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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 7182 एएनएम स्वास्थ्यकत्रियों को वितरित किया नियुक्ति पत्र

लखनऊ | विगत 6 वर्ष के अंदर किसी भी चयन प्रक्रिया में हमने धांधली, अव्यवस्था, अराजकता और भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं किया है। चाहे वो उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग हो,उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग हो, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा चयन आयोग हो या माध्यमिक चयन आयोग, पुलिस की भर्ती हो या बेसिक शिक्षा परिषद की भर्ती, इस प्रक्रिया को पूरे पारदर्शी तरीके से संपन्न करते हुए अब तक लगभग 6 लाख भर्ती की प्रक्रिया को पूरा करने जा रहे हैं। जो लोग भी चयनित हुए हैं किसी को भी सिफारिश कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 75 जनपदों के लिए चयनित 7,182 एएनएम स्वास्थ्यकत्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित एएनएम को बधाई भी दी और कर्तव्यों के ईमानदारी से निवर्हन की सीख भी दी। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थसारथी सेन शर्मा एव स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बिना भेदभाव आगे बढ़ रही है चयन प्रक्रिया
सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक लंबी लड़ाई को आगे बढ़ाने के बाद इतनी ढेर सारी बहनों को एक साथ नियुक्ति पत्र वितरण का कार्य हो रहा है। आपने भी धैर्य से काम लेते हुए धरना प्रदर्शन की बजाय सरकार पर विश्वास किया और चयन की प्रक्रिया के बाद उच्चतम न्यायालय से अपने पक्ष में निर्णय आने का इंतजार किया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने चयन की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाया है। हर चयन की प्रक्रिया में लोग कुछ न कुछ विघ्न-बाधा डालने का प्रयास करते हैं, लेकिन उनके अनैतिक कार्यों पर हमने प्रहार किया है।

सीएम योगी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने दायित्व संभालने के बाद कहा था कि हमारे लिए पूरा देश एक कुटुंब है। हम किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकते। उत्तर प्रदेश के अंदर भी 2017 से हमने इसको सख्ती से लागू किया है। 6 वर्ष के अंदर 6 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां उपलब्ध करा रहे हैं और किसी को भी किसी भी प्रकार के भेदभाव की गुंजाइश नहीं रही है।

प्रदेश में अच्छा कार्य कर रहे हैं स्वास्थ्य विभाग के फील्ड वर्कर
सीएम ने चयन प्रक्रिया में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने नियुक्ति पत्र देने का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन उसे कैंसिल करना पड़ा, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने स्टे कर दिया था। हम नहीं चाहते थे कि आपकी नियुक्ति में कोई विघ्न पड़े, इसलिए हमारा प्रयास रहा कि सारी बाधाओं को दूर करते हुए एक बार जब नियुक्ति पत्र आपको मिल जाए तो फिर पूरी ताकत और प्रतिबद्धता के साथ आप सेवा के लिए समय दे सकें। सभी बाधाओं को दूर करते हुए आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश के अंदर हमारे जितने भी फील्डवर्कर हैं, चाहे वो एएनएम हों, आंगनबाड़ी हों, आशा वर्कर हैं, इन सबके द्वारा बहुत अच्छा काम किया जा रहा है।

पिछले 6 वर्ष में नेशनल हेल्थ के अंतर्गत जो आंकड़े आए हैं वो बहुत सकारात्मक बदलाव को दिखाते हैं। संस्थागत प्रसव काफी बढ़ा है। एनीमिया को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। मातृ मत्यु दर, शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। कई मामलों में तो उत्तर प्रदेश नेशनल एवरेज से भी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है। ये चीजें दिखाती हैं कि विभाग द्वारा जो प्रयास प्रारंभ किए गए हैं, उसके परिणाम जमीनी धरातल पर देखने को मिल रहे हैं।

सीएम ने एएनएम को बेहतर कार्य के लिए दी सीख
सीएम योगी ने एएनएम को ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह ईमानदारी से इस चयन प्रक्रिया को पूर्ण किया गया है तो शासन की यह अपेक्षा भी है कि प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले। गांव-गांव तक लोगों को स्वास्थ्य की सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आपकी सेवाओं की आवश्यकता है। आपका दायित्व बनता है कि सरकार ने जो नियुक्ति की है, वो सार्थक बने जिससे इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा सके। आपके पास अपने-अपने जनपदों और गांवों में लोगों को देखने, जानने और इस फील्ड में बेहतर कार्य से सम्मान प्राप्त करने का अवसर है। इतनी बड़ी संख्या में एएनएम को नियुक्ति पत्र मिलना मिशन रोजगार के साथ ही मिशन शक्ति को भी प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम बना है।

