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August 2022

जून 2023 तक अयोध्या नगर को बिजली के तारों के मकड़जाल से मिल जाएगा निजात

अयोध्या । भगवान श्रीराम की नगरी के प्राचीन वैभव को दोबारा वापस लाने के लिये योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। जहां एक ओर भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ नगर को संवारने का काम भी पूरी रफ्तार से जारी है। इसी क्रम में अयोध्या नगर में बेतरतीब ढंग से फैले बिजली के तारों को भूमिगत करने का काम जोर शोर से चल रहा है। अधिकारियों की मानें तो जून 2023 तक अयोध्या नगर को तारों के मकडजाल से निजात मिल जाएगी। 179.60 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा अंडरग्राउंड करने का काम ऊर्जा मंत्रालय, एनटीपीसी टांडा और अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा ‘उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य पावर 2047’ कार्यक्रम के अंतर्गत बिजली के तारों को भूमिगत किया जा रहा है। 179.60 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे इस काम में एरियल बंडल केबल (एबीसी) डालने का काम तो अक्टूबर तक ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या में उजाला योजना के अंतर्गत अबतक 3,81,536 एलईडी लाइट का वितरण किया गया है। इससे विद्युत मांग में 20.22 मेगावाट की कमी आयी है। साथ ही विभाग को 19 लाख रुपये की बचत भी हुई है। भूमिगत केबल का काम 50 फीसदी पूरा अधिशाषी अभियन्ता प्रदीप कुमार वर्मा के अनुसार भूमिगत केबल बिछाने की कुल लागत लगभग 180 करोड़ है। अबतक हमने तकरीबन 50 फीसदी काम पूरा कर लिया है। इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (IPDS) योजना का काम हमने जून 2021 में शुरू किया था, जिसे पूरा करने का लक्ष्य जून 2023 तक है। कार्य की प्रगति को लेकर हम हर हफ्ते बुधवार को रिव्यू मीटिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि आगे के काम में रामपथ धाम के चौड़ीकरण के साथ-साथ अंडरग्राउंड केबल डालने का होगा। इसे जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य है। 72 करोड़ से 2700 मजरों का विद्युतीकरण अधिकारी के अनुसार अंडरग्राउंड केबलिंग के अलावा सौभाग्य योजना फेज-1 के तहत 61.80 करोड़ रुपये की लागत से 2,556 मजरों का विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। इसमें 1,02,487 घरों का संयोजन कर उन्हें रोशन किया गया है। इसमें से 37,239 बीपीएल परिवारों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सौभाग्य योजना फेस-2 के अंतर्गत 10.27 करोड़ रुपये की लागत से 147 मजरों का विद्युतीकरण कर 13,260 घरों को रोशन किया गया है। इसमें 807 बीपीएल परिवारों को शामिल किया गया है।   470 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन किया गया उन्होंने बताया कि जिन घरों के लिये विद्युत लाइन निर्माण तथा संयोजन निर्गत किया जाना संभव नहीं था, उन घरों को रोशन करने के लिए सौभाग्य योजना के अंतर्गत ही सोलर पावर पैक (सौर ऊर्जा) से रोशन किया गया है। जनपद में ऐसे 470 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन करने का कार्य पूरा कर लिया गया है। 20.15 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण उन्होंने बताया कि आईपीडीएस योजना के अंतर्गत जनपद में 32.55 करोड़ की लागत से 7 आईपीडीएस टाउन प्रणाली में सुधार का कार्य किया गया है। इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 20.15 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण एवं निःशुल्क संयोजन निर्गत किये गये हैं। बॉक्स सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप भगवान राम की नगरी में विकास कार्य गतिमान हैं। इसी कडी में अयोध्या नगर में भूमिगत केबिल डालने का कार्य जून 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा, इससे नगर की खूबसूरती और बढ़ जाएगी। हमारी सरकार अयोध्या के पुराने वैभव को वापस लाने के लिये कटिबद्ध है।

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मुख्यमंत्री योगी ने नशे के सौदागरों को घोषित किया राष्ट्रिय अपराधी

