
Bareilly has evolved into a wonderful confluence of heritage and development: CM Yogi
Bareilly: Highlighting the infrastructure development in Bareilly, Chief Minister Yogi Adityanath, on Wednesday, emphasized the emergence of a new identity
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लखनऊ: योगी सरकार की निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लगातार जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन रोजगार के तहत
लखनऊ, हमारा अन्नदाता किसान जब आपस में मिलता है तो राम-राम कहता है। आज अयोध्या में रामलला भी आ गए
लखनऊ: सीएम योगी की मंशा के अनुरूप नकलविहीन परीक्षाएं संपन्न कराने में जुटे यूपी बोर्ड ने सोमवार को हाईस्कूल
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन पात्र व्यक्तियों को पक्का मकान नहीं मिल
लखनऊ| पहली मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद प्रारंभ होगी, जो 15 जून तक चलेगी। सरकार ने 2275 रुपये प्रति
New Delhi, February 29 Chief Minister Yogi Adityanath, on Thursday, said that the global market awaits India’s skills, innovation, and
Lucknow | With the aim to bring Uttar Pradesh on par with Bengaluru and Hyderabad in the field of technology,
Lucknow | Chief Minister Yogi Adityanath visited KGMU on Sunday to meet victims of the road accident, which took place
Lucknow| Chief Minister Yogi Adityanath on Saturday said that good governance in Uttar Pradesh was a result of extensive reforms
देहरादून। हेस्को के संस्थापक एवं पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, इंफोसिस ग्लोबल (सस्टेनेबिलिटी एंड डिज़ाइन व्यवसाय) के पूर्व उपाध्यक्ष एवं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. कोरे ग्लिकमैन व कॉरपोरेट जगत से जुड़े अमित भाटिया ने सीएम से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान विभिन्न समसामयिक विषयों, विशेषकर पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। डॉ. कोरे ग्लिकमैन ने उत्तराखंड में ग्रॉस एनवायरमेंट प्रोडक्ट (जी.ई.पी.) व्यवस्था को लागू करने एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर गंभीर प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही अमेरिका के पिट्सबर्ग में वैश्विक स्तर पर एक पर्यावरणीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें जी.ई.पी. तथा पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के संतुलन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। डॉ. कोरे ने मुख्यमंत्री को इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाते हुए कार्य कर रहा है। राज्य सरकार जल संरक्षण, वन संपदा के संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखते हुए सतत विकास की दिशा में प्रयासरत है।
देहरादून। प्रदेश के 7000 से ज्यादा युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों को जल्द ही स्वरोजगार का अवसर मिलने जा रहा है। सोमवार को राष्ट्रीय खेल सचिवालय में आयोजित बैठक के बाद युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने यह जानकारी दी। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि युवा और महिला मंगल दलों की भूमिका का विस्तार करने का फैसला किया गया है और प्रस्तावित योजना में उनसे रोजगार करने के लिए प्रस्ताव मांगे जाएंगे। स्क्रुटनी के बाद जिन प्रस्तावों को स्वीकृति मिलेगी, उनके लिए विभाग आर्थिक सहायता जारी करेगा। मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को अधिकतम एक सप्ताह के भीतर इसका प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही बैठक में चार धाम यात्रा में ड्यूटी पर जा रहे 2800 से ज्यादा पीआरडी जवानों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई। मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि हमारे जो पीआरडी जवान समुद्र तल से अधिक ऊंचाई पर ड्यूटी करते हैं उनके सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने के निर्देश अधिकारियों दिए गए हैं। इसके लिए बैठक में ऑनलाइन जुड़े सभी जनपदों के जिला युवा कल्याण अधिकारियों से सुझाव मांगे गए। अधिक ऊंचाई पर ड्यूटी करने वाले पीआरडी जवानों को जूते, जैकेट, रेनकोट और वॉटरप्रूफ टेंट जैसी सुविधाएं देने की तैयारी की जा रही है। बैठक में मंत्री रेखा आर्या ने अधिकारियों