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CM Yogi Adityanath’s popularity continues to soar on social media

Chief Minister Yogi Adityanath’s popularity continues to soar on social media with as many as 21.5 million followers on Twitter while his most prominent opponent, Rahul Gandhi, lags far behind at 20.4 million. Yogi Adityanath is also far ahead of his counterparts from other states on social media. Yogi has more followers than Rahul Gandhi on Twitter Google trends show Yogi is more searched compared to Rahul Gandhi Yogi Adityanath has been one of the most active politicians on social media for the past many years. The popularity of Yogi Adityanath is not restricted to Uttar Pradesh and people from all over the country follow him on social media platforms. It is to be noted that CM Yogi has organic followers on social media, without any paid promotions, and for this reason, CM Yogi has overtaken Rahul Gandhi on Twitter. Chief Minister Yogi Adityanath uses all the platforms of social media including Twitter, Facebook, Instagram, and Koo to connect with people and provide the latest information related to decisions taken by the Government in the public interest to them. CM Yogi’s messages have a massive reach among the audience because most of them are in public interest. He uses social media platforms to disseminate information regarding various schemes of the government. He has also used the platform extensively to inform people about the steps the government is taking to stop the spread of the coronavirus disease. On the contrary, Rahul Gandhi’s comments on social media are largely political in nature. Yogi Adityanath remains a topic of discussion on all platforms of digital media. Google trends shows that between December, 2021, and April, 2022, Yogi Adityanath was more searched on Google compared to Rahul Gandhi. The news of Yogi Adityanath has also been the most searched during the assembly elections. Tweets by myogiadityanath

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स्मार्ट काशी में होने लगी पेट्रोल की बचत, सड़कों के जाल ने घटायी दूरियां

वाराणसी– मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार काशी की जनता का हेल्थ, वेल्थ और बहुमूल्य समय तीनों बचा रही है। वाराणसी में सड़कों के जाल ने आम आदमी का सफर आसान कर दिया है। आधे पैसे और आधे समय में वे अपनी नियत स्थान तक पहुंच जा रहे हैं, जबकि रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के पहले इतनी ही दूरी तय करने में दोगुना समय और दोगुना ईंधन लग जाता था। इसके अलावा 4 पार्किंग भी ईंधन बचाने में सहायक साबित हो रही है। इसका सकारात्मक असर पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है। – वाराणसी स्मार्ट सिटी के सर्वे रिपोर्ट से सामने आये तथ्य – वाराणसी में सड़कों के जाल ने आम आदमी का सफर किया आसान – रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग से आधे पैसे और आधे समय में तय हो रही दूरी – वाराणसी में बनी हैं 4 आधुनिक पार्किंग, बच रहा ईंधन और पर्यावरण वाराणसी स्मार्ट सिटी की रिपोर्ट वाराणसी के विकास ने आम नागरिक के जीवन को सरल कर दिया है। रिंग रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से सफर सुहाना लगने लगा है। वाराणसी स्मार्ट सिटी ने कई विभागों से समन्यव करके एक सर्वे के आधार पर डेटा जुटाया है, जिसमें पाया गया कि बाबतपुर एयरपोर्ट से अतुलानंद स्कूल की दूरी 18 किलोमीटर थी, जिसे तय करने में पहले 3 लीटर फ्यूल (डीजल) और 60 मिनट लगता था। अब 6 लेन सड़क बनने के बाद उसी दूरी को तय करने में आधा समय और आधा ईंधन लगता है। कम हुई दूरियां, बचने लगा ईंधन इसी प्रकार हरहुआ से चिरईगॉव की दूरी 20 किलोमीटर, समय 1 घंटा ईंधन 3.5 लीटर लगता था। अब वही दूरी आधे समय यानी 30 मिनट में और आधे से भी कम 1.5 लीटर ईंधन में दूरी तय की जा रही है। वहीं शहर से राजातालाब 35 किलोमीटर और 75 मिनट में तय होता था। इसमें 5 लीटर ईंधन लगता था। अब शहर से राजातालाब वाया रिंग रोड की दूरी लगभग आधी यानी 17 किलोमीटर हो गई है। जो 2 लीटर ईंधन में पूरी हो रही है। वाहनों के जहरीले धुएं में आयी कमी शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाको में बने दो पहिया और 4 पहिया वाहनों के लिए चार आधुनिक पार्किंग भी लोगों की ट्रैवलिंग टाइम और ईंधन बचा रहे हैं। इसके अलावा गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं से भी लोग बच रहे हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिल रही है। आने वाले समय में रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और रोप वे के बन जाने से आम और ख़ास की सेहत के साथ पॉकेट पर भार तो कम होगा ही, समय भी बचेगा।

