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क्या चार्जशीट के बाद होगी बृजभूषण की गिरफ्तारी ? POCSO एक्ट क्या है ?

नई दिल्ली | बीजेपी सांसद बृजभूषण के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के दो मामलों में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को चार्जशीट दाखिल की। नाबालिग द्वारा दर्ज केस में बृजभूषण को राहत देते हुए दिल्ली पुलिस ने POCSO का मामला रद्द करने की सिफारिश की है। जबकि 6 महिला पहलवानों द्वारा की गई शिकायत के मामले में दर्ज केस में पुलिस ने रॉउज एवन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A एवं D के तहत चार्जशीट दाखिल की है। अब इस केस में आगे क्या होगा? आइए जानते है कि 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर चार्जशीट में जिन धाराओं का जिक्र हैं, वे क्या हैं और किन मामलों में लगाई जाती हैं तथा उनमें कितनी सजा का प्रावधान है। IPC की धारा 354 : अगर किसी महिला की मर्यादा और सम्मान को नुकसान पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई हो. सजा : इस धारा के तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर उसे कम से कम एक साल की सजा और अधिकतम 5 साल की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है. गैर जमानती धारा : इसके तहत किया गया अपराध एक संज्ञेय और गैर-जमानती होता है यानी मजिस्ट्रेट कोर्ट ही मामले पर विचार करने और अभियोजन पक्ष और शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद जमानत दे सकता है. IPC की धारा-354 ए : अगर कोई व्यक्ति शारीरिक संपर्क या अवांछित और स्पष्ट यौन संबंध का प्रस्ताव देता है या यौन अनुग्रह की मांग या अनुरोध करता है, महिला की इच्छा के बिना उसे अश्लील कंटेंट दिखाता या यौन संबंधी टिप्पणियां करता है, तो वह यौन उत्पीड़न के अपराध का दोषी होगा. सजा : अगर कोई उप-धारा (1) के खंड (i) या खंड (ii) या खंड (iii) के तहत दोषी पाया जाता है तो, उसे कठोर कारावास की सजा सुनाई जा सकती है. इस सजा को तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों ही सजा सुनाई जा सकती है. अगर कोई उप-धारा (1) के खंड (iv) में दोषी पाया जाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है, जिसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है. जमानती अपराध : यह मामला संज्ञेय है लेकिन जमानती अपराध है, जिसका अर्थ है कि शिकायत मिलने पर पुलिस को शिकायत दर्ज करनी होगी, लेकिन आरोपी को पुलिस स्टेशन से ही जमानत मिल सकती है. आईपीसी की धारा 354 डी : अगर कोई पुरुष किसी महिला का पीछा करता है और संपर्क करता है, या महिला की इच्छा के विरुद्ध या साफ मना करने के संकेत के बावजूद बार-बार व्यक्तिगत बातचीत को बढ़ाने के लिए संपर्क करने का प्रयास करता है; या इंटरनेट, ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक संचार के किसी अन्य माध्यम का इस्तेमाल कर महिला की निगरानी करता है, वह स्टॉकिंग के तहत दोषी माना जाएगा. सजा : अगर आरोपी पहली बार दोषी पाया जाता है तो उसे तय कारावास की सजा हो सकती है, जिसके तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, या उस पर जुर्माने ठोका जा सकता है. वहीं दूसरी या उससे ज्यादा बार दोषी पाए जाने पर तय कारावास की सजा हो सकती है, जिसे पांच साल तक बढ़ सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है. जमानती-गैरजमानती : अगर कोई इस धारा के तहत पहली बार दोषी पाया जाता है तो उसे जमानत मिल सकती है, लेकिन अगर कोई एक से ज्यादा बार यह हरकत करता है तो यह अपराध गैर जमानती हो जाता है. 7 साल से कम सजा में तुरंत गिरफ्तारी जरूरी नहीं। यानी बृजभूषण सिंह पर जो धाराएं लगी हैं, उनमें अगर उन्हें अधिकतम सजा भी होती है, तो वह 5 साल तक की ही होगी. सुप्रीम कोर्ट के 2 जुलाई 2014 को अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार के मामले में दिए गए फैसले के मुताबिक, जिन अपराधों में सात साल से कम की सजा है, उनमें पुलिस तत्काल गिरफ्तारी नहीं करेगी. पुलिस शिकायत के बाद आरोपी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है. आरोपी जांच में सहयोग करता है तो गिरफ्तारी जरूरी नहीं है. अगर लगता है कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे या देश से भाग सकते हैं, तभी गिरफ्तार करेगी. पुलिस के मुताबिक, बृज भूषण को जब भी जांच संबंधी संपर्क किया गया, उन्होंने पूरा सहयोग किया, इसलिए उनकी गिरफ्तारी की कोई खास वजह नहीं थी। POCSO एक्ट में मिली राहत दिल्ली पुलिस की ओर से बृजभूषण को POCSO एक्ट में दर्ज केस के मामले में बड़ी राहत मिली है। दरअसल, अपने बयान में पहले जहां नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। हालांकि, बाद में उसने बयान में बदलाव करते हुए कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाया थे। दूसरे बयान में नाबालिग ने यौन शौषण का आरोप वापस लेते हुए कहा कि मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था, मैंने बहुत मेहनत की थी, मैं डिप्रेशन में थी। इसलिए गुस्से में यौन शौषण का मामला दर्ज करवाया था। ऐसे में पुलिस ने POCSO को वापस लेने की सिफारिश की थी। क्या है POCSO एक्ट ? POCSO यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट। इस कानून को 2012 में लाया गया था। ये बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन शोषण को अपराध बनाता है। ये कानून 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियों, दोनों पर लागू होता है। इसका मकसद बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता से जुड़े अपराधों से बचाना है। पॉक्सो एक गैर-जमानती अपराध है। इसमें दोषी पाए जाने पर कम से कम 7 साल की जेल और अधिकतम उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। अगर बृजभूषण के खिलाफ POCSO के तहत चार्जशीट दाखिल होती तो उनकी मुसीबतें बढ़ सकती थी। क्या चार्जशीट के बाद पहलवानों का आंदोलन होगा खत्म? 7 जून को पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बुलावे पर उनके घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। 6 घंटे तक चली इस बैठक में अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि इस मामले में 15

