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June 9, 2023

बहराइच : प्रेमी संग सात फेरे लेकर रुबीना खान बनीं रूबी अवस्थी, मुस्लिम लड़की ने अपनाया हिंदू धर्म

उत्तर प्रदेश | यूपी के बहराइच में हुई एक शादी इन दिनों चर्चा का विषय बानी हुई है। यहाँ एक युवती ने अपने प्रेम की खातिर मजहब की दीवार तोड़ दी। मुस्लिम लड़की ने धर्म परिवर्तन करते हुए रुबीना बेगम से अपना नाम रूबी अवस्थी रख लिया। कनैय्या लाल अवस्थी का बेटा शेष कुमार अवस्थी मुस्लिम समाज की लड़की रुबीना से प्रेम करता था। दोनों ने मुंबई ले जाकर मंदिर में शादी कर ली। जिससे रुबीना अब रूबी अवस्थी बन गई हैं, लेकिन यह बात रुबीना के पिता को रास नहीं आई लिहाज़ा उन्होंने पुलिस में मुकदमा दर्ज करा दिया था। मामला देहात कोतवाली के शिवपुरा गांव का है। जहां से कल्लन की बेटी रुबीना अचानक गायब हो जाती है, जिसकी प्राथमिकी 30 अप्रैल को दर्ज कराई जाती है। थाने में दर्ज एफआईआर के अंतर्गत देहात पुलिस रुबीना को मुंबई से बरामद कर बहराइच ले आती है। फिर उसका मेडिकल और 164 का बयान दर्ज कराया जाता है। अपने बयान में रुबीना उर्फ रूबी अवस्थी अपने को बालिग बताते हुए शेष कुमार अवस्थी के साथ रहने की इच्छा जाहिर करती है। वह यह भी बताती है कि उसने शेष कुमार अवस्थी से शादी कर ली है। रुबीना के बयान और उसके शैक्षणिक दस्तावेज को देखते हुए प्रभारी सीजेएम ने आदेश किया कि रुबीना को स्वतंत्र किया जाता है। वह अपनी मर्जी के अनुसार जहां जाना चाहे जा सकती है। साथ ही कोर्ट ने संबंधित प्रकरण के विवेचक अनुराग प्रताप सिंह को आदेशित किया कि वह जहां जाना चाहे उसे पूर्ण सुरक्षा के साथ सुरक्षित पहुंचाया जाए। इस आदेश के बाद शेष कुमार अवस्थी का पूरा परिवार रूबी को बहू के रूप में पाकर बहुत खुश है। इस मौके पर लड़के के पिता कन्हैय्या लाल अवस्थी ने कहा कि वो इस विवाह से बहुत प्रसन्न हैं और मुसलमान समुदाय की बिटिया को दिल से अपनाते हुए घर की बहू के रूप में स्वीकार कर लिया है।      

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पंकज त्रिपाठी या मनोज बाजपेयी नहीं बल्कि ये है OTT का Highest Paid Actor

