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जिसने भी सुनी श्रीराम कथा, दूर हुई उसके जीवन की व्यथा: योगी

गोरखपुर, 7 सितंबर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है, प्रेरणा एवं प्रकाश है। उनके जीवन से हम सबको विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है। हमारे मनीषियों ने माना है कि श्रीराम ही साक्षात धर्म हैं अर्थात श्रीराम ही सबकुछ हैं। भगवान श्रीराम की कथा जिसने भी सुनी, उसके जीवन की सभी व्यथा दूर हुई। उसे भवसागर से मुक्ति मिली और सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ। -मानवता का दिग्दर्शन है श्रीराम का जीवन :मुख्यमंत्री -श्रीराम ही साक्षात धर्म, उनके चरित्र से मिलती है विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा -युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पुण्य स्मृति में संगीतमय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 53वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में बुधवार अपराह्न श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म की व्याख्या को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद हो सकता है लेकिन अलग-अलग व्याख्याओं में धर्म के जितने भी लक्षण बताए गए हैं, वे सब श्रीराम के पावन चरित्र में समाहित हैं। यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें श्रीराम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त हो रहा है। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्तमान पीढ़ी का सौभाग्य है कि वह श्रीराम कथा श्रवण की परंपरा से उस दौर में जुड़ रही है जब श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों के लंबे इंतजार में कई पीढियां चली गईं, लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। श्रीराम मंदिर का निर्माण अपनी विरासत के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करने का भी माध्यम है। अपनी विरासत व महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के ही लिए गोरखनाथ मंदिर में प्रति वर्ष ब्रह्मलीन आचार्यों की पुण्य स्मृति में कथा का आयोजन होता है। वार्षिक कथा के श्रवण के लिए श्रद्धालुओं को उत्सुकता से इंतजार रहता है। इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के श्रीचरणों में नमन कर अपनी श्रद्धा निवेदित की। मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर, अशर्फी भवन अयोध्या) ने कराया। इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, स्वामी अनंताचार्य, महंत शेरनाथ, संत अवधेश दास, सतुआ बाबा समेत बड़ी संख्या में संतजन, यजमान व श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम हवन एवं भंडारे के साथ 13 सितंबर को होगा। श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने अखंड ज्योति स्थापित की। साप्ताहिक पुण्यतिथि समारोह में व्याख्यानमाला गुरुवार से, सीएम रहेंगे मौजूद गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में विभिन्न सामयिक व ज्वलंत विषयों पर व्याख्यानमाला का शुभारंभ गुरुवार को सुबह 10.30 बजे से होगा। शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। पहले दिन 8 सितंबर को ‘आजादी का अमृत महोत्सव: संकल्पना से सिद्धि तक’ विषय पर व्याख्यान होगा।

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आयुष विवि के निर्माण की धीमी गति से सीएम नाराज, जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज गोरखपुर में बन रहा है प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय

गोरखपुर, 7 सितंबर। दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों के बारे में चर्चा की। इस दौरान आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य धीमी गति से होने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा कि इस मामले में जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय यह उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। उन्होंने गो तस्करी को पूरी तरह से रोकने की भी हिदायत दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा, गो तस्करों और नशे के कारोबारियों पर करें प्रभावी कार्रवाई प्रगतिशील किसानों को करें सम्मानित बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी ली। इस दौरान इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना के सफल होने की जानकारी मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा दी गई। अधिकारियों ने और इलेक्ट्रिक बस चलाने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक आश्वासन दिया है। उन्होंने प्रदेश के अन्य जिलों में गन्ना की खेती के बारे में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अच्छा करने वाले कृषकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाते हुए गो तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश एसएसपी को दिया। नशामुक्ति की दिशा में काम करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। अधिकारियों की ओर से नशामुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। बैठक में मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, डीआइजी जे रविन्दर गौड, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह, नगर आयुक्त अविनाश सिंह एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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गोरखपुर-कारोबार को देने रफ्तार, बैंक पहुंचा टेराकोटा शिल्पकारों के द्वार