इंसेफेलाइटिस और कोरोना नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग ने पेश किया मॉडल
प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि दो महत्वपूर्ण घटनाएं मेरे सामने बार-बार आती हैं। एक पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर सहारनपुर तक.मस्तिष्क ज्वर प्रतिवर्ष हजारों बच्चों को निगल जाता था। आज स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में जो कार्यक्रम प्रारंभ हुए, समस्त विभागों के बीच समन्वय से इंसेफेलाइटिस को हमने नियंत्रित कर दिया है। एक-दो वर्ष में प्रदेश यह घोषित कर देगा कि इंसेफेलाइटिस का हमने उन्मूलन कर दिया है। दूसरा कोरोना काल का उदाहरण है, जिसमें यूपी ने एक मॉडल देश और दुनिया के सामने रखा है।

2017 से पहले लोग इस बात का रोना रोते थे कि डॉक्टर नहीं है, क्या करेंगे। हमने भारत सरकार के साथ मिलकर वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज पर काम शुरू किया। पहले कोई सोचता था कि गांवों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, आज 600 से ज्यादा स्थानों पर टेलीकंसल्टेशन की व्यवस्था है। सभी जनपदों में हेल्थ एटीएम की स्थापना की गई है। एक हेल्थ एटीएम 50 से लेकर 60 तरह की जांचों की सुविधा दे रहा है। आज ऐसा नहीं हो सकता कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में कोई व्यक्ति दम तोड़े, हर हॉस्पिटल में दवा उपलब्ध हो रही है,प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है। आज शिकायतें न्यूनतम स्तर पर आ गई हैं। हमें इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाकर एक मॉडल खड़ा करना है और उस मॉडल में ग्रामीण क्षेत्रों में आपका भी एक बड़ा रोल हो सकता है।

इन्हें मिला नियुक्ति पत्र
अनुपमा राय, आकांक्षा मिश्रा, रेनू सिंह,अंजली पांडेय, रानी कुंवर, शांति पाल, अनामिका मौर्य, शाजिया बानो, प्रिया पटेल, कुमारी सपना गोस्वामी, संध्या यादव, श्वेता वर्मा, सोनम सिंह सिसोदिया, आकांक्षा साहू,शेख संजीदा बानो, स्वाती जायसवाल, कु. अनुराधा गुप्ता, स्नेहा सागर, सुनीता पाल, चित्रांशी श्रीवास्तव, माला प्रजापति, प्रियंका भारती, लक्ष्मी देवी रावत, निशा गौतम, ममता राज, पूनम वर्मा, नेहा मिश्रा और अन्वेषा यादव।

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UP-सनातन धर्म सुरक्षित है तो दुनिया में सब कोई सुरक्षित है: सीएम योगी