मुंबई, महाराष्ट्र | दुनिया भर में मनोरंजन उद्योग तेजी से बदल रहा है. जहां फिल्में अभी भी सबसे महत्वपूर्ण निवेश हैं, वहीं, ओटीटी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म दुनिया पर लगातार हावी होती जा रही है. पैंडेमिक का इसमें भरपूर योगदान रहा. बॉलीवुड के बड़े से बड़ा स्टार्स भी अपना ओटीटी डेब्यू कर रहे हैं. ओटीटी अब जहां घर-घर में पहुंच गया है, वहीं इसमें बॉक्स ऑफिस का प्रेशर नहीं है. इसलिए अभिनेताओं को भी ये फ्लैटफॉर्म पसंद आ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्मों की तरह ओटीटी के लिए एक्टर्स को मोटा मेहताना मिलता है. वर्तमान में भारत में नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम वीडियो, डिज़्नी+ हॉटस्टार, ZEE5 और SonyLIV का दबदबा है. मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी, सैफ अली खान, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, शाहिद कपूर और अजय देवगन सहित कई स्टार्स ओटीटी पर दस्तक दे चुके हैं. Saif Ali Khan नेटफ्लिक्स शो ‘सेक्रेड गेम्स’ सीजन 1 के साथ सैफ अली खान ने ओटीटी डेब्यू किया था, जिसके लिए सैफ को 15 करोड़ रुपए की फीस मिली थी. अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी की ‘सेक्रेड गेम्स’ पहली ओरिजिनल देसी वेब सीरीज मानी जाती है. सैफ इस लिस्ट में दूसरे पायदान पर हैं. Pankaj Tripathi ‘सेक्रेड गेम्स’ (सीजन 2) और ‘मिर्जापुर’ जैसी सीरीज में नजर आ चुके पंकज त्रिपाठी को लोग उनकी परफेक्ट अदाकारी के लिए जानते हैं. ओटीटी को उन्होंने तब स्वीकार कर लिया था, जब अन्य कलाकार इसके बारे में सोच रहे थे. उन्हें ‘सेक्रेड गेम्स’ के लिए 12 करोड़ रुपए और ‘मिर्जापुर’ के दूसरे सीजन के लिए फीस के तौर पर 10 करोड़ रुपए दिए गए थे. Manoj Bajpayee मनोज बाजपेयी का नाम इस लिस्ट में न हो. ये भला कैसे हो सकता है. राज एंड डीके के शो ‘द फैमिली मैन’ के लिए उन्होंने 10 करोड़ रुपए की फीस ली थी. Nawazuddin Siddiqui नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने ‘सेक्रेड गेम्स’ के दूसरे सीजन के लिए 10 करोड़ रुपए चार्ज किए थे. Radhika Apte और Samantha Prabhu सिर्फ बॉलीवुड एक्टर ही नहीं बल्कि दो एक्ट्रेसेस ने भी ओटीटी के माध्यम से भारी कमाई की है. राधिका आप्टे हैं, जिन्हें कथित तौर पर ‘सेक्रेड गेम्स’ के लिए 4 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, वहीं, दूसका नाम सामंथा रुथ प्रभु को ‘फैमिली मैन 2’ के लिए 4 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. Ajay Devgn इस लिस्ट में सबको पछाड़कर सबसे आगे निकल गए हैं अजय देवगन. दरअसल, पिछले साल अजय देवगन ने ‘रुद्रा- द एज ऑफ डार्कनेस’ नाम की वेब सीरीज के साथ अपना डिजिटल डेब्यू किया था. ये सीरीज डिज़्नी+हॉटस्टार पर रिलीज हुआ. कोईमोई डॉट कॉम की रिपोर्ट की मानें तो इस सीरीज के लिए अजय ने 125 करोड़ रुपए चार्ज किए. जिसके बाद वह भारत के सबसे महंगा ओटीटी स्टार बन गए हैं.

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दिल्ली : वैशाली कॉलोनी स्थित एक नवजात शिशुओं के अस्पताल में लगी आग, मची अफरातफरी

नई दिल्ली | पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में स्थित एक अस्पताल में शुक्रवार तड़के 1:30 बजे। आग लग गई। इस घटना के बाद अस्पताल में तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और 20 नवजात शिशुओं को रेस्क्यू किया गया। ये अस्पताल वैशाली कॉलोनी में है। फिलहाल, सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें अन्य अस्पतालों में भेजा गया है। दमकल विभाग के मुताबिक, उन्हें आग लगने की सूचना शुक्रवार देर रात 1.35 बजे मिली, जिसके बाद मौके पर 9 गाड़ियों को भेज गया। अस्पताल के बेसमेंट में रखे कुछ फर्नीचर में आग लग गई थी। रात 2.25 बजे आग पर काबू पा लिया गया। 20 नवजात शिशुओं को पास के अस्पतालों में भेजा गया है। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि गली संकरी होने के कारण आग बुझाने में परेशानी आई है। हम समय पर वहां पहुंच गए और आग बुझ गई. रेस्क्यू कर सभी बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया। कोई घायल नहीं हुआ। उनके पास फायर एनओसी नहीं थी, अस्पताल सिर्फ एक मंजिल का था। आगे की जांच की जाएगी।

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मुंबई का मीरा रोड मर्डर : शव को काटकर कुकर में उबाला, मिक्सी में पीसा