26 अगस्त । नशे के सौदागरों के खिलाफ जो अभियान चल रहा है उसमें समाज के हर तबके को अपनी भागीदारी दिखानी होगी, क्योंकि ये युवाओं के साथ साथ देश को बचाने का अभियान है। जहरीली शराब हो या फिर किसी भी प्रकार के ड्रग्स के जरिए युवा पीढ़ी को बर्बाद करने की साज़िश, अभियान के साथ इसे समाप्त करना होगा। ये बातें शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीसीएस यूनिवर्सिटी के प्रेक्षागृह में आयोजित टैबलेट और घरौनी वितरण कार्यक्रम में कही। इससे पहले उन्होंने मां सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। अगर युवा पीढ़ी के साथ किया खिलवाड़ तो बख्शा नहीं जाएगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरा तो यही मानना है कि हमारा युवा इस अभियान का हिस्सा बने। प्रशासन अपना काम करेगा फिर भी किसी भी नशे के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि नशे के अवैध कारोबार में जो भी लोग संलिप्त हैं, हम उन्हें चिह्नित कर रहे हैं, इसके बाद उनकी सारी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। नशे के कारोबार को राष्ट्रीय अपराध के आधार पर अपराधी घोषित करते हुए सज़ा दिलाने का कार्य सरकार करेगी। अगर कोई युवा पीढ़ी के जीवन के साथ खिलवाड़ करेगा तो उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास की आधार भूमि मेरठ में आप सभी लोगों के साथ संवाद बनाने का अवसर मिला है। मेरठ की अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक पहचान है। यहां औघड़नाथ मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं बल्कि भारत की स्वाधीनता की लौ को जलाने वाला केंद्र था। डिजिटल क्रांति का लाभ आम जनमानस को मिल रहा मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में हमारा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के रूप में बदलने को अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने योजनाओं का एक केंद्र बिन्दु बना दिया है। देश के गांव, गरीब, युवाओं, महिलाओं समेत समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों को बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्टार्प अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेकिंग इंडिया, युवा स्वराज, किसान सम्मान निधि योजना का जिक्र करते हुए कहा कि आज इन योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है। यह बदलाव डिजिटिल इंडिया के माध्यम से हुआ है। अब डिजिटल क्रांति का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। हमारा सौभाग्य है कि ये वर्ष आज़ादी का अमृत वर्ष है, हम सबने अपनी आजादी के महोत्सव को अपनी आंखों से देखा है जब ये देश आज़ादी का शताब्दी वर्ष को मना रहा होगा तो उस समय आज का युवा समाज के किसी न किसी हिस्से में कोई समाज के हित के कार्य में लगा होगा। डब्ल्यूएचओ ही नहीं दुनिया के कई देश पीएम के कोविड प्रबंधन क्षमता के हुए कायल कोरोना इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है। कोरोना काल में देश ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक विश्वस्तरीय मॉडल प्रस्तुत किया है और दुनिया के सामने अपनी प्रबंधन क्षमता का लोहा मनवाया है। आज डब्ल्यूएचओ के साथ विश्व के विभिन्न देश प्रधानमंत्री मोदी के कोविड प्रबंधन क्षमता की सराहना कर रहे हैं। आज देश की आबादी 135 करोड़ है, यहां सभी को मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता है। सभी अपने मौलिक अधिकारों के साथ जी रहे हैं, सबको यहां बोलने और जीने की आज़ादी है। यही वजह है कि कोविड काल में भारत ने अपने व्यवहार से कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़कर उसके खिलाफ जीत हासिल की। देश की एकता की बात जब आती है तो प्रधानमंत्री के एक आह्वान पर उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू को सभी अपनाया और दुनिया को सुशासन का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान देश में जीवन और आजीविका को बचाने के लिए 80 करोड़ से अधिक लोगों को फ्री में राशन वितरित किया गया, कोविड के फ्री टेस्ट, फ्री इलाज की सुविधा दी गई। हम कोविड के खिलाफ लड़ाई में सफल इसलिए हुए क्योंकि हमारे पास अनुशासन था। कोरोना काल में वापस आये श्रमिकों को स्किल्ड किया गया, उन्हें रोजगार से जोड़ा गया। हमारा प्रदेश है सबसे युवा प्रदेश में नई तकनीकी का इस्तेमाल कर डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी तक योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है। भारत ग्रामीण परिवेश का देश है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत आज ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को उनके घरों की घरौनी सौंपी जाएगी। आज उनका कागजों पर भी मालिकाना हक दिया जाएगा। इससे वह बैंक से लोन लेकर अपना रोजगार स्थापित कर सकेंगे। पहले गरीब के घर पर दबंग कब्जा कर लेते थे। इसको लेकर पूर्ववर्ती सरकारें उदासीन थी। पहली बार ड्रोन की तकनीकी का इस्तेमाल कर लोगों को उनका मालिकाना अधिकार दिया जा रहा है। अब तक 34 लाख परिवारों को ये हक दिया जा चुका है। प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी हमारे लिए उपलब्धि है। हमारा युवा भी स्मार्ट हो रहा है, हमारे युवा में असीम संभावनाएं हैं क्योंकि हम कहीं जाते हैं तो कहते हैं कि हमारे पास सबसे उत्कृष्ट, सबसे प्रतिभावान युवा है, हमारा प्रदेश सबसे युवा है। कोरोना काल में राजस्थान सरकार ने वहां रह कर कोचिंग कर रहे प्रदेश के युवाओं का कोई साथ नहीं दिया, हमने उन्हें बसें भेजकर सुरक्षित घर पहुंचाया। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता आज उत्तर प्रदेश में अभ्युदय कोचिंग के जरिए अभ्यर्थियों को कोचिंग दी जा रही है। इन कोचिंग में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें पढ़ाया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में अभ्युदय कोचिंग जल्द शुरू होने वाली है। वहीं हमने इंफोसिस जैसी संस्थाओं के साथ एमओयू साइन किया है, जिनके प्रोग्राम आधारित पाठ्यक्रमों से युवा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। युवाओं को आज स्मार्टफोन, टैबलेट दिए जा रहे हैं। हमे अगर देश को समृद्ध बनाना है तो हमे अपने अपने क्षेत्र में पूरी निष्ठा के साथ कार्य करना होगा। हम अक्सर दूसरों की कार्यपद्धति पर सवाल उठाते हैं तो यही नकारात्मकता बनती है, हमारी मनीषा में कहा गया कि कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता, उसे योग्य योजक की आवश्यकता होती है। प्रदेश को नंबर