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साइबर क्राइम मैनेजमेंट में यूपी पुलिस को बड़ा अवॉर्ड, फिक्की ने किया सम्मानित

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने के अभियान के नतीजे अब नजर आने लगे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री फिक्की ने दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ को साइबर क्राइम मैनेजमेंट के क्षेत्र में स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड-21 से सम्मानित किया है। फिक्की ने यह अवार्ड होमलैंड सिक्योरिटी पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया। यूपी एसटीएफ को यह अवार्ड जार्विस सियान साफ्टवेयर टूल के लिए दिया गया है। तीन दिन पहले एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में अच्छी खासी कमी का उल्लेख किया गया था। – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का दिखने लगा असर, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी में घटने लगे साइबर क्राइम के मामले – मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में खोले गए हैं रेंज स्तर पर साइबर थाने रेंज स्तर पर साइबर थाने खुलने से घटे मामले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ रहे साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस को प्रदेश के विभिन्न जिलों में साइबर थाने स्थापित करने के निर्देश दिये थे ताकि साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सके। इसी के तहत प्रदेश में संचालित दो साइबर थानों की संख्या में इजाफा करते हुए रेंज स्तर पर 18 साइबर थाने शुरू किए गए। इन थानों में दर्ज 1012 अपराधों में से 379 मामलों में खुलासा हो चुका है, जबकि 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं 68.69 करोड़ रुपये की धनराशि को खातों में सीज किया गया। साथ ही 6.40 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। जिसके बाद प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में कमी देखी गई है। 2020 की तुलना में 22.6 फीसद कम दर्ज हुए मामले फिक्की ने भी प्रदेश में कम होते साइबर क्राइम के मामलों की सराहना करते हुए दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह को स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड के लिए सम्मानित किया। एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी साइबर क्राइम के मामले घटकर 8829 रह गए, जोकि वर्ष 2020 की तुलना में 22.6 फीसदी की कम है।

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एनसीआर की तर्ज पर गठित होगा ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व सभी शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। – मुख्यमंत्री योगी का आदेश, लखनऊ व आसपास के जिलों को शामिल कर तैयार करें प्रस्ताव – बोले योगी, यूपी में भूमाफिया स्वीकार नहीं, भूमाफियाओं के खिलाफ विकास प्राधिकरण व नगरीय निकाय और तेज करें कार्रवाई – ‘सोलर सिटी’ अयोध्या दुनिया को देगी ऊर्जा संरक्षण का संदेश – निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए स्वतः स्फूर्त प्रयास करें विकास प्राधिकरण: मुख्यमंत्री – मुख्यमंत्री ने की आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा, दिए जरूरी दिशा निर्देश – लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के लिए मुख्यमंत्री ने मांगा प्रस्ताव   ◆ आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कि कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को ‘ईज ऑफ लिविंग’ का अनुभव हो रहा है। ◆ प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप अगर हमें $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करना है तो हमें शहरीकरण को बढ़ाना होगा। विकास प्राधिकरणों की भूमिका इसमें बहुत अहम है। निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए तकनीक की मदद से विकास प्राधिकरणों को स्वतः स्फूर्त से आगे बढ़ना होगा। हमें नगरीय नियोजन का मॉडल देना होगा। सभी प्राधिकरण अपने विजन के अनुरूप ऐसे प्रयास करें। ◆ विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें। मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए। हर विकास प्राधिकरण/नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। प्राधिकरणों को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन भी खुद ही करने पर गम्भीरता से विचार करना होगा। नए शहर बसाने हों अथवा कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि यहां कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। इससे प्राधिकरण को आय होगी, जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकेगी। ◆ सतत-समन्वित प्रयासों से राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ का गठन किया जाना चाहिए। इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है। सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। ● प्रधिकरणों और नगरीय निकायों में भूमाफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश में किसी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ◆ सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए। हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों। ◆ अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना पर तेजी से कार्य किया जाए। यह प्रयास वैश्विक पटल पर अयोध्या को एक विशिष्ट पहचान देने वाला होगा। अयोध्या से पूरी दुनिया को ऊर्जा संरक्षण का महान संदेश मिलेगा। यहां के ऐतिहासिक स्थलों पर भित्ति चित्र कलाकृति, राम कथा गैलरी, ओपन एयर थियेटर से जुड़े का समय से पूरे होने चाहिए। रामायण परंपरा की ‘कल्चरल मैपिंग’ कराई जाए। इसी प्रकार, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो। ◆ बरसाना में राधारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को जल्द ही रोप-वे की नई सुविधाम मिल सकेगी। यह महत्वपूर्ण परिययोजना इसी वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर ली जानी चाहिए। इसी प्रकार, काशी में कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक बनने वाला रोप-वे आम जन को एक अनूठी नगरीय परिवहन व्यवस्था से परिचय कराएगा। इस परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए। ● लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को अगले जल्द से जल्द प्रारंभ करा दिया जाए। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। नगर निगम के लखनऊ के दायरे को विस्तार दिया जाए। बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए। ● प्राधिकरण सीमान्तर्गत सभी आवासीय/निजी/शासकीय भवनों में रेन वॉटर हारवेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में एक सुस्पष्ट नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करें। ◆ लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज का सिटी डेवलपमेन्ट प्लान तैयार कर लिया जाए। लीड्स – 2021 नीति के अन्तर्गत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर , वाराणसी एवं मेरठ की शहरी लॉजिस्टक योजना तैयार करने में देरी न हो। ◆ राजधानी लखनऊ में मेट्रो की सेवा आम जन को खूब भा रही है। कोविड काल से पूर्व करीब 72000 यात्री हर दिन इस सेवा का लाभ लेते रहे हैं, अब एक बार फिर मेट्रो में यात्रियों की संख्या पूर्ववत हुई है। लखनऊ मेट्रो के अगले चरण के विकास का प्रस्ताव तैयार कर एक सप्ताह में प्रस्तुत किया जाए। ◆ मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण में गोकुल और बलदेव के क्षेत्र को समाहित करते हुए इसका विस्तारीकरण किया जाना चाहिए। इस सम्बंध में औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जाए। ◆ रिटेल एस्टेट सेक्टर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हाल के।वर्षों में अनेक हाईटेक टाउनशिप और इंटीग्रेटेड टाउनशिप की परियोजनाओं और तीन बार की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से लगभग 30,877 करोड़ का निवेश का इस सेक्टर में आया है। अब जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिकाधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए यह जरूरी है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्लान नीति को और व्यवहारिक बनाया जाए। नवीन नीति तैयार करते समय सम्बंधित सेक्टर के विशेषज्ञों, निवेशकों को जरूरतों और अपेक्षाओं का