महाराष्ट्र | मुंबई के मीरा रोड में 32 साल के सरस्वती वैद्य की हत्या की जांच कर रही पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने कहा है कि आरोपी मनोज साहनी ने अपने लिव-इन पार्टनर के शव को काटकर कुकर में उबाला था और फिर उसके शरीर के अंगों को मिक्सी में पीसा था। पुलिस ने पेड़ काटने वाली मशीन की बरामद पुलिस को आकाशगंगा बिल्डिंग में दंपति के अपार्टमेंट में पेड़ काटने वाले कटर भी मिला, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर पीड़िता के शरीर को काटने के लिए किया गया था। आरोपी ने शरीर के कुछ हिस्सों को ठिकाने लगा दिया था, लेकिन एक पैर और कुछ अन्य हिस्सों को निकाल लिया था। मीडिया से बातचीत में पुलिस ने बताया – किचन से शरीर के कुछ हिस्सों को जब्त कर लिया गया है और फॉरेंसिक जांच के लिए मुंबई के सर जेजे अस्पताल भेजा गया है। सरस्वती वैद्य, एक अनाथ थी और बुधवार, 6 जून की रात को उसका शव पाया गया, जब पड़ोसियों ने पुलिस को सातवीं मंजिल पर घर से निकलने वाली दुर्गंध की सूचना दी थी। साहनी को नया नगर पुलिस ने बुधवार रात हिरासत में लिया और IPC की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों को नष्ट करना) के तहत गिरफ्तार किया गया। आरोपी 16 जुमे तक पुलिस रिमांड में ठाणे कोर्ट द्वारा 16 जून तक रिमांड पर भेजे जाने के बाद गुरुवार 8 जून को उसे (मनोज साहनी) पुलिस हिरासत में ले लिया गया। आरोपी और मृतका 10 साल से थे साथ घरेलू विवाद को लेकर 56 वर्षीय साहनी ने कथित तौर पर वैद्य की हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक, 2014 में साहनी द्वारा संचालित एक किराना दुकान पर दोनों की मुलाकात हुई थी. वे पिछले तीन साल से मौजूदा अपार्टमेंट में रह रहे थे, लेकिन करीब 10 साल से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं। पहले वे बोरीवली में रहते थे। पुलिस ने आगे बताया कि पड़ोसियों के बयानों के मुताबिक, दंपति में काफी लड़ाई होती थी। पुलिस को दुर्गन्ध के बारे में सोचने देने वाले पड़ोसियों ने मीडिया को बताया – वे [दंपत्ति] कुछ समय से यहां रह रहे हैं, लेकिन मुझे उनका नाम भी नहीं पता था। वे बस आते-जाते रहते थे. पिछले दो दिनों से घर से बदबू आ रही थी. हमें लगा कि कोई चूहा मरा होगा या कुछ और बदबू है. हमने नोटिस भी नहीं किया था। कल बदबू और बढ़ गई थी, इसलिए मैंने दरवाजा खटखटाया. लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। तभी मैंने पुलिस को फोन किया। पुलिस को शक है कि सहनी ने 4 जून को वैद्य की हत्या की थी। लेकिन आरोपी के बयान के अनुसार, उसने दावा किया कि वैद्य ने अपनी जान लेने के लिए जहर पी लिया। पुलिस ने कहा, “अपने बयान में, उसने दावा किया कि उसने उसके शरीर को ठिकाने लगा दिया क्योंकि उसे डर था. हमने उसके शव को पोस्ट-मॉर्टम के लिए जेजे अस्पताल भेज दिया है.” उन्होंने कहा कि साहनी के बयान के अनुसार, उसने सोचा “कोई भी उसे खोजने नहीं आएगा क्योंकि वह एक अनाथ थी.”