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CM Yogi Adityanath launches 274 development projects worth Rs 810 crore in Hapur

Lucknow | Firing yet another salvo at the previous governments for neglecting Hapur’s development, Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath, on Friday, said that despite being in existence for years, Hapur longed for its own proper hospital and other basic facilities. “We rid the region of lawlessness, anarchy, hooliganism and paved the way for development,” he said. Dedicating as many as 274 developmental projects worth Rs 810 crores in Hapur, the CM said, “Hapur showed its faith in the BJP in the assembly elections which testifies the development-oriented thinking of the government. Despite being in existence for 11 long years, Hapur was deprived of its own proper hospital. Our government will give pace to the development of the region and the launch of various projects today marks the beginning of Hapur’s development journey.” Hapur deprived of development, proper medical facilities under previous govts’ : CM Speaking on the occasion, Yogi Adityanath said, “all the public representatives of Hapur have been assured of no dearth of funds to ensure that development projects are completed on time to benefit the people. An Integrated ‘Kachhari’ is underway which will serve as one platform for all district-level offices for the convenience of the people. This will give a new dimension to the process of development.” Comparing the law and order situation in the state with the previous governments, the CM said that today, Kanwar Yatras are being taken out successfully and peacefully, there are no more riots and no place for hooliganism. Daughters can now go to school and women can go to market safely. Playing with future of Youth is a ‘National Crime’: Yogi attacks drug smugglers “Our government has a policy of zero tolerance in crimes against women and if any person dares compromising it, he will be made to pay in the same manner,” warned Yogi. The CM went on to say that due to the development-oriented approach of the BJP government, the distance from Delhi to Hapur and Meerut has now reduced. Ganga Expressway will also run between Hapur and Meerut, which will cover the distance of Prayagraj in 6 hours. Our Govt established rule of law, ensured safety of women & daughters, says CM “Projects like Film City, Medical Device Park in nearby regions and upcoming Sports University in Meerut will generate numerous employment opportunities for the youth,” said Yogi. Declaring that Uttar Pradesh’s Covid-19 management fared well in comparison to many other states and countries, the CM said, “Under PM Modi’s leadership the most populous state contained the pandemic efficiently. People are being provided free vaccines, free testing facilities and free treatment along with free double-dose of foodgrains.” Highlighting his government’s achievements, the Chief Minister said that in the last five years despite the Covid-19 pandemic, 5 lakh youth has been given government jobs in the state, while about 1.61 crore youths were given job opportunities through various MSME units, industrial sectors, among others. Similarly, about 60 lakh craftsmen, and artisans were also connected with banks in a way to ensure their self-employment. Govt determined to ensure bright future of youth, promoting sports culture & education: Yogi Affirming his government’s commitment to ensuring a bright future for the youth, the CM said that his government is promoting sports, making playgrounds in every village, building world-class educational institutions, and efforts are being made towards technological up-gradation of youth by distributing 2 crore tablets and smartphones. “We have to collectively fight against illicit liquor and drugs trade and treat the illicit liquor and drug smugglers as ones committing national crime as playing with the future of youth is equivalent to committing a national crime,” asserted Yogi. Furthermore, Yogi added that the government is taking forward the programme of skill mapping of every household to provide employment to at least one youth of every family in the state. “Before five years, the government discriminated in giving benefits, there was no electricity, no safety, there was chaos, and hooliganism was at its peak. Development works were stalled, however, today, festivals are being conducted peacefully and development is at its peak,” concluded Yogi.