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बूस्टर डोज के मामले में यूपी ने अन्य राज्यों के सामने पेश की मिसाल

लखनऊ | वैश्विक महामारी कोरोना से जंग जारी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे बूस्टर डोज (अमृत डोज) अभियान ने देश के अन्य राज्यों के सामने लंबी लकीर खींच दी है। सीएम योगी द्वारा लगातार की जा रही मॉनीटरिंग का ही परिणाम है कि अमृत डोज अभियान में मात्र 45 दिन के अंदर ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका है, जबकि गुजरात को छोड़कर देश के अन्य राज्य इस आंकड़े के आधे पर भी नहीं हैं। यूपी में 15 जुलाई से शुरू हुआ अमृत डोज अभियान आगामी 30 सितंबर तक चलेगा। – सीएम योगी के नेतृत्व में चल रहा बूस्टर डोज लगाने का बड़ा अभियान – अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर – साथ ही 37 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन लगाकर प्रथम पायदान पर काबिज है यूपी – कारोना वैक्सिनेशन के मामले में यूपी के आस-पास भी नहीं हैं दूसरे राज्य – सीएम योगी खुद करते हैं कोरोना टीकाकरण अभियान की मॉनीटरिंग दूसरे राज्यों के सामने पेश की मिसाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार तीन सितंबर तक यूपी ने कुल 37,18,54,092 कोविड डोज लगाकर देश के दूसरे राज्यों के सामने नजीर पेश कर दी है। वहीं अमृत डोज की बात करें तो यहां भी यूपी ने बड़ा कीर्तिमान गढ़ा है। प्रदेश ने अबतक 2,75,47,150 लोगों को अमृत डोज लगाने का रिकॉर्ड बना लिया है। यूपी में 18 से 59 वर्ष के 2,05,85,789 जबकि 60 साल के ऊपर के 69,61,361 लोगों को बूस्टर डोज लगायी जा चुकी है। इतने लोगों को लगी डबल डोज भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार यूपी में तीन सितंबर तक 18 साल से ऊपर के 14,69,51,275 लोगों को कोविड के दोनो डोज लग चुके हैं। 15 से 18 साल के 1,30,98,873 किशोरों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगायी जा चुकी है। ऐसे ही 12 से 14 साल के 75,85,811 बच्चों को भी डबल डोज लग चुकी है। अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन अच्छा वैसे तो अमृत डोज लगाने का अभियान प्रदेश के सभी 75 जिलों में चल रहा है, मगर परफॉर्मेंस की बात करें तो छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार महोबा का प्रदर्शन यूपी में सबसे अच्छा है। इसी प्रकार क्रमश: रायबरेली, देवरिया, मुजफ्फरनगर, चित्रकूट, कन्नौज, मैनपुरी, पीलीभीत, भदोही और मऊ में अमृत डोज अभियान प्रदेश के औसत (20.6 प्रतिशत) से काफी ऊपर है। इस लिस्ट में प्रदेश के 37 जिले शामिल हैं, जबकि 38 जिलों का प्रदर्शन प्रदेश के औसत से कम है। इन जिलों में टीकाकरण अभियान को और तेज करने के लिए मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है। पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है अमृत डोज स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अपडेट आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी जनपदों में अमृत डोज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उदाहरण के लिए मिर्जापुर में 29180, कासगंज में 10490, अमरोहा में 10830, हरदोई में 20850, बागपत में 12280, मुरादाबाद में 17090, आगरा में 24000, मथुरा में 18710, गौतमबुद्ध नगर में 29010, लखनऊ में 50680, रायबरेली में 34830, मुजफ्फरनगर में 10780, कन्नौज में 6970, पीलीभीत में 13000, मऊ में 17840, महोबा में 5240, देवरिया में 20460, चित्रकूट में 5550, मैनपुरी में 14960 और भदोही में 26810 वैक्सीन डोज उपलब्ध है। सीएम योगी की मॉनीटरिंग और प्रोत्साहन अभियान से दिख रहा रिजल्ट यूपी सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज देकर देश में टीकाकरण अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्‍व कर रहा है। प्रदेश की इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लगातार मॉनीटरिंग और कोविड वैक्सिनेशन के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाना मुख्य कारण है। वहीं बूस्टर डोज के महत्व के बारे में लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इन अभियानों के माध्यम से टीकाकरण केंद्रों की जानकारी भी दी जा रही है।