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‘लड़ाई से पीछे नहीं हटी मैं, सारी खबरें गलत’ – साक्षी मलिक

नई दिल्ली | ओलंपिक मेडल विनर साक्षी मलिक ने सोमवार, 5 जून को उन मीडिया रिपोर्टों को पूरी तरह गलत करार दिया, जिसमें दावा किया गया था कि वो पहलवानों के धरने से पीछे हट गईं हैं। साक्षी मालिक ने साफ किया है कि वो विरोध-प्रदर्शन के साथ साथ रेलवे में मिली अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा – “ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।” पहलवान पहुंचे अमित शाह से मिलने बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शनिवार, 3 जून की देर रात उनके आवास पर मुलाकात की थी और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष के खिलाफ मामले पर चर्चा की। पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया – “उन्होंने गृहमंत्री के साथ अपनी चिंता साझा की. बैठक लंबी चली और उन्होंने सब कुछ सुना. लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.” द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बैठक के दौरान, बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच की स्थिति मुख्य मुद्दे पर चर्चा की गई. पहलवानों ने जल्द से जल्द एक मजबूत चार्जशीट दायर करने का भी दबाव बनाया। बजरंग, साक्षी और विनेश 23 अप्रैल से पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग सहित कई पहलवानों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं।  

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खाप पंचायत प्रतिनिधि व किसान संगठन पहलवानों के समर्थन में उतरे सड़क पर

रोहतक | सांसद बृजभूषण शरण के खिलाफ पहलवानों का जंतर मंतर पर चल रहा धरना भले ही खत्म हो गया हो। लेकिन अब उनकी आवाज हर जगह उठ रही है। आज पूरे प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा और खापों के आह्वान पर हर जिले में बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। रोहतक में भी विभिन्न खापों के प्रतिनिधि किसान संगठन व महिला संगठन बृजभूषण शरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शहर की सड़क पर निकल आए और जिला उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। 84 खाप के प्रधान हरदीप अहलावत ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार लोगों को आपस में लड़ा कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। इसीलिए पहलवानों को न्याय नहीं मिल पा रहा और सरकार सांसद बृजभूषण शरण को बचा रही है। लेकिन खाप पंचायतें किसी कीमत पर पीछे कदम नहीं हटाएंगे और पहलवानों के साथ खड़ी है। इसको लेकर के उत्तर प्रदेश और हरियाणा में खापों की पंचायतें हो रही हैं और उनमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है और जो भी फैसला इन पंचायतों में लिया जाएगा वह उसके साथ खड़े हैं। वही जनवादी महिला समिति की नेता जगमति सांगवान ने कहा कि बृजभूषण शरण को लेकर जिस तरह से सरकार का रवैया है वह कहीं ना कहीं महिलाओं का अपमान है और जिस तरह से जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के साथ पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया, वह सरासर गलत था। वे तो अपने न्याय के लिए लड़ाई लड़ रही थी। इसलिए वे मांग करते हैं कि बृजभूषण शरण को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, ताकि पहलवानों को न्याय मिल सके। अब तो यह प्रदर्शन जिला स्तर पर हुए हैं अगर सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो गांव गांव में भी इस तरह के प्रदर्शन होंगे।