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MP : अपने प्यार को अमर रखने के प्रयास में, पति ने घर के आंगन में दफनाया पत्नी का शव

मध्य प्रदेश | बीमार पत्नी की मौत के बाद मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में पति ने शव को घर के अंदर ही दफना दिया। खबर फैलते ही मोहल्ले में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने मौके पर पहुँच कर शव को निकलवाया और विधि विधान से शमशान घात में दफ़न करवाया। लंबे समय से बीमार चल रहीं वार्ड नं 14 निवासी शिक्षक ओंकार दास मोंगरे की पत्नी रुक्मणि की मौत 23 अगस्त की सुबह अस्पताल में हुई। अंतिम संस्कार किम तैयारियां शुरू कर चुके परिजनों के सामने पति ओंकार दास ने घर के अंदर ही शव दफनाने की जिद पकड़ ली और घर के सामने स्थित कमरे में गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया। इस बात की जानकारी जैसे ही आसपास के लोगों को लगी वे आक्रोशित हो गए। स्थानीय लोगों का कहना था कि मोहल्ले की महिलाएं व बच्चे इस घटना से काफी डरे सहमे हुए हैं, लिहाजा शव को श्मशान घाट में दफनाया जाए। मोहल्ले के लोग रात में ही कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए और प्रशासन से इस मामले में दखल देने की मांग करने लगे। पुलिस प्रशासन ने घर के अंदर से निकलवाया शव गौरतलब यह है कि मृतका पनिका समाज से है और पनिका समाज में शव को घर के अंदर दफनाने की परंपरा है।  मृतका का पति भी प्रशासन को परंपरा का हवाला दे रहा था लेकिन लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने शव को घर के अंदर से निकलवा कर श्मशान में दफ़न करवाया। डिंडोरी कोतवाली टीआई सीके सिरामे ने बताया कि वार्ड क्रमांक 14 से 23 अगस्त की सुबह एक महिला के शव को घर में ही दफनाए जाने की जानकारी मिली थी। आसपास के लोगों को ऐतराज था और उन्होंने थाने में आकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग के अधिकारियों और नगर पंचायत के अधिकारियों को भी इस मामले से अवगत कराया गया। 24 अगस्त को शिक्षक के घर पहुंचे. परिजनों को समझाकर शव को पहले घर से निकलवाकर श्मशान घाट में दफनाया गया है। लंबे समय से बीमार चल रही थी महिला टीचर के भांजे जगपाल ने बताया कि मामी लंबे समय से बीमार थीं। 23 अगस्त की सुबह उनका निधन हुआ जिसके बाद मामा ओंकार दास मोंगरे ने जाति-समाज की परंपरा के अनुसार घर के आंगन में ही उनका विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार करवाया. दोनों के कोई बच्चा नहीं था। वो चाहते थे कि उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार घर में ही हो। वह हमेशा के लिए अपनी पत्नी के साथ रहना चाहते थे।    

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तीन मामलों में ज़मानत मिलने के बाद भी फिलहाल जेल में ही रहेगा श्रीकांत त्यागी