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जून 2023 तक अयोध्या नगर को बिजली के तारों के मकड़जाल से मिल जाएगा निजात

अयोध्या । भगवान श्रीराम की नगरी के प्राचीन वैभव को दोबारा वापस लाने के लिये योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। जहां एक ओर भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ नगर को संवारने का काम भी पूरी रफ्तार से जारी है। इसी क्रम में अयोध्या नगर में बेतरतीब ढंग से फैले बिजली के तारों को भूमिगत करने का काम जोर शोर से चल रहा है। अधिकारियों की मानें तो जून 2023 तक अयोध्या नगर को तारों के मकडजाल से निजात मिल जाएगी। 179.60 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा अंडरग्राउंड करने का काम ऊर्जा मंत्रालय, एनटीपीसी टांडा और अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा ‘उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य पावर 2047’ कार्यक्रम के अंतर्गत बिजली के तारों को भूमिगत किया जा रहा है। 179.60 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे इस काम में एरियल बंडल केबल (एबीसी) डालने का काम तो अक्टूबर तक ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या में उजाला योजना के अंतर्गत अबतक 3,81,536 एलईडी लाइट का वितरण किया गया है। इससे विद्युत मांग में 20.22 मेगावाट की कमी आयी है। साथ ही विभाग को 19 लाख रुपये की बचत भी हुई है। भूमिगत केबल का काम 50 फीसदी पूरा अधिशाषी अभियन्ता प्रदीप कुमार वर्मा के अनुसार भूमिगत केबल बिछाने की कुल लागत लगभग 180 करोड़ है। अबतक हमने तकरीबन 50 फीसदी काम पूरा कर लिया है। इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (IPDS) योजना का काम हमने जून 2021 में शुरू किया था, जिसे पूरा करने का लक्ष्य जून 2023 तक है। कार्य की प्रगति को लेकर हम हर हफ्ते बुधवार को रिव्यू मीटिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि आगे के काम में रामपथ धाम के चौड़ीकरण के साथ-साथ अंडरग्राउंड केबल डालने का होगा। इसे जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य है। 72 करोड़ से 2700 मजरों का विद्युतीकरण अधिकारी के अनुसार अंडरग्राउंड केबलिंग के अलावा सौभाग्य योजना फेज-1 के तहत 61.80 करोड़ रुपये की लागत से 2,556 मजरों का विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। इसमें 1,02,487 घरों का संयोजन कर उन्हें रोशन किया गया है। इसमें से 37,239 बीपीएल परिवारों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सौभाग्य योजना फेस-2 के अंतर्गत 10.27 करोड़ रुपये की लागत से 147 मजरों का विद्युतीकरण कर 13,260 घरों को रोशन किया गया है। इसमें 807 बीपीएल परिवारों को शामिल किया गया है।   470 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन किया गया उन्होंने बताया कि जिन घरों के लिये विद्युत लाइन निर्माण तथा संयोजन निर्गत किया जाना संभव नहीं था, उन घरों को रोशन करने के लिए सौभाग्य योजना के अंतर्गत ही सोलर पावर पैक (सौर ऊर्जा) से रोशन किया गया है। जनपद में ऐसे 470 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन करने का कार्य पूरा कर लिया गया है। 20.15 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण उन्होंने बताया कि आईपीडीएस योजना के अंतर्गत जनपद में 32.55 करोड़ की लागत से 7 आईपीडीएस टाउन प्रणाली में सुधार का कार्य किया गया है। इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 20.15 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण एवं निःशुल्क संयोजन निर्गत किये गये हैं। बॉक्स सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप भगवान राम की नगरी में विकास कार्य गतिमान हैं। इसी कडी में अयोध्या नगर में भूमिगत केबिल डालने का कार्य जून 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा, इससे नगर की खूबसूरती और बढ़ जाएगी। हमारी सरकार अयोध्या के पुराने वैभव को वापस लाने के लिये कटिबद्ध है।