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अयोध्या धाम के अशर्फी भवन आश्रम में आयोजित भव्य अष्टोत्तरशत 108 श्रीमद्भागवत पाठ और पंच नारायण महायज्ञ में भाग लिया। सीएम योगी ने महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए आहुतियां अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है और इसे सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति के माध्यम से समाज में सकारात्मकता और शांति का प्रसार होता है। ऐतिहासिक मंदिरों पर आक्रमण की घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग इन पवित्र स्थलों को नष्ट करने का काम करते थे, उनका कुल और वंश नष्ट हो गया। सीएम योगी ने कहा कि औरंगजेब के परिवार के लोग आज रिक्शा चला रहे हैं। यह उनकी दुर्गति है। अगर उन्होंने पुण्य किए होते और मंदिरों को न तोड़ा होता, तो क्या उनकी ऐसी स्थिति होती? उन्होंने कहा कि विश्व शांति की स्थापना केवल सनातन धर्म के माध्यम से हो सकती है। यह शाश्वत धर्म है, जो सृष्टि के आरंभ से ही चला आ रहा है। विरासत और विकास का समन्वय के साथ काम कर रही डबल इंजन की सरकार- सीएम योगी मुख्यमंत्री ने कहा कि विरासत और विकास के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। उन्होंने अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ने संतों के मार्गदर्शन में अयोध्या के वैभव को पुनः स्थापित करने का कार्य किया है। रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण और अयोध्या धाम का विकास इसका जीवंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह यज्ञ न केवल आत्मशुद्धि और पर्यावरण शुद्धि का माध्यम है, बल्कि यह सनातन धर्म की रक्षा और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार भी करता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन मां सरयू के पवित्र अंचल और भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर हो रहा है, जो इस यज्ञ को और भी विशेष बनाता है। सभी को ऐतिहासिक गलतियों से सबक लेने की आवश्यकता है – सीएम योगी सीएम योगी ने कहा कि जिन गलतियों की वजह से भारत को गुलामी की बेड़ियां झेलनी पड़ीं और हमारे धर्म स्थलों का अपमान हुआ, उन्हें दोबारा नहीं दोहराया जाना चाहिए। उन्होंने भारतवासियों से सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। सीएम योगी ने कहा कि अगर विश्व मानवता को बचाना है तो सनातन धर्म का सम्मान करना होगा। यह धर्म सभी के कल्याण की बात करता है। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम् का संदर्भ देते हुए कहा कि यह केवल सनातन धर्म है, जिसने हर जाति और मजहब के लोगों को विपत्ति के समय शरण दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत तब तक भारत है जब तक यहां सनातन धर्म सुरक्षित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि युगों-युगों से सनातन धर्म ने सृष्टि के साथ तालमेल बनाकर खुद को जीवंत बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इसे किसी भी प्रकार की विकृतियों या विसंगतियों से बचाने के लिए हमें सतर्क रहना होगा। भारत तब तक भारत है जब तक भारत के अंदर सनातन धर्म सुरक्षित है। इसकी रक्षा के लिए इसके संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर के कार्य करना होगा। यह एक शाश्वत धर्म है, सृष्टि के साथ चला हुआ धर्म है हो सकता है कि किसी कालखंड में कुछ विसंगतिया आई हो लेकिन, विसंगती का परिमार्जन भी हमारे ऋषि मुनि संतो के माध्यम से समय-समय परमहापुरुषों के द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए हम करेंगे। कहीं भी हम आपसी उन फूट का, आपसी बंटवारे का, आपसी विभाजन की गलतियों को पूरे देश और पूरे धर्म को नहीं भुगतने देंगे, इस संकल्प के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। धार्मिक स्थलों को को अपवित्र करने वालों का आज अस्तित्व नहीं है- योगी सीएम योगी ने कहा कि आज बांग्लादेश में क्या हो रहा है, पाकिस्तान में क्या हुआ था, इससे पहले अफगानिस्तान में क्या हुआ ? मैं पूछना चाहता हूं उन लोगों से वह कौन लोग थे जिन्होंने देश के अंदर सनातन धर्म से जुड़े हुए उन मान बिंदुओं को नष्ट करने का काम किया था, और क्यों किया था, उसके पीछे की नियत क्या थी। उसके पीछे की नियति थी अपने कुकृत्यों को अंजाम दे करके पूरी धरती को नर्क बनाने की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, संभल में कल्की अवतार की हरिहर भूमि, भोज में ज्ञान के अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के पावन मंदिर जैसे पवित्र स्थलों को अपवित्र करने वालों का आज कोई अस्तित्व नहीं है। यह उनके पापों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी ऐसी स्थितियां उत्पन्न न हो, जिनसे हमारे धर्म स्थलों को अपमानित होना पड़े।” सीएम योगी ने पंचनारायण महायज्ञ के आयोजकों का किया अभिनंदन मुख्यमंत्री ने पंचनारायण महायज्ञ के आयोजन के लिए जगद्गुरु रामानुजाचार्य पूज्य स्वामी शंकराचार्य महाराज और उनकी टीम का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस यज्ञ का पुण्य पूरे भारतवासियों को प्राप्त होगा। इस महायज्ञ में कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जेपीएस राठौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, धर्म-अध्यात्म से जुड़े कई प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025: कीट भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनिया में 92वां स्थान अर्जित किया

भुवनेश्वर। कीट-डीयू ने शुरुआती टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025 में भारत में प्रभावशाली चौथा स्थान हासिल किया है जो इंटरडिसिप्लिनरी वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को मान्यता देता है। विशेष रूप से, केवल चार भारतीय विश्वविद्यालय – निजी और सार्वजनिक दोनों – विश्व स्तर पर शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हैं, और कीट उनमें से एक है, जो दुनिया भर में 92 वें स्थान पर है। हाल ही में जारी रैंकिंग में भारत का मजबूत प्रतिनिधित्व है जिसमें 65 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें से सात शीर्ष 100 में शामिल हैं। विशेष रूप से, अन्ना विश्वविद्यालय भारतीय संस्थानों में अग्रणी है और विश्व स्तर पर 41 वां स्थान हासिल किया है। यह मान्यता इंटरडिसिप्लिनरी अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। भारतीय संस्थानों में, कीट शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक है जो वैश्विक इंटरडिसिप्लिनरी विज्ञान परिदृश्य में देश की उपस्थिति में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। कीट और कीस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की और कहा, “अंतर्विषयक वैज्ञानिक अनुसंधान विश्वविद्यालयों के बीच कीट की स्थिति दशकों से इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के प्रति इसके सर्वश्रेष्ठ योगदान को दर्शाती है”। कीट के गुणवत्तापूर्ण शोधकर्ताओं और कर्मचारियों ने अपने गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, नवाचार और प्रकाशनों के माध्यम से इसे संभव बनाया है। उन्होंने इस अनूठी उपलब्धि के लिए कीट-डीयू के संकाय समुदाय, स्टाफ सदस्यों और छात्रों को बधाई दी। बुद्धिजीवियों ने कहा कि ओडिशा में स्थापित कीट विश्वविद्यालय ने अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में दुनिया भर में अपना प्रभाव फैलाया है।