नई दिल्ली | महिला के साथ छेड़छाड़ का केस मिलकर श्रीकांत त्यागी को कुल तीन मामलों में ज़मानत मिल गयी है। इसके बावजूद वो अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि पुलिस ने उस पर गैंगस्टर एक्ट लगा रखा है। कैमरे में महिला को गाली देते नजर आए नोएडा के नेता श्रीकांत त्यागी को 9 अगस्त को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था। महिला के साथ बदसलूकी करने वाले श्रीकांत त्यागी को पुलिस ने मेरठ में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मेरठ में श्रीकांत त्यागी समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले श्रीकांत त्यागी फरार था। यूपी पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद उसे गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम भी रखा था। गौतमबुद्धनगर पुलिस के मुताबिक उसकी सोशल मीडिया टीम की तरफ से एक नोटिफिकेशन आया था, जिसमें ओमैक्स का वीडियो था। इस पर पुलिस ने संज्ञान लिया। वीडियो 5 अगस्त की घटना का था। पुलिस ने पीड़ित से संपर्क किया। फिर पीड़ित से शिकायत लेकर आरोपी की तलाश शुरू की। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 12 टीमें बनाई थीं। आरोपी यूपी से बाहर भी गया था। तलाश के लिए तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई थी। आरोपी पुलिस से बड़ी चालाकी से बचता रहा था। पुलिस के अनुसार आरोपी फ्लाइट के जरिए शुरू में लखनऊ भागना चाहता था। पहले वह दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ गया, फिर मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश गया। फिर वापस मेरठ के आसपास घूमता रहा। उसने दो बार अपने मोबाइल बदले और गाड़ियां बार-बार बदलीं। नौ अगस्त को सुबह आरोपी को मेरठ के पास से उसके सहयोगियों के साथ अरेस्ट कर लिया गया था। उसके साथ नकुल त्यागी, संजय और राहुल को भी पकड़ा गया था। आरोपी के पास 5 गाड़ियां हैं जो कि बरामद कर ली गई थीं। त्यागी ने हर गाड़ी के वीआईपी नंबर के लिए एक लाख 10 हज़ार रुपये खर्च किए थे। उसके पास जो विधायक का स्टीकर था वह उसे स्वामी प्रसाद मौर्या से मिला था। उसकी संपत्तियों की जांच जारी है। आरोपी ने कहा था कि उसने महिला के साथ जो भी किया, वह गलत किया है इस पर इसे पछतावा है। ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी की एक महिला के साथ अभद्रता करने के आरोप में त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 3 साल पहले सोसाइटी में कब्जे का विवाद शुरू हुआ था। त्यागी द्वारा सोसायटी के साझा क्षेत्र में पौधे लगाने पर पीड़ित महिला ने आपत्ति जताई थी, जिससे वो भड़क उठा और जमकर हंगामा किया। मामले से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज किया। साथ ही इसके पुलिस ने इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को सस्‍पेंड भी किया। इतना ही नहीं मामले में शिकायतकर्ता महिला को दो निजी सुरक्षा अधिकारी मुहैया कराए गए और श्रीकांत त्यागी पर गैंगस्टर एक्ट लगाया।    

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डिजिटल पेटमेंट पर चार्जेस को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कला बयान – ‘अभी सही समय नहीं…’

नई दिल्ली | शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार का ये मानना है कि फिलहाल डिजिटल पेमेंट को चार्जेबल बनाने का सही समय नहीं है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा – ” हम डिजिटल पमेंट को पब्लिक गुड के तौर पर देखते हैं। लोगों को इसे स्वतंत्र रूप से एक्सेस करने में सक्षम होना चाहिए ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण आकर्षक हो। इसके अलावा, डिजिटलीकरण के माध्यम से, हम पारदर्शिता का एक ऐसा स्तर प्राप्त करते हैं, जिसकी काफी आवश्यकता है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा – “हमें अभी भी लगता है कि इसे चार्जेबल बनाने का यह सही समय नहीं है। हम अधिक से अधिक खुले डिजिटल लेनदेन, डिजिटलीकरण और प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे हैं जो लोगों के आसानी से पेमेंट करने को सक्षम कर सकते हैं।” निर्मला सीतारमण का बयान भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा भुगतान प्रणाली में प्रस्तावित विभिन्न परिवर्तनों पर जनता से प्रतिक्रिया मांगने की पृष्ठभूमि के खिलाफ आया, जिसमें एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) के माध्यम से किए गए लेनदेन पर टियर शुल्क लगाने की संभावना शामिल है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) सेवाओं पर कोई शुल्क नहीं लगाएगी।  

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उत्तर प्रदेश-अमृत सरोवरों से मिल रहा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल, महिलाएं भी बन रहीं आत्मनिर्भर