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मुख्यमंत्री योगी ने नशे के सौदागरों को घोषित किया राष्ट्रिय अपराधी

26 अगस्त । नशे के सौदागरों के खिलाफ जो अभियान चल रहा है उसमें समाज के हर तबके को अपनी भागीदारी दिखानी होगी, क्योंकि ये युवाओं के साथ साथ देश को बचाने का अभियान है। जहरीली शराब हो या फिर किसी भी प्रकार के ड्रग्स के जरिए युवा पीढ़ी को बर्बाद करने की साज़िश, अभियान के साथ इसे समाप्त करना होगा। ये बातें शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीसीएस यूनिवर्सिटी के प्रेक्षागृह में आयोजित टैबलेट और घरौनी वितरण कार्यक्रम में कही। इससे पहले उन्होंने मां सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। अगर युवा पीढ़ी के साथ किया खिलवाड़ तो बख्शा नहीं जाएगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरा तो यही मानना है कि हमारा युवा इस अभियान का हिस्सा बने। प्रशासन अपना काम करेगा फिर भी किसी भी नशे के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि नशे के अवैध कारोबार में जो भी लोग संलिप्त हैं, हम उन्हें चिह्नित कर रहे हैं, इसके बाद उनकी सारी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। नशे के कारोबार को राष्ट्रीय अपराध के आधार पर अपराधी घोषित करते हुए सज़ा दिलाने का कार्य सरकार करेगी। अगर कोई युवा पीढ़ी के जीवन के साथ खिलवाड़ करेगा तो उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास की आधार भूमि मेरठ में आप सभी लोगों के साथ संवाद बनाने का अवसर मिला है। मेरठ की अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक पहचान है। यहां औघड़नाथ मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं बल्कि भारत की स्वाधीनता की लौ को जलाने वाला केंद्र था। डिजिटल क्रांति का लाभ आम जनमानस को मिल रहा मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में हमारा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के रूप में बदलने को अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने योजनाओं का एक केंद्र बिन्दु बना दिया है। देश के गांव, गरीब, युवाओं, महिलाओं समेत समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों को बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्टार्प अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेकिंग इंडिया, युवा स्वराज, किसान सम्मान निधि योजना का जिक्र करते हुए कहा कि आज इन योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है। यह बदलाव डिजिटिल इंडिया के माध्यम से हुआ है। अब डिजिटल क्रांति का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। हमारा सौभाग्य है कि ये वर्ष आज़ादी का अमृत वर्ष है, हम सबने अपनी आजादी के महोत्सव को अपनी आंखों से देखा है जब ये देश आज़ादी का शताब्दी वर्ष को मना रहा होगा तो उस समय आज का युवा समाज के किसी न किसी हिस्से में कोई समाज के हित के कार्य में लगा होगा। डब्ल्यूएचओ ही नहीं दुनिया के कई देश पीएम के कोविड प्रबंधन क्षमता के हुए कायल कोरोना इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है। कोरोना काल में देश ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक विश्वस्तरीय मॉडल प्रस्तुत किया है और दुनिया के सामने अपनी प्रबंधन क्षमता का लोहा मनवाया है। आज डब्ल्यूएचओ के साथ विश्व के विभिन्न देश प्रधानमंत्री मोदी