को इस साल होने वाले खेल महाकुंभ की तैयारी जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए। बैठक में विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्य, उपनिदेशक शक्ति सिंह अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसी सप्ताह तैयार हो जाएगा हिमाद्री आइस रिंक बैठक के बाद खेल मंत्री ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में हिमाद्री आइस रिंक के पुनरोद्धार कार्य का निरीक्षण भी किया। खेल मंत्री ने कहा कि भारत और साउथ एशिया के पहले आइस रिंक को पुनर्जीवित करने का काम पूरा हो चुका है और उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर यह प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पर नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं के आयोजन के प्रस्ताव की विभाग को मिले हैं। इनमें से एक या दो आयोजन अगले एक डेढ़ महीने के अंदर ही देखने को मिल सकता है।
Uttarakhand April 29, 2025adminjeevan मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से की भेंट FacebookWhatsAppPinterestLinkedInXTelegramShare देहरादून/नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भेंट की। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन परियोजना के अन्तर्गत भारत के सबसे लम्बे रेल टनल (देवप्रयाग-जनासू) के सफल ब्रैक थ्रू के लिए रेल मंत्री को बधाई देते हुए कहा कि इससे भारत के प्रौद्योगिकी विकास को नई पहचान मिली है। उन्होंने रूडकी-देवबंद रेलवे लाईन के सी०आर०एस० जारी करने पर भी उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में अपनायी जा रही टनल प्रणाली के समान ही देहरादून से सहारनपुर को मोहण्ड होते हुए रेलवे से जोड़ने के लिए टनल आधारित रेल लाईन परियोजना की संभाव्यता का परीक्षण कराकर परियोजना की स्वीकृति देने का रेल मंत्री से अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल लाईन परियोजना के त्वरित क्रियान्वयन किए जाने, जिला चम्पावत के टनकपुर से नई दिल्ली तक वंदे भारत ट्रैन शुरू करने और टनकपुर से देहरादून ट्रेन के फेरे बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए इस परियोजना पर होने वाले व्यय का पूर्ण वहन भारत सरकार द्वारा किये जाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश के पुराने रेलवे स्टेशन की भूमि के समस्त अधिकार राज्य सरकार को हस्तांतरित किये जाने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस भूमि का प्रयोग ऋषिकेश-गंगा कोरिडोर में हो रहे बहुद्देशीय विकास कार्यो जैसे सङक चौडीकरण, यातायात सुदृढीकरण, तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं के लिए अध्यात्मिक सुविधाओं को बढावा देने के लिए उपयोग में लाया जायेगा। साथ ही पुराने रेलवे स्टेशन के रेलवे ट्रैक को सङक में परिवर्तित करते हुए यातायात को और सुविधाजनक बनाया जाएगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
देहरादून। चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले धामी सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश संख्या 293157/2025 के अनुसार, विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनके संबंधित विशेषज्ञता के अनुसार ज़िला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया गया है। इनमें सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग (OBS & Gynae), एनेस्थीसिया, बाल रोग (Pediatrics), नेत्र रोग (Ophthalmology), कान-नाक-गला (ENT), फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन जैसे विभागों के डॉक्टर शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी मजबूती स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मार्गदर्शन व निर्देशन में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री जी व स्वास्थ्य मंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि सीमांत गाँव के अंतिम छोर पर खड़े ब्यक्ति को भी स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिले। स्वास्थ्य सचिव ने बताया सभी डॉक्टर विभाग की तरफ से पीजी करने गए थे। पीजी कोर्स पूर्ण होने के बाद विशेषघ चिकित्सक के रूप में इन सभी की तैनाती विभिन्न जनपदों में कर दी गई है। चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के उत्तराखंड आने की संभावना है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से जिलों में आपातकालीन सेवाओं से लेकर