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अमरनाथ यात्रा का नया Food Menu जारी, भठूरे, समोसे और कोल्ड ड्रिंक पर लगा बैन

नई दिल्ली | Amarnath Yatra Food Menu : अमरनाथ तीर्थ यात्रा में कोल्ड ड्रिंक, कुरकुरे स्नैक्स, डीप फ्राई और फास्ट फूड आइटम, जलेबी और हलवा जैसी भारी मिठाइयां और पूरियां व छोले भटूरे खाना अब काफी मुश्किल होगा। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड द्वारा जारी वार्षिक यात्रा के लिए अपने स्वास्थ्य परामर्श में उन खाने की चीजों की एक श्रृंखला पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो कठिन यात्रा में तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। इसके लिए बाकायदा एक विस्तृत भोजन मेनू तैयार किया गया है, जो तीर्थयात्रियों और सेवा प्रदाताओं को भोजन परोसने और बेचने के लिए यात्रा क्षेत्र में आने वाले लंगर संगठनों, फूड स्‍टॉलों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। यह कदम तीर्थयात्रियों को 14 किलोमीटर लंबे चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर ‘अस्वास्थ्यकर’ खाद्य पदार्थों से दूर रखने के लिए उठाया गया है, जो काफी उच्च ऊंचाई और खड़ी पहाड़ी इलाकों से गुजरता है। अमरनाथ यात्रा के दौरान 2022 में प्राकृतिक कारणों से करीब 42 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इसके बाद से सरकार ने स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की अनिवार्य आवश्यकता पर जोर दिया और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रखने के लिए यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन बूथ लगाने और अस्पताल बनाए जाने जैसे कदम उठाए पिछले साल से, यात्रियों की निगरानी के लिए आरएफआईडी टैग का भी इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसी संदर्भ में तीर्थयात्रियों को फिट रहने के लिए ‘सही भोजन’ सुनिश्चित करने के लिए इस साल यह कदम उठाया जा रहा है। अमरनाथ यात्रा 2023 के नए फूड मेनू में धार्मिक वजहों से मांसाहारी भोजन, शराब, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोल्‍ड ड्रिंक्‍स पर भी प्रतिबंध लगाता है, लेकिन तीर्थयात्रियों को हर्बल चाय, कॉफी, कम वसा वाले दूध, फलों के रस, नींबू स्क्वैश और वेजिटेबल सूप जैसे पेय पीने की अनुमति दी गई है। हैवी पुलाव/फ्राइड राइस प्रतिबंधित किए ए गए हैं। लेकिन सामान्य चावल के साथ-साथ हल्का भोजन जैसे भुने हुए चने, पोहा, उत्तपम, इडली के साथ-साथ सामान्य दाल-रोटी और चॉकलेट भी खा सकते हैं। खीर, जई, सूखे मेवे, शहद का सेवन किया जा सकता है, लेकिन भारी फास्ट फूड जैसे छोले-भटूरे, पूरियां, पिज्जा, बर्गर, डोसा, चाउमीन के साथ-साथ अन्य तले हुए भोजन अमरनाथ पवित्र गुफा के रास्ते में वर्जित किए गए हैं। हलवा, जलेबी, गुलाब जामुन, लड्डू, खोवा बर्फी और रसगुल्ले जैसे सभी हलवाई आइटम भी मेन्‍यू में बैन रखे गए हैं। अधिक वसा वाले क्रंची स्‍नैक्‍स, चिप्‍स, मट्ठी, नमकीन मिक्‍सचर, पकौड़े, समोसा, फ्राइड ड्राई फ्रूट्स और अन्‍य डीप फ्राई आइटम भी बैन किए गए हैं। बताते चलें, कि अमरनाथ यात्रा में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न लंगरों के साथ-साथ ट्रेक पर आने वाली दुकानों और खाद्य स्टालों पर भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 7182 एएनएम स्वास्थ्यकत्रियों को वितरित किया नियुक्ति पत्र