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के गांवों में रोजगार के नये-नये अवसर पैदा कर रही है, ताकि ग्रामीण परिवेश की अर्थव्यवथा प्रदेश के विकास को रफ्तार दे सके। इसी के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रोजगार सृजन के 2600 लाख मानव दिवस को मंजूरी दी गई है, जिसके सापेक्ष मंगलवार तक 1697.77 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। इसके लिए कुल 56 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है। वहीं हर ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोवर बनाने के लक्ष्य के तहत अब तक 15,441 तालाबों का चयन किया जा चुका है, जिसमें से 8389 तालाबों का काम पूरा कर लिया गया है। – हर ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य – अब तक 15,441 तालाबों का चयन, 8389 तालाबों का काम पूरा – मनरेगा में 35,000 से अधिक महिला मेटों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित – अब तक 60.72 लाख सृजित परिसंपत्तियों की जीओ टैगिंग का कार्य पूरा 16 हजार से अधिक महिला मेटों को उपलब्ध कराया गया रोजगार महिला सशक्तिकरण एवं मनरेगा योजना के तहत महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर महिला मेटों की नियुक्ति जा रही है। आजीविका मिशन के तहत निर्मित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया है। जिसके तहत प्रदेश की 35,000 से अधिक महिला मेटों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें अब तक 16 हजार से अधिक मेटों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। 60.72 लाख सृजित परिसंपत्तियों की जीओ टैगिंग पूरी वित्तीय वर्ष 2022-23 में आजीविका में सुधार के लिए कुल 5 लाख परिवारों को व्यक्तिगत लाभार्थीपरक परिसंपत्तियों से अच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही 20 लाख परिवारों को पूर्ण 100 दिवस का रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से वित्तीय वर्ष की तिमाही में 58 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। वहीं प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए श्रमिकों की आधार सीडिंग कराई जा रही है। अब तक कुल क्रियाशील 1.71 करोड़ श्रमिकों के सापेक्ष में 1.35 करोड़ क्रियाशील श्रमिकों की आधार सीडिंग पूरी की जा चुकी है। मनरेगा के तहत सभी कार्यों की त्रिस्तरीय जीओ टैगिंग कराई जा रही है। इसमें काम से पहले, काम के बीच और खत्म होने के बाद जीओ टैगिंग कराई जा रही है। अब तक 60.72 लाख सृजित परिसंपत्तियों की जीओ टैगिंग को पूरा कर लिया गया है।

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शौर्य और पराक्रम के बिना शांति और सौहार्द संभव नहीं: मुख्यमंत्री योगी

