coromandal Express) और 900 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. ये हादसा बालासोर जिले के बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुआ. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. बताया जा रहा है कि पिछले 10 सालों में हुआ ये सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है। आइए जानते हैं भारतीय इतिहास के कुछ अन्य बड़े ट्रेन हादसे के बारे में। 1995: फिरोजाबाद ट्रेन हादसा 20 अगस्त 1995 में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस के बीच टक्कर हो गई थी. इस दुर्घटना में लगभग 358 लोगों की जान चली गई थी. 1999: गैसल ट्रेन हादसा 2 अगस्त 1999 में असम के गैसल के पास ब्रह्मपुत्र मेल अवध और असम एक्सप्रेस आपस में टकरा गई थी, हादसे में करीब 290 लोगों की मौत हो गई थी. 1998: खन्ना ट्रेन हादसा 26 नवंबर, 1998 में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस खन्ना, पंजाब के पास कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी. इस हादसे में करीब 212 लोगों की जान चली गई थी. 1988: पेरुमन ट्रेन हादसा 8 जुलाई, 1988 में केरल के पेरुमन के पास आईलैंड एक्सप्रेस एक लोकल पैसेंजर ट्रेन से टकरा गई थी. इस हादसे में करीब 150 लोगों की मौत हो गई थी. 2012: हम्पी एक्सप्रेस हादसा 22 मई, 2012 में हम्पी एक्सप्रेस ट्रेन हादसा हुआ था. हादसा आंध्र प्रदेश के पास हुआ था, इसमें मालगाड़ी और हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस की टक्कर हो गई थी. इस दौरान ट्रेन की चार बोगियां पटरी से उतर गई थी और एक बोगी में आग लग गई थी, इस कारण लगभग 25 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 43 लोग घायल हुए थे. 2014: गोरखधाम एक्सप्रेस हादसा 26 मई, 2023 में उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर इलाके में गोरखपुर की ओर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई था और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 2016: इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा 20 नवंबर, 2016 में इंदौर-पटना एक्सप्रेस (19321) भारत के कानपुर में पुखरायां के पास पटरी से उतर गई थी, जिसमें कम से कम 150 यात्रियों की मौत हो गई थी और 150 से अधिक घायल हुए थे. 2017: दो हादसे | कैफियत एक्सप्रेस और पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस 18 अगस्त, 2017 में पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर में पटरी से उतर गई थी, जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 60 अन्य लोग घायल हुए थे. 23 अगस्त, 2017 में दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस के नौ कोच उत्तर प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए थे, इसमें कम से कम 70 लोग घायल हुए थे. 2022: बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसा 13 जनवरी, 2022 में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कम से कम 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार क्षेत्र में पटरी से उतर गए थे, इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 36 अन्य लोग घायल हो गए थे.  

ओडिशा ट्रेन हादसा : 1995 से 2023 तक, भारतीय इतिहास के कुछ सबसे बड़े ट्रेन हादसे Read More »