लखनऊ | विगत 6 वर्ष के अंदर किसी भी चयन प्रक्रिया में हमने धांधली, अव्यवस्था, अराजकता और भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं किया है। चाहे वो उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग हो,उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग हो, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा चयन आयोग हो या माध्यमिक चयन आयोग, पुलिस की भर्ती हो या बेसिक शिक्षा परिषद की भर्ती, इस प्रक्रिया को पूरे पारदर्शी तरीके से संपन्न करते हुए अब तक लगभग 6 लाख भर्ती की प्रक्रिया को पूरा करने जा रहे हैं। जो लोग भी चयनित हुए हैं किसी को भी सिफारिश कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 75 जनपदों के लिए चयनित 7,182 एएनएम स्वास्थ्यकत्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित एएनएम को बधाई भी दी और कर्तव्यों के ईमानदारी से निवर्हन की सीख भी दी। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थसारथी सेन शर्मा एव स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारीगण उपस्थित रहे। बिना भेदभाव आगे बढ़ रही है चयन प्रक्रिया सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक लंबी लड़ाई को आगे बढ़ाने के बाद इतनी ढेर सारी बहनों को एक साथ नियुक्ति पत्र वितरण का कार्य हो रहा है। आपने भी धैर्य से काम लेते हुए धरना प्रदर्शन की बजाय सरकार पर विश्वास किया और चयन की प्रक्रिया के बाद उच्चतम न्यायालय से अपने पक्ष में निर्णय आने का इंतजार किया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने चयन की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाया है। हर चयन की प्रक्रिया में लोग कुछ न कुछ विघ्न-बाधा डालने का प्रयास करते हैं, लेकिन उनके अनैतिक कार्यों पर हमने प्रहार किया है। सीएम योगी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने दायित्व संभालने के बाद कहा था कि हमारे लिए पूरा देश एक कुटुंब है। हम किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकते। उत्तर प्रदेश के अंदर भी 2017 से हमने इसको सख्ती से लागू किया है। 6 वर्ष के अंदर 6 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां उपलब्ध करा रहे हैं और किसी को भी किसी भी प्रकार के भेदभाव की गुंजाइश नहीं रही है। प्रदेश में अच्छा कार्य कर रहे हैं स्वास्थ्य विभाग के फील्ड वर्कर सीएम ने चयन प्रक्रिया में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने नियुक्ति पत्र देने का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन उसे कैंसिल करना पड़ा, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने स्टे कर दिया था। हम नहीं चाहते थे कि आपकी नियुक्ति में कोई विघ्न पड़े, इसलिए हमारा प्रयास रहा कि सारी बाधाओं को दूर करते हुए एक बार जब नियुक्ति पत्र आपको मिल जाए तो फिर पूरी ताकत और प्रतिबद्धता के साथ आप सेवा के लिए समय दे सकें। सभी बाधाओं को दूर करते हुए आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश के अंदर हमारे जितने भी फील्डवर्कर हैं, चाहे वो एएनएम हों, आंगनबाड़ी हों, आशा वर्कर हैं, इन सबके द्वारा बहुत अच्छा काम किया जा रहा है। पिछले 6 वर्ष में नेशनल हेल्थ के अंतर्गत जो आंकड़े आए हैं वो बहुत सकारात्मक बदलाव को दिखाते हैं। संस्थागत प्रसव काफी बढ़ा है। एनीमिया को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। मातृ मत्यु दर, शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। कई मामलों में तो उत्तर प्रदेश नेशनल एवरेज से भी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है। ये चीजें दिखाती हैं कि विभाग द्वारा जो प्रयास प्रारंभ किए गए हैं, उसके परिणाम जमीनी धरातल पर देखने को मिल रहे हैं। सीएम ने एएनएम को बेहतर कार्य के लिए दी सीख सीएम योगी ने एएनएम को ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह ईमानदारी से इस चयन प्रक्रिया को पूर्ण किया गया है तो शासन की यह अपेक्षा भी है कि प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले। गांव-गांव तक लोगों को स्वास्थ्य की सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आपकी सेवाओं की आवश्यकता है। आपका दायित्व बनता है कि सरकार ने जो नियुक्ति की है, वो सार्थक बने जिससे इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा सके। आपके पास अपने-अपने जनपदों और गांवों में लोगों को देखने, जानने और इस फील्ड में बेहतर कार्य से सम्मान प्राप्त करने का अवसर है। इतनी बड़ी संख्या में एएनएम को नियुक्ति पत्र मिलना मिशन रोजगार के साथ ही मिशन शक्ति को भी प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम बना है। इंसेफेलाइटिस और कोरोना नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग ने पेश किया मॉडल प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि दो महत्वपूर्ण घटनाएं मेरे सामने बार-बार आती हैं। एक पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर सहारनपुर तक.मस्तिष्क ज्वर प्रतिवर्ष हजारों बच्चों को निगल जाता था। आज स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में जो कार्यक्रम प्रारंभ हुए, समस्त विभागों के बीच समन्वय से इंसेफेलाइटिस को हमने नियंत्रित कर दिया है। एक-दो वर्ष में प्रदेश यह घोषित कर देगा कि इंसेफेलाइटिस का हमने उन्मूलन कर दिया है। दूसरा कोरोना काल का उदाहरण है, जिसमें यूपी ने एक मॉडल देश और दुनिया के सामने रखा है। 2017 से पहले लोग इस बात का रोना रोते थे कि डॉक्टर नहीं है, क्या करेंगे। हमने भारत सरकार के साथ मिलकर वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज पर काम शुरू किया। पहले कोई सोचता था कि गांवों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, आज 600 से ज्यादा स्थानों पर टेलीकंसल्टेशन की व्यवस्था है। सभी जनपदों में हेल्थ एटीएम की स्थापना की गई है। एक हेल्थ एटीएम 50 से लेकर 60 तरह की जांचों की सुविधा दे रहा है। आज ऐसा नहीं हो सकता कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में कोई व्यक्ति दम तोड़े, हर हॉस्पिटल में दवा उपलब्ध हो रही है,प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है। आज शिकायतें न्यूनतम स्तर पर आ गई हैं। हमें इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाकर एक मॉडल खड़ा करना है और उस मॉडल में ग्रामीण क्षेत्रों में आपका भी एक बड़ा रोल हो सकता है। इन्हें मिला नियुक्ति पत्र अनुपमा राय, आकांक्षा मिश्रा, रेनू सिंह,अंजली पांडेय, रानी कुंवर,