के कोविड प्रबंधन क्षमता की सराहना कर रहे हैं। आज देश की आबादी 135 करोड़ है, यहां सभी को मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता है। सभी अपने मौलिक अधिकारों के साथ जी रहे हैं, सबको यहां बोलने और जीने की आज़ादी है। यही वजह है कि कोविड काल में भारत ने अपने व्यवहार से कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़कर उसके खिलाफ जीत हासिल की। देश की एकता की बात जब आती है तो प्रधानमंत्री के एक आह्वान पर उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू को सभी अपनाया और दुनिया को सुशासन का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान देश में जीवन और आजीविका को बचाने के लिए 80 करोड़ से अधिक लोगों को फ्री में राशन वितरित किया गया, कोविड के फ्री टेस्ट, फ्री इलाज की सुविधा दी गई। हम कोविड के खिलाफ लड़ाई में सफल इसलिए हुए क्योंकि हमारे पास अनुशासन था। कोरोना काल में वापस आये श्रमिकों को स्किल्ड किया गया, उन्हें रोजगार से जोड़ा गया। हमारा प्रदेश है सबसे युवा प्रदेश में नई तकनीकी का इस्तेमाल कर डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी तक योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है। भारत ग्रामीण परिवेश का देश है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत आज ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को उनके घरों की घरौनी सौंपी जाएगी। आज उनका कागजों पर भी मालिकाना हक दिया जाएगा। इससे वह बैंक से लोन लेकर अपना रोजगार स्थापित कर सकेंगे। पहले गरीब के घर पर दबंग कब्जा कर लेते थे। इसको लेकर पूर्ववर्ती सरकारें उदासीन थी। पहली बार ड्रोन की तकनीकी का इस्तेमाल कर लोगों को उनका मालिकाना अधिकार दिया जा रहा है। अब तक 34 लाख परिवारों को ये हक दिया जा चुका है। प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी हमारे लिए उपलब्धि है। हमारा युवा भी स्मार्ट हो रहा है, हमारे युवा में असीम संभावनाएं हैं क्योंकि हम कहीं जाते हैं तो कहते हैं कि हमारे पास सबसे उत्कृष्ट, सबसे प्रतिभावान युवा है, हमारा प्रदेश सबसे युवा है। कोरोना काल में राजस्थान सरकार ने वहां रह कर कोचिंग कर रहे प्रदेश के युवाओं का कोई साथ नहीं दिया, हमने उन्हें बसें भेजकर सुरक्षित घर पहुंचाया। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता आज उत्तर प्रदेश में अभ्युदय कोचिंग के जरिए अभ्यर्थियों को कोचिंग दी जा रही है। इन कोचिंग में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें पढ़ाया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में अभ्युदय कोचिंग जल्द शुरू होने वाली है। वहीं हमने इंफोसिस जैसी संस्थाओं के साथ एमओयू साइन किया है, जिनके प्रोग्राम आधारित पाठ्यक्रमों से युवा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। युवाओं को आज स्मार्टफोन, टैबलेट दिए जा रहे हैं। हमे अगर देश को समृद्ध बनाना है तो हमे अपने अपने क्षेत्र में पूरी निष्ठा के साथ कार्य करना होगा। हम अक्सर दूसरों की कार्यपद्धति पर सवाल उठाते हैं तो यही नकारात्मकता बनती है, हमारी मनीषा में कहा गया कि कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता, उसे योग्य योजक की आवश्यकता होती है। प्रदेश को नंबर

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CM Yogi Adityanath launches 274 development projects worth Rs 810 crore in Hapur