CG-बलौदाबाजार में खुलेगा बीएड महाविद्यालय और ट्रांसपोर्ट नगर की होगी स्थापना : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में विभिन्न विकास कार्यों का  भूमि पूजन और लोकार्पण करते हुए बलौदाबाजार में बीएड महाविद्यालय खोलने और ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के लिए 60 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत के अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इन कार्यों में से 32 करोड़ 32 लाख रूपए की लागत के 16 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 27 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत के 32 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े और विधायक गुरू श्री खुशवंत साहेब भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत मकानों में से 2100 हितग्राहियों को आवास के स्वीकृति पत्र एवं 51 हितग्राहियों को घर की चाबी सौंपी। उन्होंने इस जिले में संचालित ’’हम होंगे कामयाब अभियान’’ के अंतर्गत 51 युवाओं को सम्मान पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में किसानों ने 3100 रूपए प्रति क्विंटल तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी के लिए मुख्यमंत्री श्री साय को धान से भरे टुकनी एवं पर्रा भेंट कर उनके प्रति आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्रति आवास के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये के साथ ही मननरेगा से 90 दिनो की मजदूरी 21,870 रूपये एवं स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय  हेतु 12 हजार रूपये खर्च किए जा रहे है। इस तरह प्रति आवास 1 लाख 53 ’हजार 870 रूपये दिया जा रहा है। आज इस तरह कुल 2100 आवास के लिए कुल 32 करोड़ 31 लाख रूपये का भूमिपूजन किया गया है।

MP : मुख्यमंत्री डॉ. यादव उत्तरप्रदेश में प्रतापगढ़ जिले में भागवत कथा में शामिल हुए

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के ग्राम करमाही पहुँचकर श्रीमदभागवत कथा में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्राम करमाही में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में परम श्रद्धेय स्वामी श्री राघवाचार्य जी भागवत कथा का श्रवण किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के संगठन प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह जी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का डॉ. महेंद्र सिंह के पैतृक ग्राम करमाही में पुष्पहारों से आत्मीय स्वागत किया गया। भागवत कथा में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश की पंचायत संस्थाओं के पदाधिकारी और श्रद्धालु जन नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से प्रयागराज में भी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों ने भेंट की।

UP – टेक्नोलॉजी के दास न बनें, पुस्तकों की ओर लौटें : मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट पार्क में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन किया। यह महोत्सव नेशनल बुक ट्रस्ट और लखनऊ विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया जा रहा है, जो 9 से 17 नवंबर तक चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बच्चों से पाठ्यक्रम के साथ-साथ रचनात्मक और ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि सिर्फ पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि अच्छी किताबें पढ़ें और उनसे अच्छी बातें सीखें। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों से मेले में एक-एक पुस्तक खरीदने का अनुरोध किया, ताकि उनमें पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित हो सके। मुख्यमंत्री ने डिजिटल युग के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवा अपने 24 घंटों में से लगभग 6 घंटे स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल डिवाइस पर व्यतीत कर रहे हैं। अगर इस समय का उपयोग किसी सार्थक कार्य में किया जाए तो यह समाज और युवा दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें तकनीक का उपयोग करना चाहिए, न कि उसके गुलाम बनना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भारत की श्रुति परंपरा का महत्व बहुत गहरा है। नैमिषारण्य जैसे पवित्र स्थानों पर ऋषियों ने ज्ञान को लिपिबद्ध किया, जिससे यह एक तीर्थस्थल बन गया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सुनना, मनन करना और उसे आचरण में उतारना एक परंपरा रही है। आज हमें फिर से इस परंपरा को जीवंत करना होगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सौभाग्यशाली है कि यहां महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे महान कवि हुए। उन्होंने महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे घर-घर में गाया जाता है। उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि युद्धभूमि में भी ज्ञान की सर्वश्रेष्ठ कृति रची गई थी। हमें अपनी इस महान परंपरा पर गर्व करना चाहिए और इसे संजोए रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट की इस पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में ऐसे पुस्तक मेलों का आयोजन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचेगा और लोगों में पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें डिजिटल डिवाइस पर बिताए जाने वाले समय को कम करके पुस्तकों के अध्ययन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी सोच को विस्तार देती हैं और हमें समाज के प्रति जागरूक बनाती हैं। हमें अपनी नई पीढ़ी को इस दिशा में प्रेरित करना होगा। गोमती पुस्तक महोत्सव के इस तृतीय संस्करण में विभिन्न लेखकगण, समाज के सुधिजन और पुस्तक प्रेमी उपस्थित रहे। इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलन मराठी, डायरेक्टर कर्नल युवराज मलिक, प्रदेश सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी, मंडलायुक्त रौशन जैकब सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। मेले में बुक स्टॉलों पर मुख्यमंत्री ने स्वयं जाकर पुस्तकों का अवलोकन किया और आयोजकों को इस अभिनव प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं।