रायबरेली, 24 अगस्त: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शांति और सौहार्द बिना शौर्य और पराक्रम संभव नहीं है। उन्होंने कहा है कि आज जबकि हमने आजादी के शताब्दी वर्ष के भारत को समृद्ध और सशक्त देश के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है तो यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह सकारात्मक सोच के साथ अपनी क्षमता और प्रतिभा का देशहित में योगदान करे। प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय जिस तरह पूरा देश एकजुट होकर सामने आया था, एक बार फिर उसी एकजुटता की जरूरत है। दुनिया का नेतृत्वकर्ता होगा शताब्दी वर्ष का भारत, हर व्यक्ति को करना होगा योगदान: सीएम योगी राना बेनीमाधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती पर सीएम योगी ने किया कृतज्ञता भाव समर्पण पूर्ण स्वाधीनता के 90 वर्ष पूर्व अवध को आजादी का अहसास कराने वाले नायक थे अवध केसरी: सीएम मुख्यमंत्री योगी, बुधवार को 1857 की लड़ाई के अमर नायक राना बेनीमाधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती पर रायबरेली में आयोजित भाव समर्पण कार्यक्रम में जनता को संबोधित कर रहे थे। ‘अवध केसरी’ के नाम से विख्यात राना बेनीमाधव बख्श सिंह की वीरता और शौर्य को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राना बेनीमाधव जी ने देश को पूर्ण आजादी मिलने से 90 वर्ष पहले ही पूरे अवध को आजादी का अहसास करा दिया था। चुनौतियों का सामना करने के लिए सामाजिक एकजुटता का महत्व बताते हुए सीएम ने कहा कि 1857 से पहले भी स्वतन्त्रता की लड़ाई चल रही थी। महाराणा प्रताप, वीर शिवानी गुरु गोबिंद सिंह जैसे महापुरुषों ने भी विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध युद्ध किया, लेकिन 1857 में यह लड़ाई संगठित होकर आगे बढ़ी। चित्तू पांडेय, मंगल पांडेय, रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे, जैसे नायकों ने अलग-अलग क्षेत्रों से एकजुट होकर स्वाधीनता आंदोलन की निर्णायक लड़ाई को शुरू किया। अवध में वीरा पासी जी और राना बेनीमाधव जी ने ब्रितानी हुकूमत के विरुद्ध स्वाधीनता की जो अलख जगाई थी, वह जनांदोलन का रूप लेते हुए आगे जाकर 1922 में चौरीचौरा आंदोलन, 1925 में काकोरी एक्शन होते हुए 1947 में स्वाधीनता के लक्ष्य को प्राप्त करती है। मुख्यमंत्री योगी ने जयंती समारोह में उपस्थित जनसमुदाय को आजादी के अमृत काल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंचप्रण’ से जुड़ने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि 2047 का भारत गरीबी, अराजकता, विषमता और अव्यवस्था से मुक्त होकर विकसित भारत के रूप में विश्व को नेतृत्व प्रदान करने वाला होगा। यह भारत मानवता को राह दिखाने वाला होगा। स्वतंत्रता समर के गुमनाम नायकों की तलाश के लिए शोध पर ध्यान दें शिक्षण संस्थान: सीएम आजादी के गुमनाम नायकों को सम्मान दिलाने की अपनी मुहिम से आमजन को जोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों को इस विषय पर व्यापक शोध-अध्ययन करने की जरूरत बताई। रायबरेली के फिरोज गांधी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमें अपनी लोककथाओं, लोकगीतों की ओर लौटना होगा, हमारे नायकों की स्मृतियां अब भी उनमें जीवित हैं। कुछ दिनों पूर्व महाराष्ट्र के एक संत द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए पांडुलिपियों से गोरक्षपीठ की 16वीं से 19वीं सदी कि मध्य के सिद्ध संतों की परंपरा की जानकारी मिलने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने शिक्षण संस्थानों को पांडुलिपियों, ताम्रपत्रों के संग्रह और अध्ययन के लिए प्रेरित भी किया।

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UP’s law and order has become a model for the country and the world: Yogi Adityanath

Lucknow – Chief Minister Yogi Adityanath asserted on Wednesday that the ‘image’ of Uttar Pradesh has completely transformed and the state’s law and order has become a ‘model’ for the rest of the country and the world. CM Yogi inaugurates 144 residential / non-residential buildings of Police Department built a the cost of Rs 260 crore virtually Policemen must show sensitivity towards common people, says Yogi “Our government worked on ramping up police infrastructure” “Today, when we speak about rule of law, the ‘UP model’ does come to mind. UP has set an example in front of the country in establishing law and order,” the CM said, adding that, the biggest challenge, however, is to move away from the methods of British Police and create a different image of UP Police. “The policemen must show sensitivity towards common people”, he remarked. The CM said this while inaugurating virtually 144 residential / non-residential buildings, including hostels, barracks, police stations and chowkis, built at the cost of Rs 260 crore for the Police Department at an event organised in Lok Bhawan. “Five years back, Uttar Pradesh was considered a BIMARU state. There was no thinking of development and the law and order situation was worse. There was a sense of insecurity among businessmen, women, farmers and labourers in the state,” said Yogi. The CM further said that after taking the charge of the state on March 19, 2017, the first thing he did was to inspect the Home Department on March 20, adding that he was baffled to see the mismanagement prevailing in the department. “There was also lack of police personnel in the state as 54 companies of the Pradeshik Armed Constabulary (PAC) had been disbanded. At that crucial juncture, we recruited more than 1.62 lakh policemen maintaining utmost transparency,” said the CM, pointing out that the capacity of the training centres has been enhanced and steps have also been taken to modernise the police force. Stressing the need to keep up with the pace of the world, the CM insisted on constituting the world’s largest police force in Uttar Pradesh. “We are constantly making efforts towards modernisation of the police force in the state. Cyber labs have been established in 18 zonal headquarters for the first time. Efforts were made to set up forensic science labs. Today, the number of FSLs has gone up from 4 to 12. In addition, a Special Security Force was constituted”, CM Yogi remarked. Furthermore, Four ATS battalions were raised while three women battalions were formed in the state, CM Yogi said, adding that three battalions of SDRF were also formed. Meanwhile, Project of safety and CCTN were implemented in the state. Lauding the efforts of the UP Police, the Chief Minister said that for the first time in the history of the country, law and order became an issue in the elections. He said that the Government got public support and votes due to better law and order. Highlighting that the state has become a top destination for investors, the CM said that Uttar Pradesh has received investments worth Rs 4 lakh crore due to the improved law and order situation. The state has also set an example before the country by removing unnecessary loudspeakers installed at religious sites, or reducing their volumes across the state quietly with harmony. The Chief Minister said that the Police had also shut down illegal bus and taxi stands running in the state and people felt much safer and fearless in the state now while on the contrary, criminals were panicky. Maintaining that for the first time any government focused on providing infrastructure facilities to the Police Department, the CM said, “There were no barracks earlier. I did a surprise inspection of the Lucknow Police Lines and noticed there were no barracks. The living condition for the ‘jawans’ was wery poor. So, to strengthen the policing system and provide a better living conditions for police personnel, in a meeting with the Home Department, a fund of Rs 6000 crore was provided immediately for the department to improve its infrastructure facilities.” The CM asserted that they will be successful in modernising the UP Police force. “Construction of new buildings, barracks, police stations and hostels will not only strengthen the policing system, but also be beneficial to police personnel and improve their living conditions. It is part of the modernisation drive for our police force.” CM remarked furher, “Technology is necessary, but with technology our sensitivity towards humans should not disappear. We should not remain imprisoned in technology. Colonial methods in terms of infrastructure and uniform still dominate the Indian Police. We must work towards changing the image of UP Police.” Mentioning his recent interaction with the CBSE board topper from Shamli, he said, “even such a young girl praised the law and order situation in the state and said that girls are no more afraid of leaving their homes after the sunset.” Yogi said that the biggest challenge in front of the young generation is drug addiction. Now a massive campaign is being run against drug dealers because it is a crime against the nation. We have the most passionate youth of the country and it is our duty to protect the future of our country.