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Wrestler’s Protest : देश का नाम रोशन करने वाले पहलवान BJP की ज़्यादतियों का शिकार

फतेहाबाद | अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली एक नाबालिग सहित पहलवान बेटियां न्याय की मांग को लेकर भाजपा सरकार की ज्यादतियों का शिकार हो रही है जबकि महिला पहलवानों का यौन शोषण करने वाला भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह खुला घूम रहा है। महिला पहलवानों के समर्थन में और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त फतेहाबाद को मांग पत्र सौंप कर पहलवानों को इंसाफ दिलवाने और बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की गई। इसके बाद जिला मुख्यालय के मुख्य गेट पर संयुक्त किसान मोर्चा ने द्वारा बृजभूषण शरण का पुतला दहन किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि ये महिला पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रही हैं। केंद्र सरकार जनवरी में आरोपी सांसद के खिलाफ जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए खिलाडिय़ों से किए अपने वायदे को पूरा करने में विफल रही। ऐसे में खिलाडिय़ों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। केस दर्ज करने के बाद से दिल्ली पुलिस अब अपने पांव खींच रही है और जांच और अभियोजन को आगे नहीं बढ़ाया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि जिन किसानों की बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत की है और देश को गौरव दिलाया है, राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि केंद्र सरकार महिला पहलवानों को दिल्ली के जंतर.मंतर पर अपने धरना जारी रखने की अनुमति दे, महिला पहलवानों के साथ क्रूरता के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कर, तेजी से चार्जशीट दाखिल करने और अभियोजन के लिए उनकी हिरासत में पूछताछ की जाए। भारत की बेटियों की सम्मान की रक्षा के लिए शीघ्रता से कार्य करने और देश को शर्मसार करने वाली इस घिनौनी गाथा को समाप्त करने के लिए बृजभूषण शरण समेत सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले व पहलवान बेटियों को न्याय मिले।

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पहलवानों के समर्थन में उतरा संयुक्त किसान मोर्चा, 1 और 5 जून को देशव्यापी आंदोलन का ऐलान

नई दिल्ली | मोदी सरकार की भारतीय महिला पहलवानों के प्रति क्रूरता के प्रकाश में, जिसने उन्हें गंगा नदी में अपने पदक विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाने (और आग्रह करने के बाद कार्रवाई के लिए सरकार को पांच दिन देने) को मजबूर किया, एसकेएम ने आज सुबह अपनी विस्तारित समन्वय समिति की तत्काल बैठक की। मोर्चा ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शनरत पहलवानों के प्रति सरकार की उदासीनता, और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह को बचाने की कोशिश को संज्ञान में लिया। मोर्चा ने प्रदर्शनरत पहलवानों के समर्थन में, 1 जून और 5 जून को देशव्यापी आंदोलन के लिए आह्वान के बाद आगे की कार्रवाई पर चर्चा की। मोर्चा ने 1 जून और 5 जून के विरोध कार्यक्रम को योजनानुसार जारी रखने का घोषणा किया, और अपने सभी घटक संगठनों को इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किया। पहलवानों को जंतर-मंतर पर अपना विरोध जारी रखने और सांसद बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध करते हुए, कल डीएम/एसडीएम द्वारा राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। एसकेएम का एक प्रतिनिधिमंडल पहलवानों से मिलने जाएगा और पारस्परिक रूप से समन्वित कार्ययोजना बनाने के बारे में चर्चा करेगा। नई दिल्ली में पहलवानों के विरोध को फिर से शुरू करने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत भी किया जाएगा। एसकेएम प्रतिनिधि 8 जून 2023 को नई दिल्ली में श्रमिकों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों और समाज के अन्य वर्गों के साथ एक बैठक आयोजित करने के बारे में पहलवानों के साथ चर्चा करेंगे। एसकेएम की आम सभा की बैठक 7 जून 2023 को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। एसकेएम अन्य प्लेटफार्मों के साथ पहलवानों को सक्रिय समर्थन देना जारी रखेगा।