सामान्य इलाज तक में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे न केवल यात्रियों को बल्कि स्थानीय जनता को भी त्वरित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को मिली बड़ी राहत स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। पर्वतीय जिलों के अस्पतालों में पूर्व में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इन चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को बड़ी राहत मिली है। कई जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव के कारण मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। अब सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे प्रमुख विभागों में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे न केवल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि सामान्य बीमारियों के इलाज में भी तेजी आएगी। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा। किन जिलों को मिले विशेषज्ञ डॉक्टर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इन 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती विशेष रूप से उन जिलों में की गई है, जहां चारधाम यात्रा का सीधा प्रभाव पड़ता है या जहां स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने की तत्काल आवश्यकता थी। इनमें प्रमुख रूप से पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जैसे जिले शामिल हैं। विशेषज्ञताओं के अनुसार तैनाती का विवरण 1 :- एनेस्थीसिया (Anaesthesiology) – 12 डॉक्टर 2 :- सर्जरी (General Surgery) – 5 डॉक्टर 3 :- बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrics) – 4 डॉक्टर 4 :- स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ (OBS & Gynae) – 4 डॉक्टर 5 :- कान-नाक-गला (ENT) – 5 डॉक्टर 6 :- नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmology) – 2 डॉक्टर 7 :- फॉरेंसिक मेडिसिन (MD Forensic Medicine) – 1 डॉक्टर 8 :- जनरल मेडिसिन व अन्य – 10 डॉक्टर यात्रियों के लिए विशेष तैयारी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि चूंकि चारधाम यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं, इसलिए सरकार ने हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। स्थानांतरण आदेश के तहत कई डॉक्टर ऐसे संवेदनशील जिलों में तैनात किए गए हैं जहां तत्काल विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता होती है। तेजी से कार्यभार ग्रहण के निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र अपने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई चिकित्सक निर्धारित समय पर कार्यभार नहीं ग्रहण करता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
Uttarakhand April 30, 2025adminjeevan ‘द लिटरेचर लॅरिट सम्मान’ से सम्मानित हुए ‘निशंक’ FacebookWhatsAppPinterestLinkedInXTelegramShare देहरादून/नई दिल्ली। अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति एवं वैश्विक हिन्दीशाला संस्थान (वीएचएसएस जर्मनी) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ० रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को नई दिल्ली में “द लिटरेचर लॉरेट” अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान डॉ० निशंक को उनकी रचनाधर्मिता, हिन्दी एवं संस्कृत भाषा के सम्वर्धन तथा प्रचार-प्रसार के साथ ही लेखक गांव की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रदान किया है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश नीरव एवं सचिव क्रिस्टीन म्यूलर ने डॉ० निशंक को यह सम्मान प्रदान किया। पंडित नीरव ने कहा कि डॉ० निशंक एकमात्र राजनैतिज्ञ है, जिन्होंने हिन्दी एवं संस्कृत भाषा एवं संस्कृति के उत्थान के लिए निर्बाध गति से कार्य किया है और आज भी कार्य कर रहे हैं, आपका साहित्य आज भारत ही नहीं अपितु विश्व के अनेक देशों में भी अनेकों भाषाओं में अनुवादित हुआ है, भारत की संस्कृति का प्रचार-प्रसार निशंक जी की पुस्तकों से बड़ी सरलता से हो रहा है। विश्वभर में हिन्दी, संस्कृत एंव भारतीय भाषाओं को विस्तार देने के लिए अनेकों संगठन एवं संस्थायें निरंतर कार्य कर रही है, और डॉ० निशंक का एक साहित्यकार एवं राजनेता दोनों ही रूपों में सभी को सहयोग मिलता है, हमें डॉ० निशंक को यह सम्मान देने में हमें गर्व हो रहा है। ज्ञात हो कि डॉ. निशंक की प्रेरणा से देहरादून में शिवालिक पहाड़ियों के आँचल में ‘लेखक गांव’ की स्थापना की गई है। जिसका उद्घाटन 25 अक्टूबर 2024 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उत्तराखंड के राज्यपाल ले.