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UP Govt makes a move to ensure Gorakhpur’s terracotta goes global

Lucknow –  In a move to further boost Gorakhpur’s terracotta, which earlier remained confined to small villages in the area and presently has garnered global attention with Chief Minister Yogi Adityanath’s efforts, the Uttar Pradesh Government has decided to ensure accessible loans to terracotta craftsmen. Punjab & Sind Bank to provide accessible loans to 5000 terracotta craftsmen of Gorakhpur Bank representatives meet CM Yogi Adityanath, ACS MSME Aiming to fortify the traditional culture and indigenous terracotta crafts of Gorakhpur as well as help it go global, financial assistance will be provided to about 5000 crafstmen associated with the craft through Punjab and Sind Bank. A meeting in this regard was held between the representatives of the bank and the Chief Minister in presence of ACS MSME Navneet Sehgal. During the meeting, a target was worked upon to provide loans of Rs 25 crore to the craftsmen from the bank. The bank will work closely with the Department of Micro, Small and Medium Enterprises (MSME), Uttar Pradesh in this regard. The Chief Minister, during the interaction also informed the officials from the bank about the speciality of the soil craft terracotta of Gorakhpur and said that through ODOP, terracotta has gained global recognition and has created numerous employment opportunities. ACS MSME, Navneet Sehgal, informed the representatives of the bank that realising the vision of ‘self-reliance’ of PM Modi, the state government under the leadership of CM Yogi Adityanath is working assiduously to provide a platform to the indigenous crafts of every district through ODOP, ensuring economic progress and wide-scale employment generation. Sehgal said that today the terracotta craftsmen of Gorakhpur are making about a thousand types of products for which there is a tremendous demand. Terracotta has also got the GI (Geographical Indication) tag due to the efforts of the government. ACS MSME further appreciated the Punjab and Sind Bank for coming forward to give loans to terracotta craftsmen and said that this would go a long way in helping the craftsmen to scale their business to new heights. On this occasion, Dr Ramjas Yadav, Executive Director, Punjab and Sind Bank said that with the efforts of the Government of Uttar Pradesh, the ODOP scheme has been recognised door-to-door. He expressed happiness over working closely with the MSME department of the state in the direction of providing loans for terracotta craftsmen. Terracotta products are also available for sale on online platforms of various e-commerce companies. Compared to 2017, the number of people earning employment from terracotta crafts has increased almost ten times.

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