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योगी सरकार ने वाहन स्वामियों को दी बड़ी सौगात, पांच साल के ट्रैफिक चालान किए निरस्त

लखनऊ | योगी सरकार ने प्रदेश के निजी और कामर्शियल वाहन स्वामियों को बड़ी सौगात दी है। योगी सरकार ने यूपी में लंबे समय से वाहन चालान का भुगतान न करने वाले मालिकों को रियायत देते हुए उनका चालान निरस्त कर दिया है। सीएम योगी के इस फैसले से प्रदेश के लाखों वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली है। यह उन वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है जिनके अलग-अलग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में चालान काटे थे। ऐसे में जितने भी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच चालान काटे गये हैं। उनके सभी चालान निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित है। यह सभी वाहनों पर लागू होते हैं। 2 जून 2023 के माध्यम से लागू की गयी व्यवस्था परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालय में उपसमित वादों की सूची प्राप्त कर इन चालानों को पोर्टल से डिलीट कर दिए जाएं। यूपी सरकार के इस कदम से बाकी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शासन की ओर से इस संबंध में निर्देश सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में भेज दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि न्‍यायालय में लंबित चालान की सूची प्राप्‍त कर ई चालान पोर्टल से इसे हटा दिया जाए। आदेश के मुताबिक, एक जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि में काटे गए चालानों को निरस्‍त किया जा रहा है। परिवहन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 2 जून 2023 के माध्यम से यह व्यवस्था लागू की गई है कि पुराने लंबित चालान निरस्त करा दिए जाएं। मालूम हो कि नोएडा में किसान इस तरह से चालान को निरस्त करने की मांग करते हुए धरना दे रहे थे। इससे पूरे उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों के चालान माफ होने का रास्ता साफ हो गया है। घबराने की जरूरत नहीं है वहीं, इस अवधि के बाद वाले वाहन चालकों को घबराने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे ऑनलाइन ट्रैफिक चालान भर सकते हैं। यूपी ट्रैफिक पुलिस आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी एकत्रित कर सकते हैं। इसके लिए सिर्फ गाड़ी का नंबर पता होना चाहिए। खास बात यह है कि गलत चालान पर आप यहीं से शिकायत भी कर सकते हैं। हालांकि, वाहन का चालान कटने पर मोबाइल नंबर पर भी मैसेज जाता है।

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