ज. गुरुमीत सिंह (से.नि.), उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं प्रसिद्ध गीतकार एवं फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा किया गया। सम्मान मिलने पर डॉ० निशंक ने आभार प्रकट करते हुये कहा कि साहित्य सृजन समाज के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाता है. भाषा-संस्कृति, आध्यात्म एवं आस्था का समावेश मानव के विकास में आवश्यक है, और पुस्तकें इसका सरल माध्यम है। डॉ० निशंक ने कहा कि “लेखक गांव” रचनाधर्मिता का एक वैश्विक केन्द्र बनने की कल्पना के साथ स्थापित हुआ है, निकट भविष्य में लेखक गांव अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लेखकों, नवोदित साहित्यकारों, कवियों, शोधार्थियों एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों का अध्ययन केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि लेखक गांव में प्रथम चरण चालीस हजार पुस्तकों के साथ स्थापित ‘नालंदा पुस्तकालय’ में में 10 लाख पुस्तकें संकलन करने का लक्ष्य है। संस्था के सचिव क्रिस्टीन म्यूलर ने कहा कि डॉ० निशंक की 110 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन एक बड़ी उपलब्धि है, डॉ० निशंक के साहित्य पर लगभग 25 शोध हो चुके है और भारत सहित विश्व के अनेक देशों में उनकी पुस्तकें पढ़ाई जा रही है। भारत ही नहीं अपितु विश्व की अनेक भाषाओं में आपकी पुस्तकों का अनुवाद हुआ है। इस अवसर पर डॉ. शिप्रा शिल्पी, अध्यक्ष अन्तरराष्ट्रीय सृजनी द ग्लोबल, अनिल जोशी, अध्यक्ष वैश्विक हिन्दी परिवार, कपिल त्रिपाठी, वैज्ञानिक, साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, साहित्यकार मधु मिश्रा, डॉ. वेदप्रकाश, डॉ. कविता सिंह प्रभा तथा ऋषि सक्सेना सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में जायजा लिया। उन्होंने सम्बन्धित जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा को अपनी शीर्ष प्राथमिकता पर रखा जाए। मुख्य सचिव ने बुधवार से शुरू हो रही गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए जिलाधिकारी उत्तरकाशी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित, सुखद यात्रा और सकुशल वापसी हमारी जिम्मेदारी है। मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा मार्गों में आवश्यक सेवाओं जैसे सब्जी, राशनऔर गैस आदि की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या के लिए कमिश्नर और आईजी सिंगल कॉन्टैक्ट पॉइन्ट होंगे। उन्होंने चारधाम एवं यात्रा मार्गों पर ओवर रेटिंग पर भी निगरानी रखे जाने के निर्देश दिए। इसके लिए निगरानी तंत्र को बढ़ाया जाए। मुख्य सचिव ने चारों धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी के लिए सचिव स्वास्थ्य से अद्यतन जानकारी लेते हुए केदारनाथ में नवनिर्मित अस्पताल को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से अधिक से अधिक यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां पर श्रद्धालु वाहनों से उतरते हैं, वहां पर स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने के लिए रिकॉर्डेड जागरूकता संदेश लगातार चलाया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। ऐसे स्थलों में होमगार्ड एवं पीआरडी जवानों की संख्या भी अधिक रखी जाए। मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़कों की स्थिति की भी जानकारी ली। जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते यात्रा मार्ग पर शौचालय, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है। चारधाम यात्रा 2025 के सुगम, सुरक्षित और सफलतापूर्वक संचालन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी की गई है। यात्रियों की बढ़ती संख्या और वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रमुख मार्गों को सुगम और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया गया है। जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग डॉ. सौरभ गहरवार एवं जिलाधिकारी चमोली डॉ. संदीप तिवारी ने भी चारधाम यात्रा की तैयारियों की जानकारी दी। इस अवसर पर एडीजी डॉ. वी. मुरूगेशन, सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव श्रीमती रीना जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।