Lucknow | Firing yet another salvo at the previous governments for neglecting Hapur’s development, Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath, on Friday, said that despite being in existence for years, Hapur longed for its own proper hospital and other basic facilities. “We rid the region of lawlessness, anarchy, hooliganism and paved the way for development,” he said. Dedicating as many as 274 developmental projects worth Rs 810 crores in Hapur, the CM said, “Hapur showed its faith in the BJP in the assembly elections which testifies the development-oriented thinking of the government. Despite being in existence for 11 long years, Hapur was deprived of its own proper hospital. Our government will give pace to the development of the region and the launch of various projects today marks the beginning of Hapur’s development journey.” Hapur deprived of development, proper medical facilities under previous govts’ : CM Speaking on the occasion, Yogi Adityanath said, “all the public representatives of Hapur have been assured of no dearth of funds to ensure that development projects are completed on time to benefit the people. An Integrated ‘Kachhari’ is underway which will serve as one platform for all district-level offices for the convenience of the people. This will give a new dimension to the process of development.” Comparing the law and order situation in the state with the previous governments, the CM said that today, Kanwar Yatras are being taken out successfully and peacefully, there are no more riots and no place for hooliganism. Daughters can now go to school and women can go to market safely. Playing with future of Youth is a ‘National Crime’: Yogi attacks drug smugglers “Our government has a policy of zero tolerance in crimes against women and if any person dares compromising it, he will be made to pay in the same manner,” warned Yogi. The CM went on to say that due to the development-oriented approach of the BJP government, the distance from Delhi to Hapur and Meerut has now reduced. Ganga Expressway will also run between Hapur and Meerut, which will cover the distance of Prayagraj in 6 hours. Our Govt established rule of law, ensured safety of women & daughters, says CM “Projects like Film City, Medical Device Park in nearby regions and upcoming Sports University in Meerut will generate numerous employment opportunities for the youth,” said Yogi. Declaring that Uttar Pradesh’s Covid-19 management fared well in comparison to many other states and countries, the CM said, “Under PM Modi’s leadership the most populous state contained the pandemic efficiently. People are being provided free vaccines, free testing facilities and free treatment along with free double-dose of foodgrains.” Highlighting his government’s achievements, the Chief Minister said that in the last five years despite the Covid-19 pandemic, 5 lakh youth has been given government jobs in the state, while about 1.61 crore youths were given job opportunities through various MSME units, industrial sectors, among others. Similarly, about 60 lakh craftsmen, and artisans were also connected with banks in a way to ensure their self-employment. Govt determined to ensure bright future of youth, promoting sports culture & education: Yogi Affirming his government’s commitment to ensuring a bright future for the youth, the CM said that his government is promoting sports, making playgrounds in every village, building world-class educational institutions, and efforts are being made towards technological up-gradation of youth by distributing 2 crore tablets and smartphones. “We have to collectively fight against illicit liquor and drugs trade and treat the illicit liquor and drug smugglers as ones committing national crime as playing with the future of youth is equivalent to committing a national crime,” asserted Yogi. Furthermore, Yogi added that the government is taking forward the programme of skill mapping of every household to provide employment to at least one youth of every family in the state. “Before five years, the government discriminated in giving benefits, there was no electricity, no safety, there was chaos, and hooliganism was at its peak. Development works were stalled, however, today, festivals are being conducted peacefully and development is at its peak,” concluded Yogi.

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MP : अपने प्यार को अमर रखने के प्रयास में, पति ने घर के आंगन में दफनाया पत्नी का शव

मध्य प्रदेश | बीमार पत्नी की मौत के बाद मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में पति ने शव को घर के अंदर ही दफना दिया। खबर फैलते ही मोहल्ले में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने मौके पर पहुँच कर शव को निकलवाया और विधि विधान से शमशान घात में दफ़न करवाया। लंबे समय से बीमार चल रहीं वार्ड नं 14 निवासी शिक्षक ओंकार दास मोंगरे की पत्नी रुक्मणि की मौत 23 अगस्त की सुबह अस्पताल में हुई। अंतिम संस्कार किम तैयारियां शुरू कर चुके परिजनों के सामने पति ओंकार दास ने घर के अंदर ही शव दफनाने की जिद पकड़ ली और घर के सामने स्थित कमरे में गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया। इस बात की जानकारी जैसे ही आसपास के लोगों को लगी वे आक्रोशित हो गए। स्थानीय लोगों का कहना था कि मोहल्ले की महिलाएं व बच्चे इस घटना से काफी डरे सहमे हुए हैं, लिहाजा शव को श्मशान घाट में दफनाया जाए। मोहल्ले के लोग रात में ही कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए और प्रशासन से इस मामले में दखल देने की मांग करने लगे। पुलिस प्रशासन ने घर के अंदर से निकलवाया शव गौरतलब यह है कि मृतका पनिका समाज से है और पनिका समाज में शव को घर के अंदर दफनाने की परंपरा है।  मृतका का पति भी प्रशासन को परंपरा का हवाला दे रहा था लेकिन लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने शव को घर के अंदर से निकलवा कर श्मशान में दफ़न करवाया। डिंडोरी कोतवाली टीआई सीके सिरामे ने बताया कि वार्ड क्रमांक 14 से 23 अगस्त की सुबह एक महिला के शव को घर में ही दफनाए जाने की जानकारी मिली थी। आसपास के लोगों को ऐतराज था और उन्होंने थाने में आकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग के अधिकारियों और नगर पंचायत के अधिकारियों को भी इस मामले से अवगत कराया गया। 24 अगस्त को शिक्षक के घर पहुंचे. परिजनों को समझाकर शव को पहले घर से निकलवाकर श्मशान घाट में दफनाया गया है। लंबे समय से बीमार चल रही थी महिला टीचर के भांजे जगपाल ने बताया कि मामी लंबे समय से बीमार थीं। 23 अगस्त की सुबह उनका निधन हुआ जिसके बाद मामा ओंकार दास मोंगरे ने जाति-समाज की परंपरा के अनुसार घर के आंगन में ही उनका विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार करवाया. दोनों के कोई बच्चा नहीं था। वो चाहते थे कि उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार घर में ही हो। वह हमेशा के लिए अपनी पत्नी के साथ रहना चाहते थे।    