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Wrestler Protest:सांसद बृजभूषण का पहलवानों पर पलटवार, कहा- गंगा में मेडल बहाने से मुझे फांसी नहीं लगेगी

बाराबंकी | भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों के द्वारा मेडल गंगा में बहा देने की चेतावनी पर पलटवार किया है। भाजपा सांसद ने बाराबंकी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा। आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं। https://twitter.com/AHindinews/status/1663826672712577024?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1663826672712577024%7Ctwgr%5Eec5145cb655ae720d26cc20121bd55b71b7d67f3%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.amarujala.com%2Flucknow%2Fbjp-mp-brij-bhushan-sharan-singh-speaks-on-warning-of-wrestlers-throwing-their-medals-in-river-ganga-2023-05-31 भाजपा सांसद ने कहा कि चार महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वो (पहलवान) अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं। मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृज भूषण को फांसी नहीं मिलेगी। अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायलय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है। पहलवानों ने सरकार को पांच दिन की मोहलत दी है। इसके बाद वह गंगा में मेडल विसर्जित कर सकते हैं। मेडल विसर्जित करने जा रहे पहलवानों को किसान नेता नरेश टिकैत ने मनाया था।

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Wrestlers Protest : सड़क पर पीटते रहे हम, PM फोटो खिंचवाने में मस्त – साक्षी मलिक

नई दिल्ली | ओलंपियन पहलवानों बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दिल्ली पुलिस ने रविवार, 28 मई की सुबह हिरासत में लिया। इसके बाद पुलिस उन्हें शहर के तीन अलग-अलग स्थानों पर ले गई। दिल्ली पुलिस ने इन प्रदर्शनकारी पहलवालों को उस समय हिरासत में लिया, जब वे जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे थे। साक्षी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि उन्हें उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में ले जाया गया और उनकी मेडिकल जांच की जा रही है। साक्षी ने कहा, मुझे बुराड़ी ले जाया गया, मेरा अन्य पहलवानों से संपर्क करना मुश्किल था। उम्मीद है कि सभी ठीक होंगे। हम यहां से जंतर-मंतर जाएंगे और न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखेंगे। इस बीच, पुलिस ने जंतर-मंतर पर लगे टेंट को उखाड़ फेंका, ताकि पहलवान यहां फिर से धरना पर न बैठ पाएं। साक्षी ने कहा – “आज हमारे साथ जो हुआ है, वह सभी ने देखा. कोई भी इसे कभी नहीं भूलेगा. जब हम लड़कियों को दिल्ली में सड़क पर पीटा और घसीटा जा रहा था, तब हमारे प्रधानमंत्री फोटो खिंचवाने में व्यस्त थे.” घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि बजरंग पुनिया को मयूर विहार पुलिस स्टेशन ले जाया गया और विनेश फोगाट को उनकी बहन संगीता फोगाट के साथ कालकाजी थाने ले जाया गया। आईएएनएस ने इन पहलवानों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका। दिल्ली पुलिस ने अभी तक विरोध करने वाले पहलवानों के मौजूदा ठिकाने को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले, पहलवान विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर कहा कि कई समर्थकों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और महिला सम्मान महापंचायत के सदस्यों को दिल्ली पुलिस ने नए संसद भवन के बाहर उनके नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले हिरासत में लिया था। जंतर-मंतर पर शूट किए गए वीडियो में पहलवानों और उनके समर्थकों को एक-दूसरे की रक्षा करने की कोशिश करते हुए दिखाया गया है, जबकि पुलिस उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने कथित तौर पर जंतर-मंतर पर उनके मैट, टेंट और कूलर हटा दिए हैं। उनके सभी सामान को नष्ट कर दिया गया है।    

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