ओडिशा ट्रेन हादसा : हादसे के बाद इन ट्रेनों के बदले रुट, ये ट्रेनें रद्द

Odisha Train Accident | ओडिशा में 2 जून 2023 को भयानक ट्रेन हादसा हुआ। इस दुर्घटना के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे ने घोषणा कर कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है साथ ही कई के रूट में भी बदलाव किए गए हैं। ओडिशा के बालासोर जिले में हुए इस ट्रेन हादसे में अभी तक की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कम से कम 280 यात्रियों की मौत हो गई, वहीं 900 से अधिक घायल बताए जा रहें है। इस हादसे में तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच तीन-तरफा टक्कर हुई। इस हादसे के बाद किन ट्रेनों के रूट में बदलाव किए गए और कौन सी ट्रेनें रद्द हुई हैं आइए जानते हैं। 2 जून को चलनी वाली ये ट्रेनें रद्द 1- 12837 हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस की यात्रा 2- 12863 हावड़ा-सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल एक्सप्रेस 3- 12839 हावड़ा-चेन्नई मेल 4- 12895 शालीमार-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस 5- 20831 शालीमार-संबलपुर एक्सप्रेस 6- 02837 संतरागाछी-पुरी स्पेशल 7- 22201 सियालदह-पुरी दुरंतो एक्सप्रेस 8- 08411 बालासोर-भुवनेश्वर स्पेशल 9- 08415 जलेश्वर-पुरी स्पेशल 10- 12891 बंगरीपोसी-पुरी, एक्सप्रेस 3 जून को चलने वाली ये ट्रेनें रद्द 1- 08415 जलेश्वर-पुरी स्पेशल 2- 12891 बंगरीपोसी-पुरी, एक्सप्रेस 3- 18021 खड़गपुर-खुर्दा रोड एक्सप्रेस 4- 08063 खरगपुर -भद्रक स्पेशल 5- 22895 हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस 6- 12703 हावड़ा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस 7- 12821 शालीमार-पुरी एक्सप्रेस 8- 12245 हावड़ा-सर एम विश्वेश्वरैव टर्मिनल एक्सप्रेस 9- 08031 बालसोड़े-भद्रक स्पेशल 10- 18045 शालीमार-हैदराबाद ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस 11- 20889 हावड़ा-तिरुपति एक्सप्रेस 12- 18044 भद्रक-हावड़ा एक्सप्रेस 13- 18038 जाजपुर क्योंझर रोड-खड़गपुर एक्सप्रेस 14- 12073 हावड़ा-भुवनेश्वर एक्सप्रेस 15- 12074 भुवनेश्वर-हावड़ा एक्सप्रेस 16- 12277 हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस 17- 12078 पुरी-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस 18- 08032 भद्रक-बालासोर स्पेशल 19- 12822 पुरी-शालीमार एक्सप्रेस 20- 12815 पुरी-आनंद विहार एक्सप्रेस 21- 08064 भद्रक-खरगपुर स्पेशल 22- 22896 पुरी-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस 23- 08416 पुरी-जलेश्वर स्पेशल 24- 08439 पुरी-पटना स्पेशल रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के 10-12 डिब्बे बालेश्वर के पास शाम करीब सात बजे पटरी से उतर गए और दूसरी तरफ की पटरी पर जा गिरे। यशवंतपुर से हावड़ा जा रही हावड़ा एक्सप्रेस पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई, जिससे उस ट्रेन के तीन या चार डिब्बे पटरी से उतर गए। इन ट्रेनों के हुए रुट डाइवर्ट 1- 12801 पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 2 जून को पुरी से जाखपुरा और जरोली रूट से चलेगी 2- 2 जून को पुरी से 18477 पुरी-ऋषिकेश कलिंग उत्कल एक्सप्रेस अंगुल-संबलपुर सिटी-झारसुगुड़ा रोड-आईबी रूट से चलेगी 3- 2 जून को पुरी से 03229 पुरी-पटना स्पेशल जाखपुरा-जरोली रूट से चलेगी 4- 2 जून को पुरी से 03229 पुरी-पटना स्पेशल जाखपुरा-जरोली रूट से चलेगी 5- 12840 चेन्नई-हावड़ा मेल 1 जून को चेन्नई से जाखपुरा-जरोली रूट से चलेगी 6- वास्को से 18048 वास्को डी गामा-हावड़ा अमरावती एक्सप्रेस 1 जून को जाखपुरा-जारोली रूट से चलेगी. 7- 22850 सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस 2 जून को सिकंदराबाद से जाखपुरा और जरोली के रास्ते चलेगी. 8- 22804 संबलपुर-शालीमार एक्सप्रेस 2 जून को संबलपुर से वाया संबलपुर सिटी-झारसुगुड़ा रूट से चलेगी. 9- 15929 तांबरम-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस एक जून को तांबरम से रानीताल-जारोली रूट से चलेगी. 10- 12509 बेंगलुरु-गुवाहाटी एक्सप्रेस 1 जून को विजयनगरम-टिटिलागढ़-झारसुगुड़ा-टाटा रूट से चलेगी 11- 22807 संतरागाछी-चेन्नई एक्सप्रेस 2 जून से शुरू होकर टाटानगर होकर चलेगी 12- 22873 दीघा-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस 2 जून से शुरू होकर टाटानगर के रास्ते चलेगी 13- 18409 शालीमार-पुरी श्री जगन्नाथ एक्सप्रेस 2 जून से शुरू होकर टाटानगर होकर चलेगी 14- 22817 हावड़ा-मैसूर एक्सप्रेस यात्रा 2 जून से शुरू होकर टाटानगर होकर चलेगी

ओडिशा ट्रेन हादसा : हादसे के बाद इन ट्रेनों के बदले रुट, ये ट्रेनें रद्द Read More »