MP:विकसित मध्यप्रदेश के लिए टीम भावना के साथ कार्य करें : मुख्य सचिव श्री जैन

नवागत मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने पदभार ग्रहण करने के साथ गुरूवार को मंत्रालय में विकसित मध्यप्रदेश के रोडमैप को लेकर अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव एवं सचिवों के साथ पहली बैठक की। मुख्य सचिव श्री जैन ने बैठक में सभी अधिकारियों से टीम भावना के साथ कार्य करने की अपेक्षा की। मुख्य सचिव श्री जैन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य की आय बढ़ाने के लिए अन्य साधन एवं स्त्रोत भी तलाशें। श्री जैन ने अधिकारियों को अद्यतन तकनीकी एवं अपने सेक्टर में हो रहे नवाचारों से निरंतर अवगत रहने की जरूरत बतायी। बैठक में उन्होंने अधिकारियों से प्रदेश में केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और समाधान के उपायों को लेकर भी चर्चा की। श्री जैन ने कहा कि प्रदेश में योजना बनाने के पूर्व विस्तृत विचार-विमर्श किया जाये तथा शासन से निर्णय हो जाने पर उसका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाये जिससे अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकें। मुख्य सचिव श्री जैन ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के विकास के लिए भारत सरकार के विभागीय अधिकारियों से सतत् संपर्क एवं समन्वय कर योजनाओं को आगे बढ़ाएं। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपने-अपने विभागों का डाटा-बेस बनाने को कहा जिससे इसका मास्टर डाटाबेस बनाया जा सके। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मोहम्मद सुलेमान ने उद्यानिकी फसलों में प्र-संस्करण की पॉलिसी बनाने के संबंध में सुझाव दिये। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग की योजनाओं एवं क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास अंतर्गत गौशाला, ग्राम रोजगार सहायक की राशि, अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा ने गृह, जेल, परिवहन विभाग अंतर्गत डायल 100, पुलिस बैंड, लाउडस्पीकर नियंत्रण, जघन्य अपराधों की फोरेंसिक जांच, मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह अधिनियम, अपर मुख्य सचिव श्री अशोक बर्णवाल ने दो टाइगर रिजर्व एवं नए सेंचुरी पार्क, टाइगर मेनेजमेंट, अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने विज्ञान प्रौद्योगिकी अंतर्गत डाटा सेंटर बनाने, सिंहस्थ 2028 की तैयारी, विभागीय कार्य आंवटन नियमों में परिवर्तन, प्रमुख सचिव श्री नीरज मण्डलोई ने पीएम आवास, स्वच्छ भारत मिशन, भोपाल-इंदौर मैट्रो, आत्मनिर्भर निकाय बनाने, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग एवं उद्यानिकी श्री अनुपम राजन ने पीएम उषा, प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने पर्यटन विभाग अंतर्गत राम वन गमन पथ,  श्री कृष्ण पाथेय, प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र सिंह ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला ने जिला विकास पुस्तिका, डॉ. संजय गोयल ने शिक्षा विभाग अंतर्गत स्कूल यूनिफार्म, साइकिल, लैपटॉप, स्कूटी वितरण के बारे में जानकारी दी। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री के.सी.गुप्ता, श्रीमती स्मिता भारद्वाज, श्रीमती रश्मी अरूण शमी, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, श्री अमित राठौर, श्री गुलशन बामरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।