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तीन मामलों में ज़मानत मिलने के बाद भी फिलहाल जेल में ही रहेगा श्रीकांत त्यागी

नई दिल्ली | महिला के साथ छेड़छाड़ का केस मिलकर श्रीकांत त्यागी को कुल तीन मामलों में ज़मानत मिल गयी है। इसके बावजूद वो अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि पुलिस ने उस पर गैंगस्टर एक्ट लगा रखा है। कैमरे में महिला को गाली देते नजर आए नोएडा के नेता श्रीकांत त्यागी को 9 अगस्त को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था। महिला के साथ बदसलूकी करने वाले श्रीकांत त्यागी को पुलिस ने मेरठ में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मेरठ में श्रीकांत त्यागी समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले श्रीकांत त्यागी फरार था। यूपी पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद उसे गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम भी रखा था। गौतमबुद्धनगर पुलिस के मुताबिक उसकी सोशल मीडिया टीम की तरफ से एक नोटिफिकेशन आया था, जिसमें ओमैक्स का वीडियो था। इस पर पुलिस ने संज्ञान लिया। वीडियो 5 अगस्त की घटना का था। पुलिस ने पीड़ित से संपर्क किया। फिर पीड़ित से शिकायत लेकर आरोपी की तलाश शुरू की। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 12 टीमें बनाई थीं। आरोपी यूपी से बाहर भी गया था। तलाश के लिए तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई थी। आरोपी पुलिस से बड़ी चालाकी से बचता रहा था। पुलिस के अनुसार आरोपी फ्लाइट के जरिए शुरू में लखनऊ भागना चाहता था। पहले वह दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ गया, फिर मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश गया। फिर वापस मेरठ के आसपास घूमता रहा। उसने दो बार अपने मोबाइल बदले और गाड़ियां बार-बार बदलीं। नौ अगस्त को सुबह आरोपी को मेरठ के पास से उसके सहयोगियों के साथ अरेस्ट कर लिया गया था। उसके साथ नकुल त्यागी, संजय और राहुल को भी पकड़ा गया था। आरोपी के पास 5 गाड़ियां हैं जो कि बरामद कर ली गई थीं। त्यागी ने हर गाड़ी के वीआईपी नंबर के लिए एक लाख 10 हज़ार रुपये खर्च किए थे। उसके पास जो विधायक का स्टीकर था वह उसे स्वामी प्रसाद मौर्या से मिला था। उसकी संपत्तियों की जांच जारी है। आरोपी ने कहा था कि उसने महिला के साथ जो भी किया, वह गलत किया है इस पर इसे पछतावा है। ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी की एक महिला के साथ अभद्रता करने के आरोप में त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 3 साल पहले सोसाइटी में कब्जे का विवाद शुरू हुआ था। त्यागी द्वारा सोसायटी के साझा क्षेत्र में पौधे लगाने पर पीड़ित महिला ने आपत्ति जताई थी, जिससे वो भड़क उठा और जमकर हंगामा किया। मामले से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज किया। साथ ही इसके पुलिस ने इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को सस्‍पेंड भी किया। इतना ही नहीं मामले में शिकायतकर्ता महिला को दो निजी सुरक्षा अधिकारी मुहैया कराए गए और श्रीकांत त्यागी पर गैंगस्टर एक्ट लगाया।    

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