गोरखपुर। लगातार बुलंदियों को छू रहे टेराकोटा शिल्प के उद्यम को वित्त पोषण में और सहूलियत मिलने जा रही है। टेराकोटा शिल्पियों के कारोबार को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किए गए वादे के अनुरूप पंजाब एंड सिंध बैंक शिल्पियों के द्वार पहुंचा है। बैंक के अधिकारियों ने टेराकोटा शिल्पकारो से उनकी वित्तीय जरूरतों की जानकारी ली और बताया कि उन्हें अपनी कला को उद्योग के रूप में स्थापित करने के प्रदेश सरकार के प्रयास में वह भी हमकदम बन गया है। बैंक ने गोरखपुर के 5000 टेराकोटा शिल्पियों के लिए 25 करोड़ रुपये लोन वितरण का लक्ष्य रखा है। टेराकोटा गांव औरंगाबाद और गुलरिहा का भ्रमण किया पंजाब एंड सिंध बैंक के अफसरों ने 5000 टेराकोटा शिल्पकारों को 25 करोड़ का लोन देने की प्रतिबद्धता जता चुका है बैंक गोरखपुर की विशिष्ट टेराकोटा मिट्टी शिल्प को योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल कर प्रशिक्षण, निशुल्क यंत्र-उपकरण व अनुदानित लोन देकर इसे फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया है। नायाब होने के बावजूद कभी टेराकोटा के उत्पादों को खरीदारों का टोटा था तो अब सरकार की तरफ से कराई गई ब्रांडिंग का यह जलवा है कि इस शिल्प के उत्पादों की डिमांड इतनी है कि शिल्पकारों के पास तीन से चार महीने के लिए एडवांस ऑर्डर रहता है। यही नहीं, इसके उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से लेकर ग्लोबल मार्केट तक उपलब्ध हैं। सरकार के प्रयासों से टेराकोटा को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग भी हासिल है। टेराकोटा मिट्टी शिल्प उद्यम के रूप में स्थापित हो चुका है। इसका कारोबार और बढ़े और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद दिलचस्पी लेते हैं। सीएम योगी के प्रयासों से जुड़ने की एक पहल पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी की है। कार्यकारी निदेशक रामजस यादव के नेतृत्व में गत 23 अगस्त को बैंक के अधिकारियों ने सीएम योगी से लखनऊ में मुलाकात कर टेराकोटा शिल्पकारों के लिए अपनी कार्ययोजना की जानकारी दी थी। बताया था कि बैंक उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के साथ मिलकर गोरखपुर के 5000 टेराकोटा शिल्पकारों को 25 करोड़ का लोन उपलब्ध कराएगा। इस वित्त पोषण से शिल्पी अपने उद्यम का आकार और विस्तारित कर सकेंगे। इसी कार्ययोजना के मुताबिक रविवार को बैंक के मुख्य प्रबंधक विनय कुमार ओझा के नेतृत्व में वरिष्ठ प्रबंधक शैलेंद्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक गोलघर गोरखपुर शाखा अरविंद कुमार मिश्र, शाखा प्रबंधक बशारतपुर गोरखपुर पंकज जायसवाल व शाखा प्रबंधक बस्ती संदीप यादव टेराकोटा के लिए मशहूर औरंगाबाद और गुलरिहा पहुंचे। उन्होंने भोला प्रसाद प्रजापति, रामफल, गुलाब चंद प्रजापति, गब्बू, लालचंद प्रजापति, हीरालाल प्रजापति, राजन प्रजापति, रविन्द्र प्रजापति से मुलाकात की। उनके हुनर को देखा, बाजार, उत्पादों की मांग और उनके टर्नओवर के बारे में जानकारी ली। बैंक अधिकारियों ने टेराकोटा शिल्पकारों को ओडीओपी के तहत सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। साथ ही बताया कि बैंक उन्हें त्वरित आधार पर सरलता से लोन देने के लिए तैयार बैठा है। लोन से वह अपने कारोबार को और रफ्तार दे सकते हैं। शिल्पकारो को डिजिटल पेमेंट सिस्टम और क्यूआर कोड के जरिये लेनदेन के बारे में बताया गया।

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